बेटियों का हक - भाभी का अधिकार
यूँ तो ये एक आम घटना है, हमारे समाज की यह घर घर की सच्चाई है. या तो ननदें भाभी को खा जाती हैं या भाभी नन्द का जीना, घर में रहना मुश्किल कर देती है और ये सब तब जब सभी बेटियां होती हैं. ये एक आम चलन की बात है कि बेटियों को बोझ समझा जाता है हमारे इस रूढ़िवादी समाज में और दूसरे घर की बेटी जब अपनी ससुराल में आती है तो कहीं तो उसे दबाया जाता है, उसका शोषण किया जाता है और कहीं इसके ठीक विपरीत वह ससुरालवालों की ही सांसे छीनकर अपनी दुनिया रोशन करती है. मंगलवार 26 जुलाई 2022 को मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के कोटाघाट गांव में तीन सगी बहनों सोनू, सावित्री और ललिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. तीनों के शव घर से करीब 70 फीट दूर नीम के पेड़ पर लटके हुए मिले थे। जावर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस फोन के आधार पर मामले की जांच कर रही थी। आत्महत्या से पहले तीनों बहनों ने अपनी बड़ी बहन चंपक से बात की। उसके बाद सोनू ने एक वाइस मैसेज भी जीजा दीपक के मोबाइल पर भेजा था। सोनू के मोबाइल की कॉल डिटेल्स और व्हाट्सएप मैसेज खंगाले गए और उससे यह पता च...