संविधान दिवस आयोजन - भारत जोड़ो यात्रा की सफ़लता



      26 नवंबर - विधि दिवस - संविधान दिवस के रूप में 1949 से स्थापित हो गया था। भारत गणराज्य का संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हुआ था। संविधान सभा ने भारत के संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवम्बर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया और तभी से भारत गणराज्य में 26 नवंबर का दिन "संविधान दिवस - विधि दिवस" के रूप में मनाया जाता है. 

     देश में एक लम्बे समय तक कॉंग्रेस पार्टी की ही सरकार रही है और क्योंकि कॉंग्रेस पार्टी के ही अनथक प्रयासों से देश में संविधान का शासन स्थापित हुआ है इसलिए कॉंग्रेस पार्टी के द्वारा संविधान दिवस मनाया जाना आरंभ से ही उसकी कार्यप्रणाली में सम्मिलित रहा है किन्तु आज देश में कॉंग्रेस विरोधी विचारधारा सत्ता में है और उस विचारधारा ने कॉंग्रेस की विचारधारा और कार्यप्रणाली के ही विपरीत आचरण को ही सदैव अपने आचरण में सम्मिलित किया है और इसी का परिणाम है कि आज देश में बहुत से ऐसे शासनादेश सामने आए हैं जो संवैधानिक नियमों का उल्लंघन करते हुए नजर आए हैं और इन्ही कुछ परिस्थितियों के मद्देनजर कॉंग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान सांसद श्री राहुल गांधी जी द्वारा देश में कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक 7 सितंबर 2022 से भारत जोड़ो यात्रा आरंभ की गई, जिसमें उमड़े हुए अपार ज़न समूह को देखकर और राहुल गांधी के प्रति जनसमुदाय के प्यार को देखकर कॉंग्रेस पार्टी के विपक्षी  खेमे को गहरा झटका लगा है और वह कैसे भी करके, कभी महिलाओं का राहुल गांधी जी द्वारा हाथ पकड़ने को लेकर तो कभी राहुल गांधी जी की दाढ़ी को लेकर, कभी भीड़ को फोटो शॉप कहकर भारत जोड़ो यात्रा को बदनाम करने की कोशिश में लगे हुए हैं. 

     भारत जोड़ो यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण असर ही कहा जाएगा कि पिछले 8 साल से सत्ता में आया कॉंग्रेस पार्टी का विपक्षी खेमा अपनी विचारधारा के विपरीत देश के सभी महत्वपूर्ण संस्थानों - कलेक्ट्रेट, पुलिस थाने, विकास विभाग, महाविद्यालय, इंटर कॉलेज आदि सभी जगह संविधान दिवस मनाए जाने के आदेश पारित किए जाते हैं, सभी संस्थानों के अफसर संविधान की शपथ ग्रहण करते हैं. संविधान की श्रेष्ठता पर बड़े बड़े भाषण दिए जाते हैं. ये राहुल गांधी जी की भारत जोड़ो यात्रा की बहुत बड़ी सफ़लता कही जाएगी क्योंकि आज कॉंग्रेस पार्टी का विपक्षी खेमा वह सब कुछ कर रहा है जिसे उसने कभी अपनी कार्यप्रणाली, अपनी संस्कृति, अपनी विचारधारा मे कोई जगह नहीं दी. वह संविधान की शपथ ले रहे हैं जो संविधान के शासन के ही खिलाफ थे, वे हर घर तिरंगा अभियान चला रहे हैं जो कभी अपने कार्यालय तक पर तिरंगे को फहराने की ज़हमत नहीं उठाते थे. 

         आज राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा देश ही नहीं, विदेश में भी सुर्खियों में है और इसमें उमड़ता हुआ अपार ज़न समूह इसकी बुलंदियां ज़ाहिर करने के लिए पर्याप्त है. जय हिंद - जय भारत 🇮🇳🇮🇳

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली) 



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मेरी माँ - मेरा सर्वस्व

हरियाली तीज -झूला झूलने की परंपरा पुनर्जीवित हो.

योगी आदित्यनाथ जी कैराना में स्थापित करें जनपद न्यायालय शामली