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गणतंत्र का हीरक जयन्ती पर्व - जनता रही उदासीन

 देश आज अपने गणतंत्र स्थापना का हीरक जयन्ती पर्व मना रहा है. 2 वर्ष पूर्व देश ने आज़ादी की 75 वीं वर्षगांठ जोर शोर से मनाई, आशा थी कि देश में लोकतंत्र स्थापना का यह पर्व भी उतने ही उल्लास से मनाया जाएगा. किन्तु ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दिया. जहां तब देश हर घर तिरंगा अभियान के आह्वान पर घर घर पर तिरंगा फहराते हुए नजर आया था वहीं आज दुकानों पर बिक्री हेतु तिरंगे के अंबार होने के बावजूद देशवासियों में लोकतंत्र स्थापना के पर्व को लेकर कोई उत्साह दिखाई नहीं दिया, न ही इस संबध में कोई सरकारी आदेश कहीं जानकारी में आया. यह एक आश्चर्य की बात है कि कई दशकों तक गुलामी और सैकड़ों वर्षों का राजतंत्र झेल चुकी भारत की जनता आज भी प्रजा ही बनी रहना चाहती है. 2023 में हर घर पर, हर गाड़ी पर, रिक्शा पर, ऑटो पर, बच्चों की साइकिल पर तिरंगा ही तिरंगा दिखाई दिया था क्योंकि भारत की सरकार का आदेश था और अब सब सूना, दुकानों पर भरमार थी तिरंगों की और क्षेत्र के घरों की छतें, बच्चों के हाथ, सड़कों पर वाहन सब खाली थे. गणतंत्र की उदासीन स्थिति को देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि यदि आजादी की हीरक जयंती पर भी भारत ...

इकरा चौधरी के मन की बात मानी जाए.

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      इकरा हसन आज भारतीय राजनीति में एक विख्यात और समझदार राजनेत्री के रूप में पहचान बना रही हैं. कैराना क्षेत्र से हसन परिवार की चौथी सांसद के रूप में तो इकरा हसन ने नाम कमाया ही है उससे कहीं ज्यादा नाम राजनीति में होते हुए, पढ़ी लिखी होते हुए भी सर से दुपट्टा न हटने देने वाली भारतीय नारी के संस्कारों को अपनाकर कमा रही हैं.       विकिपीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार इकरा चौधरी एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान में कैराना लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं। वे समाजवादी पार्टी दल की राजनेत्री हैं। इकरा लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा के पूर्व सदस्य दिवंगत चौधरी मुनव्वर हसन और लोकसभा की पूर्व सदस्य बेगम तबस्सुम हसन की बेटी हैं. उन्होंने नई दिल्ली के क्वीन मैरी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज से कला स्नातक की डिग्री हासिल की। ​​इसके बाद उन्होंने 2020 में लंदन के SOAS विश्वविद्यालय से एमएससी अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और कानून की पढ़ाई पूरी की।इकरा एक राजनीतिक परिवार से आती हैं, उनके दादा अख्तर हसन, पिता मुनव्...

पुरुषों की सोच यहां भी नहीं बदली

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हिन्दू धर्म की एक प्रसिद्ध उक्ति है "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता" जिसे हिन्दू धर्मावलंबियों द्वारा बहुत ही जोर शोर से उच्चारित किया जाता है. आजकल प्रयाग राज उत्तर प्रदेश में महाकुंभ आयोजित किया जा रहा है, जहां चहुँ ओर हिन्दू धर्म का डंका बज रहा है. साधू संतों के प्रवास के दौरान सारी प्रयाग राज की धरती पवित्र हो रही है. हिन्दू धर्म का झंडा बुलन्द करने वाली भाजपा नीत केंद्र और राज्य की सरकार ने श्रद्धालुओं के प्रयाग राज में पहुंचने की उत्तम व्यवस्था की है मीडिया द्वारा हिंदू धर्म - सनातन धर्म के इस पर्व को लेकर खासा प्रचार प्रसार किया जा रहा है. जिससे युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक में उल्लास पूर्ण वातावरण है जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु ज़न वहां पहुंच रहे हैं. इसी उल्लास को लेकर आने वाली दो खबरों ने हिन्दू धर्म संस्कृति पर सवाल खड़े कर दिए हैं. एक मध्य प्रदेश के महेश्वर से माला बेचने आई मोनालिसा के साथ युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक का असभ्य, अशोभनीय  व्यवहार और एक साध्वी बनने जा रही मॉडल हर्षा रिछारिया की सुन्दरता के पीछे पागलपन की हदें पार करती हिन्दू जनता. सवाल ...

भाजपा की ओछी सोच

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  नारी को लेकर भारत के नेताओं की सोच समय समय पर सामने आती रही है. पहले राजद नेता लालू प्रसाद यादव विख्यात अभिनेत्री हेमा मालिनी के गालों को लेकर विवादित टिप्पणी कर चुके हैं , अब भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी कॉंग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी के गालों पर टिप्पणी करने बैठ गए हैं. रमेश विधूड़ी कहते हैं कि , 'लालू ने वादा किया था कि बिहार की सड़कों को हेमा मालिनी के गालों जैसा बना दूंगा, लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, जैसे ओखला और संगम विहार की सड़कें बना दी हैं, वैसे ही कालकाजी में सारी की सारी सड़कें प्रियंका गांधी के गाल जैसी बना दूंगा।' लालू प्रसाद यादव ऐसी ओछी टिप्पणी कर सकते हैं क्योंकि वे भारतीय संस्कृति का झंडा बुलन्द करने का दावा नहीं करते, किन्तु भारतीय संस्कृति, वह संस्कृति जिसमें कहा गया है कि "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता,  का झंडा बुलन्द करने का दावा करने वाली भाजपा, सम्मान करने का ढोंग, दिखावा करने वाली भाजपा के नेता जब महिलाओं पर ऐसी निकृष्ट टिप्पणी करते हैं तो अपने हृदय में महिलाओं के सम्मान की वास्तविक भावना की पोल खोलकर रख देते ...