संदेश

अक्तूबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बदनसीब है बार एसोसिएशन कैराना

चित्र
      आज भारतीय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती मना रहे है. मैं भी देश के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले देश के इन दोनों अनमोल रत्नों को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं. मैं इन दोनों महापुरुषों के योगदान को समझ सकती हूं क्योंकि मैं अपने पिता स्व बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी में इनकी छवि के एक साथ दर्शन करती हूं. कैराना में अधिवक्ताओं के उज्जवल भविष्य हेतु अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले मेरे पिता जीवन की ऐसी कोई सुविधा नहीं थी जिसे वे हासिल न कर सकते हों, जो व्यक्ति अपने संपर्कों के दम पर कैराना में सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट ले आए, ए डी जे कोर्ट ले आए, जिनके दम पर अधिवक्ता यह कह सकते हों कि हम आंदोलन करने के लिए आगे बढ़ जाते थे क्योंकि पता था कि बाबू कौशल हमें बचा ही लेंगे, वह व्यक्ति अगर केवल अपनी प्रेक्टिस पर ध्यान देता तो कितनों का ही कहना है कि वे अपनी कोठी कार बना सकते थे किंतु उन्होंने नहीं चुना यह सुख आराम, उन्होंने चुना अधिवक्ता हित और अधिवक्ताओं का उज्जवल भविष्य और इसी कारण वे शायद पहले ऐसे अध्यक्ष बार एसोसिएशन