अकेले कुमार विश्वास ही क्यूँ?

अकेले कुमार विश्वास ही क्यूँ?
दिल्ली विधानसभा चुनावों में जनता के जबरदस्त समर्थन पर २८ सीटें जीतने वाली ''आप'' अब लोकसभा चुनावों की तैयारी में है और काफी उत्साह में है ''आप''के कार्यकर्ता और अब इन्हें दिखाई दे रहे हैं ''राहुल गांधी ''जिनके खिलाफ इनके राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष सिसौदिया कह रहे हैं कि ''कुमार विश्वास को राहुल गांधी के सामने चुनाव लड़ाया जाये .''उन्होंने कहा कि ''राहुल गांधी ही क्या कुमार को वे हिन्दू ह्रदय सम्राट के सामने भी चुनाव लड़ा सकते हैं ''हिन्दू ह्रदय सम्राट से उनका इशारा भाजपा के पी.एम्.पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की तरफ था .

AAP hints at Kumar Vishwas-Rahul Gandhi clash in LS polls

इतनी बढ़चढ़कर बातें करने वाली ''आप ''की जिम्मेदारी लेने की क्षमता का आकलन करने के लिए तो हम पिछले कुछ दिनों के समाचार पत्र देख सकते हैं -
१- दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर गतिरोध बरक़रार -कॉंग्रेस आप को बिना शर्त समर्थन देने को तैयार -लेकिन अरविन्द केजरीवाल बोले -हम सरकार बनाने की दौड़ में नहीं -''अमर उजाला ११ दिसंबर २०१३
२-दिल्ली में कोई सरकार बनाने को तैयार नहीं -भाजपा और आप विपक्ष की भूमिका निभाने के पक्षधर -दैनिक जागरण १० दिसंबर २०१३
३-सरकार बनाने को राजी नहीं भाजपा -आप -दिल्ली बढ़ी राष्ट्रपति शासन और नए चुनाव की ओर-अमर उजाला १० दिसंबर २०१३ .
बड़े बड़े वादे कर राजनीति के अखाड़े में उतरना आसान है किन्तु जिम्मेदारी निभाना मुश्किल ,ये बात ''आप'' ने साबित भी कर दी है और महंगाई ,भ्रष्टाचार को लेकर अपना झंडा बुलंद करने वाली ये पार्टी अगर हिम्मत रखती है तो दबंगई ,दारु ,शराब ,नोट बाटने वाली ,बूथ कैप्चरिंग करने वाली शक्तियों के खिलाफ खड़ी होकर दिखाए क्योंकि सत्ता में आने के लिए जिन ताकतों द्वारा पहले राह रोकी जाती है वह ये हैं और इनकी ही वजह से सभ्य ,सुशिक्षित ,ईमानदार लोग राजनीति से किनारा कर लेते हैं अगर ऐसी शक्तियों को ये अपने जनसमर्थन के बल पर राजनीति से दूर कर सकें तो सच्चे ह्रदय से जनहित कर पायेंगें ,इस तरह कभी राहुल गांधी कभी नरेंद्र मोदी जैसे उम्मीदवारों के सामने खड़ा होने की घोषणा मात्र सस्ते प्रचार का माध्यम ही है और कुछ नहीं .
और अंत में ,कुमार विश्वास भी ये जान लें कि हर जगह की जनता इस तरह की अहसान फरामोश नहीं होती जैसी दिल्ली की जनता शीला दीक्षित जी के साथ रही .जनता अपने यहाँ काम करने वाले उम्मीदवार को पहचानती है और राहुल गांधी को भले ही अनाप-शनाप बकवास करने वाले कुछ ही कहकर अपने दिमाग की धार भले ही पैनी कर लें किन्तु अमेठी की जनता अपने ईमानदार ,कर्मठ व् योग्य उम्मीदवार के साथ कभी अहसान फरामोशी नहीं करेगी भले ही ''आप'' उनके सामने ''अकेले कुमार विश्वास ही क्यूँ'' अपने सारे उम्मीदवारों को भी मिलाकर खड़ा कर ले .
शालिनी कौशिक
[कौशल ]

टिप्पणियाँ

Dr. sandhya tiwari ने कहा…
aapki baat se mai sahmat hu lekin aap party sarkar bana kar kaam to kare pata chal jayega sab kuch ....
कुमार विस्वास हो या कजरीवाल स्वयं लड़कर देख ले.कि उनकी क्या हैसियत है !

RECENT POST -: मजबूरी गाती है.
Ramakant Singh ने कहा…
अब आएगा ऊँट पहाड़ के नीचे
आपकी पोस्ट से सहमत हूँ
बड़ी-बड़ी बातें करना आसान होता है, करने में नानी याद आ जाती है
अरे एक मौक़ा मिला है। .... छह महीने की गारंटी भी है कि आपकी सरकार गिर नहीं सकती ! तो फिर आओ सम्भालो सत्ता ! कुछ ऐसा करके दिखाओ जो मिसाल बने ! लेकिन ये तो दुनिया भर की ड्रामेबाजी कर रहे हैं
सभी सुधी रचनाकारों को गीता-जयंती की वधाई !
सचमुच बहुत सटीक प्रस्तुति !!
सभी सुधी रचनाकारों को गीता-जयंती की वधाई !
सचमुच बहुत सटीक प्रस्तुति !!

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