यही कामना हों प्रफुल्लित आओ मनाएं हर क्षण को HAPPY NEW YEAR -2015
       अमरावती सी अर्णवनेमी पुलकित करती है मन मन को , अरुणाभ रवि उदित हुए हैं खड़े सभी हैं हम वंदन को .   अलबेली ये शीत लहर है संग तुहिन को लेकर  आये  , घिर घिर कर अर्नोद छा रहे कंपित करने सबके तन को.  मिलजुल कर जब किया अलाव  गर्मी आई अर्दली बन , अलका बनकर ये शीतलता  छेड़े जाकर कोमल तृण को .  आकंपित हुआ है जीवन फिर भी आतुर उत्सव को , यही कामना हों प्रफुल्लित आओ मनाएं हर क्षण को .  पायें उन्नति हर पग चलकर खुशियाँ मिलें झोली भरकर , शुभकामना देती ''शालिनी''मंगलकारी हो जन जन को .    शब्दार्थ :अमरावती -स्वर्ग ,इन्द्रनगरी ,अरुणिमा -लालिमा ,अरुणोदय-उषाकाल ,अर्दली -चपरासी ,अर्नोद -बादल ,तुहिन -हिम ,बर्फ ,अर्नवनेमी -पृथ्वी    शालिनी कौशिक [कौशल]         
