कृतज्ञ दुनिया इस दिन की .-2 october
    एक की लाठी सत्य अहिंसा एक मूर्ति सादगी की,         दोनों ने ही अलख जगाई देश की खातिर मरने की .         ..........................................................................         जेल में जाते बापू बढ़कर सहते मार अहिंसा में ,         आखिर में आवाज़ बुलंद की कुछ करने या मरने की .         .............................................................................         लाल बहादुर सेनानी थे गाँधी जी से थे प्रेरित ,         देश प्रेम में छोड़ के शिक्षा थामी डोर आज़ादी की .         ...................................................................................         सत्य अहिंसा की लाठी ले फिरंगियों को भगा दिया ,         बापू ने अपनी लाठी से नीव जमाई भारत की .         ...........................................................................         आज़ादी के लिए लड़े वे देश का नव निर्माण किया ,         सर्व सम्मति से ही संभाली कुर्सी प्रधानमंत्री की .         ...................................................................         मिटे गुलामी देश की अपने बढ़ें सभी मि...