कर जाता है....
कर जाता है.... दिखाता मुख की सुन्दरता,टूट जाता इक झटके में, वहम हम रखते हैं जितने खत्म उनको कर जाता है. है हमने जब भी ये चाहा,करें पूरे वादे अपने, दिखा कर अक्स हमको ये, दफ़न उनको कर जाता है. करें हम वादे कितने भी,नहीं पूरे होते ऐसे, दिखा कर असलियत हमको, जुबां ये बंद कर जाता है कहें वो आगे बढ़ हमसे ,करो मिलने का तुम वादा, बांध हमको मजबूरी में, दगा उनको दे जाता है. शालिनी कौशिक http://shalinikaushik2.blogspot.com --
टिप्पणियाँ
लेशन लिव-इन-रिलेशनी, जीने के उपरान्त |
जीने के उपरान्त, सोच क्या खोया पाया |
हरदम रहे अशांत, स्वार्थ सुख आगे आया |
त्याग समर्पण छोड़, ओढ़ ले चादर रविकर |
है समाज का कोढ़, वासना चढ़े देह पर ||
*मद्य
One Blog post: Why Live-in relation not possible in India ?
http://merisoc.blogspot.fr/2013/10/why-live-in-relation-not-possible-in.html
नई पोस्ट वो दूल्हा....
लेटेस्ट हाइगा नॉ. २