आखिर कब तक गांधी-नेहरू परिवार का पल्लू थामे रहेंगे कॉंग्रेसी


इधर छुट्टी पर राहुल, उधर प्रियंका के लिए छपे पोस्टर


इलाहाबाद में कांग्रेसियों का प्रदर्शन

राहुल गांधी के छुट्टी पर जाते ही कॉंग्रेसियों में प्रियंका गांधी के सक्रिय रूप से कांग्रेस की कमान सँभालने के लिए जोश भर आया है और हमेशा से किसी चमत्कार की उम्मीद लगाये बैठे ये कॉंग्रेसी स्वयं कुछ न करते हुए हमेशा गांधी परिवार के कन्धों पर ही बैठकर बन्दूक चलाना चाहते हैं .जब कांग्रेस सत्ता में हो तब अपने नाम की जयजयकार बुलवाना कॉंग्रेसियों की पुराने आदत हो चली है और जब सत्ता से बाहर तो गांधी परिवार पर दोष मढ़कर अपना दामन पाक साफ़ कर लेते हैं .राजीव गांधी जी की हत्या के बाद जब गांधी परिवार का कोई कांग्रेस में सक्रिय रूप से कुछ नहीं कर रहा था तब इन्हीं कोंग्रेसियों ने कांग्रेस का भट्टा बिठा दिया था और तब सोनिया गांधी जी ने ही आकर इस कांग्रेस को बुलंदियों पर पहुँचाया आज जब कांग्रेस अपने बुरे दौर में है तब इन्हीं कोंग्रेसियों को राहुल गांधी में कमी नज़र आ रही है सोनिया जी में चमत्कार नहीं नज़र आ रहा है अब केवल राजनीति से दूरी बनाये बैठी प्रियंका गांधी ही इन्हें अपनी डूबती नैया की खेवनहार नज़र आ रही हैं कि शायद वे ही आकर इन्हें संभाल लें ,कभी खुद भी कुछ करने की और कर दिखाने की क्षमता कब आएगी इन कोंग्रेसियों में ?आखिर कब तक गांधी -नेहरू परिवार इनकी अक्षमताओं को अपने महिमामय मुखमंडल से छिपाता रहेगा ?जबकि स्वतंत्रता प्राप्ति से लेकर आज तक देश पर शासन करने वाली ये पार्टी आज इस स्थिति में होनी चाहिए कि -
''खुदी को कर बुलंद इतना
कि हर तकदीर से पहले
खुद बन्दे से खुद पूछे
बता तेरी रज़ा क्या है .''

शालिनी कौशिक
  [कौशल ]


टिप्पणियाँ

SANJAY TRIPATHI ने कहा…
आपने सच कहा है शालिनीजी कांग्रेसियों के चेत जाने का यह समय है। इस महान राजनीतिक दल के सदस्यों का आचरण यूँ है जैसे गाँधी-नेहरू परिवार को छोड विरासत में उनके पास और कुछ नहीं है। अरे कोई तो अपने दम पर नया नेहरू,नया गाँधी बन कर दिखाओ!

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