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अगस्त, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मिठाई खरीदें पर ध्यान से

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        देश प्रदेश में इस समय श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के आगमन की धूम है. मिठाई विक्रेताओं के यहां ग्राहकों की भीड़ जुटी हुई है. जहां ग्राहक जल्दबाजी में उत्तर प्रदेश सरकार के इस सम्बन्ध में बनाए गए कानून की जानकारी के अभाव में ज्यादा पैसे चुकाकर कम मिठाई खरीद रहे हैं. तो आप सभी जान लीजिए उत्तर प्रदेश में अब मिठाई के साथ डिब्बे का भी वजन शामिल करने पर दुकानदार को पांच हजार रुपया तक जुर्माना देना पड़ सकता है। उत्तर प्रदेश में किसी भी शहर, जिले, कस्बे या गांव में अगर दुकानदार आपको गत्ते के डिब्बे के साथ मिठाई तोलकर देता है तो तत्काल आप इसकी शिकायत करें, ऐसा करने वाले दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।       उत्तर प्रदेश में सामानों की घटतौली की शिकायत को लेकर घटतौली करने वालों के खिलाफ सरकार के निर्देश पर बाट माप विभाग ने कार्रवाई की रणनीति बनाई. बाजार में मिठाई लेते समय काफी दुकानों पर देखा जाता है कि जितनी महंगी मिठाई होती है, उतना ही डिब्बे का मूल्य लगता है. विशेष रूप से त्योहारों के समय तो मिठाई की मांग बढ़ने पर मिठाई के साथ डिब्बे का वजन तौलने की संभावना बढ़ जाती है जैसे डिब्बे

जय हिंद जय भारत 🇮🇳

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  कल 15 अगस्त है. हम भारतीयों के लिए यह दिन अपने शहीदों को याद करने और जिस स्वतंत्रता की खातिर उन्होंने अपने प्राण न्यौछावर किए उस स्वतंत्रता दिवस को मनाने का दिन है. इस दिन हम अपने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराकर अपने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं साथ ही अपनी सेनाओं के साहस और शौर्य को सलाम करते हैं. तिरंगा फहराने के कुछ नियम हैं जिन्हें जानना आप सभी के लिए बहुत जरूरी है जिससे कि किसी भी प्रकार से तिरंगे झंडे का अपमान न हो सके। भारतीय ध्वज संहिता 2002 के अनुसार तिरंगे के उपयोग, ध्वजारोहण के लिए नियम और तिरंगे की माप आदि निर्धारित की गई है। भारतीय ध्वज सहिंता के अनुसार झंडा आयताकार होना चाहिए और उसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होगा। झंडे पर किसी भी भाषा में कोई भी शब्द नहीं लिखा जाना चाहिए।। कटा-फटा या किसी भी प्रकार से क्षतिग्रस्त झंडा फहराने के लिए प्रयोग में नहीं लाना चाहिए। *ध्वजारोहण के समय इन बातों का भी आप ध्यान रखें -  ध्वजारोहण के लिए उपयोग किये जा रहे तिरंगे में किसी भी प्रकार की गन्दगी नहीं होनी चाहिए। ध्वजारोहण के समय तिरंगा झंडा किसी भी प्रकार से जमीन को नहीं

हर घर तिरंगा🇮🇳

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 उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल भी 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलाये जाने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं । इस दौरान जनता को निजी व सरकारी प्रतिष्ठानों पर झंडा फहराने के लिए प्रेरित किया जाएगा .         आजादी के अमृत महोत्सव के तहत वर्ष 2022 में आरम्भ हर घर तिरंगा अभियान में इस बार भी स्मृति चिह्न के रूप में सुरक्षित रखे गए तिरंगे झंडों का प्रयोग होगा। 11 से 17 अगस्त 2024 तक स्वतंत्रता सप्ताह के रूप में और 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान मनाये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा जारी किए गए हैं. हर घर तिरंगा अभियान की सफलता के लिए जिलों में भाजपा के कार्यालयों के साथ ही डाकघरों से भी तिरंगे झंडों की बिक्री की जा रही है। रविवार को भी हर जगह झंडा बिक्री के लिए पोस्ट आफिस खुले रखने के आदेश किए गए हैं। देश के साथ प्रदेश में भी आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा अभियान की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। हर घर तिरंगा अभियान के तहत राष्ट्रीय ध्वज की तेजी से बिक्री की सुविधा के लिए सरकार अपनी तरफ से लगी हुई है। हर घर तिरंगा अभियान के तहत सभी डाकघर स्वतं

हरियाली तीज की परंपरा पुनर्जीवित करे योगी सरकार - हरियाली तीज की हार्दिक शुभकामनाएं 👍

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            श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तीज तिथि इस वर्ष 7 अगस्त को रहने वाली है ऐसे में हरियाली तीज को लेकर अपना बचपन याद आना स्वाभाविक है. बचपन में विद्यालय का इस दिन अवकाश रहता था क्योंकि वह सरकारी विद्यालय था और केवल बालिकाओं का विद्यालय था, तब हम सभी सहपाठी छात्राएं नए नए वस्त्र पहनकर और अपनी तरफ से पूरा श्रंगार कर एक टोली बनाकर निकल एक दूसरे के घर जाती थी, झूला झूलती थी, घेवर खाती थी और तीज का त्योहार हँस खेलकर मनाती थी.         हर‌ियाली तीज का उत्सव श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। यह उत्सव महिलाओं का उत्सव है। सावन में जब सम्पूर्ण प्रकृति हरी ओढ़नी से आच्छादित होती है उस अवसर पर महिलाओं के मन मयूर नृत्य करने लगते हैं। वृक्ष की शाखाओं में झूले पड़ जाते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसे कजली तीज के रूप में मनाते हैं। सुहागन स्त्रियों के लिए यह व्रत बहुत महत्व रखता है। आस्था, उमंग, सौंदर्य और प्रेम का यह उत्सव शिव-पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। चारों ओर हरियाली होने के कारण इसे हरियाली तीज कहते हैं। इस अवसर पर महिलाएं झूला झूलती हैं, लोकगीत