जय हिंद जय भारत 🇮🇳

 



कल 15 अगस्त है. हम भारतीयों के लिए यह दिन अपने शहीदों को याद करने और जिस स्वतंत्रता की खातिर उन्होंने अपने प्राण न्यौछावर किए उस स्वतंत्रता दिवस को मनाने का दिन है. इस दिन हम अपने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराकर अपने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं साथ ही अपनी सेनाओं के साहस और शौर्य को सलाम करते हैं. तिरंगा फहराने के कुछ नियम हैं जिन्हें जानना आप सभी के लिए बहुत जरूरी है जिससे कि किसी भी प्रकार से तिरंगे झंडे का अपमान न हो सके। भारतीय ध्वज संहिता 2002 के अनुसार तिरंगे के उपयोग, ध्वजारोहण के लिए नियम और तिरंगे की माप आदि निर्धारित की गई है।

भारतीय ध्वज सहिंता के अनुसार झंडा आयताकार होना चाहिए और उसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होगा। झंडे पर किसी भी भाषा में कोई भी शब्द नहीं लिखा जाना चाहिए।। कटा-फटा या किसी भी प्रकार से क्षतिग्रस्त झंडा फहराने के लिए प्रयोग में नहीं लाना चाहिए।

*ध्वजारोहण के समय इन बातों का भी आप ध्यान रखें - 

ध्वजारोहण के लिए उपयोग किये जा रहे तिरंगे में किसी भी प्रकार की गन्दगी नहीं होनी चाहिए।

ध्वजारोहण के समय तिरंगा झंडा किसी भी प्रकार से जमीन को नहीं छूना चाहिए।

तिरंगे को ऐसे जगह फहराया जाना चाहिए जहां से वह हर किसी को दिखाई दे।

इसके साथ ही तिरंगा जिस जगह फहराया जा रहा है तो ध्यान रखना है कि वक्ता का मुंह श्रोताओं की ओर हो और झंडा उसके दाहिनी ओर होना चाहिए।

तिरंगे झंडे के साथ अगर किसी और झंडे को जगह दी जानी है तो उसे तिरंगे के बराबर में नहीं फहराया जाना चाहिए, उस झंडे को तिरंगे के नीचे जगह दी जानी चाहिए।

   भारतीय ध्वज संहिता 2002 के नियमों का पालन करते हुए राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को यह ध्यान में रखते हुए फहराएं कि इसी तिरंगे की खातिर हमारे युवाओं ने, हमारे सैनिकों ने अपने प्राण न्यौछावर किए हैं और आज भी कर रहे हैं इस भावना को अपने हृदय में संजोकर 

"अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं, 

सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं 

सर झुका सकते नहीं." 

    वीर शहीदों के बलिदानों और सेनाओं के साहस और शौर्य के लिए एक बार अपने हृदय से यह नारा अवश्य लगाएं - जय हिंद - जय भारत 🇮🇳

शालिनी कौशिक एडवोकेट

कैराना

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