केवल अशिक्षितों को दोष क्यों इसके जिम्मेदार पढ़े-लिखे रूढ़िवादी भी -विश्व जनसँख्या दिवस
World Population Day | |
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Date | July 11 |
Next time | 11 July 2015 |
Frequency | annual |
The world population (as of January 1, 2014; 9:24 UTC) is estimated to be 7,137,661,030.[1]
Jansankhya Sthirata Kosh(JSK) is doing every effort to draw the attention of the Media and the masses towards the issues of Population Stabilization, JSK will organize a "Walkathon towards Population Stabilization" at India Gate on 11th July 2015. In this Walkathon thousand of youths from Universities, Colleges and various public and private colleges are expected to participate.]
आज विश्व जनसँख्या दिवस है .पता तो ये बहुत पहले से था तबसे जबसे इस दिन विश्व की जनसँख्या ६ अरब हो गयी थी पर ये हम जैसे लोगों को याद भी क्यों रहेगा जिनका परिवार पहले से ही बहुत छोटा है जब ये उन्ही लोगों को याद नहीं रहता जिन्होंने आज देश विश्व सभी की स्थिति बहुत बिगाड़ दी है.जब भी बचपन में कोई निबंध याद करते थे जनसँख्या से सम्बंधित तो उसमे इसके कारण में एक बड़ा कारण ''अशिक्षा''लिखा जाता था और हमें जब भी कोई अनपढ़ दिखाई देता था हम उसे देख कर देश की ख़राब स्थिति के लिए जिम्मेदार मान लेते थे पर आज जब हमें कहने को काफी समझ आ चुकी है तब हम अपने आस पास के बहुत से ऐसे परिवार देख रहे हैं जो कहने को सुशिक्षित है,सभ्य हैं और उनके बहुत बड़े बड़े परिवार हैं.भारतीय समाज बेटे के होने तक बच्चे करता ही रहता है और अब ये लालसा इतनी आगे बढ़ चुकी है कि एक बेटा हो जाये तो कहा जाता है कि ''दो तो होने ही चाहियें''.
आज जो भारत या कहें सारे विश्व में स्थिति है उसके जिम्मेदार हमारे पूर्वजों को ही कहा जायेगा.अपनी मम्मी और दादी से मैंने जाना कि पहले औरतें इस तरह के कॉम्पिटिशन किया करती थी और तो और यदि कोई महिला एक या दो ही बच्चे करती थी तो और औरतें उसे उकसाकर और बच्चे करा लिया करती थी.हमारी जानकर ही एक आंटी जो एक स्कूल में शिक्षिका हैं उनके दो ही बच्चे थे एक बेटा और एक बेटी पर उन्हें और औरतों ने ये कह कर ''कि क्या दो ही बच्चे करके रह गयी''उकसा दिया और अब उनके तीन बच्चे हैं और बड़े भाई बहन से उस बच्चे का अंतर लगभग ८ साल का है.चलिए यहाँ तो फिर भी खैर है हमारे एक अंकल जिनके सबसे पहले बेटा हुआ और जो अपनी बातों से भी काफी आधुनिक नज़र आते हैं उसके बाद ४ लड़कियां बेटे बढ़ने की ख्वाहिश में कर ली.और एक पडोसी जो कि इंटर कॉलेज में प्रवक्ता हैं उनके दो बेटियों के बाद एक बेटा हो गया तब भी उनकी इच्छा बेटे के लिए ख़त्म नहीं हुई और उन्होंने उसके बाद तीन बेटियां और पैदा कर ली इसी तरह हद तो एक और अंकल ने की है जिनके एक के बाद एक बेटे होते रहे और वे करते रहे सात बेटे इस तरह उन्होंने देश की जनसँख्या में बढ़ा दिए हाँ रुके वे तभी जब आठवें नंबर पर बेटी हो गयी.ये तो कुछ लोग हैं जिन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं और मैं नहीं मान सकती इसलिए यह बात कि अशिक्षित लोग इसके लिए ज्यादा उत्तर दायी हैं जब मेरे सामने ऐसे उदाहरण हैं और हो सकता है कि आपके सामने भी हों.आज इसी कारण यह भयावह स्थिति पैदा हो गयी है कि अब यदि किसी के दो बच्चें भी हों तो जनसँख्या का बोझ बढ़ता दिखाई देता है.
शालिनी कौशिक
[कौशल ]
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