ichha

वो क्या है,कहाँ है,
      है भी या नहीं
           सोचने को विवश है मन.
din मेरा बचता नहीं है,
          rat यूँ ही कट जाती है,
                क्या यही रहेगा मेरा jeevan.
मेरी इच्छा है इस जग में,
            kuchh ऐसा काम मैं कर dikhlaoon,
जिससे जब chhodoon जग को मैं
            सारी दुनिया को याद मैं aaoon.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मेरी माँ - मेरा सर्वस्व

बेटी का जीवन बचाने में सरकार और कानून दोनों असफल

नसीब सभ्रवाल से प्रेरणा लें भारत से पलायन करने वाले