केजरीवाल आगे बढ़ो :हम तुम्हारे साथ हैं .
केजरीवाल आगे बढ़ो :हम तुम्हारे साथ हैं .
;;आप'' को दिल्ली विधानसभा चुनावों में मिली भारी सफलता ,आप ने किसी भी पार्टी को समर्थन देने या किसी भी पार्टी से समर्थन लेने से इंकार किया ,आप ने अपनी सफलता का जश्न मनाया ,आदि रोज ऐसी ख़बरों से दूरदर्शन ,समाचार पत्र ,विभिन्न वेबसाइट भरे पड़े हैं किन्तु यदि खाली है तो वह है जनता की महत्वकांक्षाओं का आकाश और उसके भरे जाने की कोई सम्भावना नज़र भी नहीं आ रही क्योंकि आप पार्टी अपनी इस सफलता से अपना दिमाग ख़राब करे बैठी है और ये सोचे बैठी है कि यदि हमने इस बार के आधे अधूरे समर्थन के लिए अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए सरकार नहीं बनायीं तो जनता हमारे त्याग बलिदान से प्रभावित होकर हमें अगले चुनाव में पूर्ण बहुमत प्रदान करेगी ,शायद ये कहावत वे भूल गए हैं या जानते ही नहीं कि -
''आधी को छोड़ पूरी को ध्यावे ,
आधी मिले न पूरी पावे ''
और फिर जनता ने उन्हें काम करने के लिए वोट दिया है और वे वही करने से हिचक रहे हैं या न करने के बहाने बना रहे हैं .जब कॉंग्रेस उन्हें बिना शर्त समर्थन दे रही है और वे स्वयं भी दुसरे दलों के अच्छे नेताओं को अपनी पार्टी में आमंत्रित कर रहे हैं [जैसे अन्य में रहकर भ्रष्ट इनकी पार्टी में आकर ईमानदार हो जायेंगे ]और यदि वे ऐसा सोचते हैं कॉंग्रेस का बिना शर्त समर्थन स्वीकार करें और उन्हें अपने से जोड़कर जनता की उन आकांक्षाओं की पूर्ति कर दिखाएँ जिसके लिए जनता ने उन्हें अपने सभी स्वार्थों को दरकिनार कर वोट दी है क्योंकि वैसे भी अभी तक जो भी हो रहा है उससे पार्टियों का ही सुख दुःख जाहिर होता है जनता का सुख दुःख तो तब जाहिर होगा जब आप उनकी आकांक्षाओं पर खरे उतरने का प्रयास करते दिखायी देंगे .वैसे भी ऐसा समर्थन लेकर उन पर क्या फर्क पड़ने वाला है जो बिना शर्त है क्योंकि यदि ये बाद में कोई शर्त लगाकर इन्हें झुकाने का प्रयास करेंगे तो आप इनकी शर्त को जनता के समक्ष रखकर इनकी रही सही ८ सीटें भी छीन सकते है और रही इनकी पार्टी की ईमानदार छवि पर इस गठजोड़ का प्रभाव तो सभी जानते हैं -
''चन्दन विष व्याप्त नहीं ,लिपटे रहे भुजंग ,''
तो केजरीवाल जी आगे बढ़ें और सरकार बनाकर देश नहीं अभी उसकी राजधानी से ही भ्रष्टाचार व् महंगाई को दूर भगाकर दिखाएँ .हम सभी की ओर से अग्रिम शुभकामनायें .
शालिनी कौशिक
[कौशल ]
;;आप'' को दिल्ली विधानसभा चुनावों में मिली भारी सफलता ,आप ने किसी भी पार्टी को समर्थन देने या किसी भी पार्टी से समर्थन लेने से इंकार किया ,आप ने अपनी सफलता का जश्न मनाया ,आदि रोज ऐसी ख़बरों से दूरदर्शन ,समाचार पत्र ,विभिन्न वेबसाइट भरे पड़े हैं किन्तु यदि खाली है तो वह है जनता की महत्वकांक्षाओं का आकाश और उसके भरे जाने की कोई सम्भावना नज़र भी नहीं आ रही क्योंकि आप पार्टी अपनी इस सफलता से अपना दिमाग ख़राब करे बैठी है और ये सोचे बैठी है कि यदि हमने इस बार के आधे अधूरे समर्थन के लिए अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए सरकार नहीं बनायीं तो जनता हमारे त्याग बलिदान से प्रभावित होकर हमें अगले चुनाव में पूर्ण बहुमत प्रदान करेगी ,शायद ये कहावत वे भूल गए हैं या जानते ही नहीं कि -
''आधी को छोड़ पूरी को ध्यावे ,
आधी मिले न पूरी पावे ''
और फिर जनता ने उन्हें काम करने के लिए वोट दिया है और वे वही करने से हिचक रहे हैं या न करने के बहाने बना रहे हैं .जब कॉंग्रेस उन्हें बिना शर्त समर्थन दे रही है और वे स्वयं भी दुसरे दलों के अच्छे नेताओं को अपनी पार्टी में आमंत्रित कर रहे हैं [जैसे अन्य में रहकर भ्रष्ट इनकी पार्टी में आकर ईमानदार हो जायेंगे ]और यदि वे ऐसा सोचते हैं कॉंग्रेस का बिना शर्त समर्थन स्वीकार करें और उन्हें अपने से जोड़कर जनता की उन आकांक्षाओं की पूर्ति कर दिखाएँ जिसके लिए जनता ने उन्हें अपने सभी स्वार्थों को दरकिनार कर वोट दी है क्योंकि वैसे भी अभी तक जो भी हो रहा है उससे पार्टियों का ही सुख दुःख जाहिर होता है जनता का सुख दुःख तो तब जाहिर होगा जब आप उनकी आकांक्षाओं पर खरे उतरने का प्रयास करते दिखायी देंगे .वैसे भी ऐसा समर्थन लेकर उन पर क्या फर्क पड़ने वाला है जो बिना शर्त है क्योंकि यदि ये बाद में कोई शर्त लगाकर इन्हें झुकाने का प्रयास करेंगे तो आप इनकी शर्त को जनता के समक्ष रखकर इनकी रही सही ८ सीटें भी छीन सकते है और रही इनकी पार्टी की ईमानदार छवि पर इस गठजोड़ का प्रभाव तो सभी जानते हैं -
''चन्दन विष व्याप्त नहीं ,लिपटे रहे भुजंग ,''
तो केजरीवाल जी आगे बढ़ें और सरकार बनाकर देश नहीं अभी उसकी राजधानी से ही भ्रष्टाचार व् महंगाई को दूर भगाकर दिखाएँ .हम सभी की ओर से अग्रिम शुभकामनायें .
शालिनी कौशिक
[कौशल ]
टिप्पणियाँ
व्यवहारिकता की कमी, दुविधा रही बिगाड़ ।
दुविधा रही बिगाड़, तर्क-अभिव्यक्ति जरुरी ।
आपेक्षा अब आप, करो दिल्ली की पूरी ।
पानी बिजली सहित, प्रशासन स्वच्छ सकारा ।
वायदे करिये पूर, अन्यथा कहूं नकारा ॥
RECENT POST -: मजबूरी गाती है.