सज संवरके हाथ अपने बांध तब लीजिये ,


तस्वीर बनकर सामने जो हाथ बांधे हों खड़े ,

नुमाइंदगी की इनसे उम्मीद क्या कर लीजिये ,

थामने को अब मशाल क्रांति नई लाने को ,

संग इस रहनुमा के सेवक रख लीजिये .

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बढ़ चले यूँ हम अगर मूर्ति के साथ में ,

अपने साथ इसकी भी रखवाली आप कीजिये ,

करना पड़े ये काम भी गर ऐसे हालात में ,

इनको आगे चलने का ,फिर क्यूं मुक़द्दर दीजिये .

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हालात ही ख़राब हैं मुल्क के इन दिनों ,

चाहता है देश अब ख्याल कुछ कीजिये ,

दिल को ज़ख़्मी होने से तो आप नहीं रोक सके ,

कम से कम ज़ख्म पर मरहम रख दीजिये .

................................................................................................

देखकर विवाद को आपसे है आसरा ,

समर्थ बन भाइयों के मिटा भेद दीजिये ,

गांठ जो धागे में है प्रेम के यूँ लग रही ,

अपने हाथ खोलकर उसे भी खोल दीजिये .

..................................................................................

बाँधने से हाथ को न कोई कुछ कर सके ,

जनता और दल को न यूँ निराश कीजिये ,

महज गरजने से नहीं मुश्किलों के हल मिलें ,

देखकर मुखालिफों को अब सुधर लीजिये .

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सामने जो आपके चढ़ाये आस्तीन खड़े ,

मुश्किलों से लड़ने की उनसे सीख लीजिये ,

काम अभी देश में पड़े हैं अनकिये हुए ,

मुंह की जगह हाथ से ही काम अब लीजिये .

........................................................................................................

बुराईयाँ मुखालिफों की गिनाना आसान है ,

अपनी खासयितों को खुद की नज़र कीजिये ,

आज के हालात का जिम्मेवार कौन यहाँ ,

अपने गिरेबान में झांक देख लीजिये .

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अहम् भरे भाव लिए जनता के सामने ,

सज संवरके हाथ अपने बांध तब लीजिये ,

झोंक दिया देश को मजहबी जिस आग में ,

उससे निकल पाने का उपाय कर दीजिये .



शालिनी कौशिक

[कौशल ]

टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
हालात ही ख़राब हैं मुल्क के इन दिनों ,
चाहता है देश अब ख्याल कुछ कीजिये ,
virendra sharma ने कहा…
अच्छी रचना है भाव स्तर पर। आवाहन है इसमें मोदी का।
virendra sharma ने कहा…
अच्छी रचना है भाव स्तर पर। आवाहन है इसमें मोदी का।
कौशल लाल ने कहा…
अहम् भाव हर जगह व्याप्त है
vijai Rajbali Mathur ने कहा…
जिनके निजी स्वार्थ आड़े आ रहे होंगे वे आपकी नेक सलाह कैसे मानेंगे?
सामने जो आपके चढ़ाये आस्तीन खड़े ,

मुश्किलों से लड़ने की उनसे सीख लीजिये ,

काम अभी देश में पड़े हैं अनकिये हुए ,

मुंह की जगह हाथ से ही काम अब लीजिये .
:-)
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