सिबलिंग डिवोर्स की भारत में कोई जगह नहीं
सोशल मीडिया पर रोज नई चर्चाएं नजर आती हैं. कभी ऐश्वर्या राय बच्चन और अभिषेक बच्चन ने ग्रे डिवोर्स के नाम पर सुर्खियां बटोरी थी, अब सोनू कक्कड़, नेहा कक्कड़ और टोनी कक्कड़ सुर्खियां बटोर रहे हैं सिबलिंग डाइवोर्स के नाम पर.आजकल ‘सिबलिंग डाइवोर्स’ काफी सुर्खियों में है। मशहूर कंपोजर अमाल मलिक के अपने भाई अरमान मलिक और परिवार से अलग होने की घोषणा के बाद अब गायक सोनू कक्कड़ ने अपने बहन-भाई बॉलीवुड सिंगर नेहा क्क्कड़, टोनी कक्कड़ से सारे रिश्ते-नाते तोड़ते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की , जिसमें उन्होंने कहा - "कि मैं नेहा और भाई टोनी कक्कड़ से सारे रिश्ते खत्म कर रही हैं। हालांकि इसके कुछ समय बाद सोनू ने ये पोस्ट डिलीट कर दी। जिसके साथ ही इंटरनेट पर एक नया शब्द वायरल हो गया – सिबलिंग डिवोर्स – जिसे लेकर लोग पहले से ही काफी उत्सुक हैं और जानना चाहते हैं कि इसका मतलब क्या है?
➡️ क्या होता है ‘सिबलिंग डाइवोर्स’?
‘सिबलिंग डाइवोर्स’ अर्थात बहन-भाई के बीच रिश्तों का तलाक। जब भाई-बहन के रिश्ते में दूरियां नजर आने लगती हैं और दूरी इस कदर बढ़ जाए कि उसकी वजह से वे अपना रिश्ता ही तोड़ दे तो उसे ‘सिबलिंग डाइवोर्स’ कहा जाता है। इसका सीधा सा अर्थ है कि अब भाई-बहन में कोई रिश्ता नहीं है। इसका उनकी मेंटल हेल्थ पर काफी गहरा असर पड़ सकता है। बचपन से जिसके साथ पले बढे, खेले कूदे, हर खुशी ग़म के साथी, खुद के बहन-भाई से अलग होना बिल्कुल भी आसान फैसला नहीं होता. भाई-बहन के रिश्ते में खटास आ जाना या इमोशनली खुद को एक-दूसरे से अलग कर लेना सिबलिंग डिवोर्स हैं. ये एक ऐसी सिचुएशन है जो बताती है कि अब भाई-बहन एक-दूसरे से कोई रिश्ता नहीं रख सकते हैं. दूसरे शब्दों में, पति-पत्नी के रिश्ते में जब दूरी आती है तो परिणाम तलाक होता है, वैसे ही जब भाई-बहन के बीच रिश्ते में दरार आती है और भाई बहन एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से पूरी तरह अलग हो जाते हैं, तो इस स्थिति को सभ्य समाज की भाषा में 'सिबलिंग डिवोर्स' कहा जाता है। यह एक तरह से सम्बन्धों में भावनत्मक दूरी है, जो रिश्ते के टूटने को सामने लाती है।
➡️ भारत में सिबलिंग डिवोर्स-
भारत में, भाई-बहन के बीच तलाक को 'सिबलिंग डिवोर्स' कहते हैं. यह एक ऐसी स्थिति है जब भाई-बहन के रिश्ते में खटास आ जाती है या वे इमोशनली रूप से एक-दूसरे से दूर हो गये हैं. यह शब्द बॉलीवुड सिंगर नेहा कक्कड़ की बहन सोनू कक्कड़ की सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के बाद ज्यादा चर्चित हुआ है.
➡️ सिबलिंग डिवोर्स के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी-
🌑 सिबलिंग डिवोर्स का मतलब है कि भाई-बहन अब एक-दूसरे से कोई रिश्ता नहीं रखते.
🌑 यह एक संवेदनशील स्थिति है.
🌑 खुद के भाई-बहन से अलग होना, जीवन का एक कठिन दौर है जो बिल्कुल भी आसान फ़ैसला नहीं होता.
🌑 इसका अलग होने वाले भाई बहन की मानसिक सेहत पर गहरा असर पड़ सकता है.
🌑 भाई-बहन का रिश्ता कभी-कभी गलतफ़हमियों और ईगो की वजह से टूट जाता है.
➡️ सिबलिंग डिवोर्स का परिणाम -
आज “सिबलिंग डिवोर्स” चर्चाओं में है, जिसका मतलब बेहद संवेदनशील है। साथ पले बढे, एक दूसरे के सभी दुखों को समझने वाले, खुशियां बढ़ाने वाले भाई-बहन के अटूट रिश्ते का यूँ कभी-कभी की गलतफहमियों और ईगो की भेंट चढ़ जाना टूटते परिवार का प्रतीक है. प्यार और समझदारी से हालात को संभाला जा सकता है, टूटे रिश्ते को जोड़ा जा सकता है। उम्मीद की जा सकती है कि टूटता कक्कड़ परिवार भी जल्द ही इन मतभेदों को पीछे छोड़कर फिर से एकजुट हो जाए, किन्तु बेहद व्यक्तिगत संबंधों का इस तरह सोशल मीडिया पर उछाला जाना एक और चर्चा आरंभ कर देता है कि
🌑 क्या पहले के भारतीय संयुक्त परिवारों की तरह अब एकल परिवार के भी टुकड़े होने जा रहे हैं? ऐसे में क्या रह जाएगी भारतीय संस्कृति जो कि "वसुधैव कुटुम्बकम" की संकल्पना को पोषित करती आई है?
🌑 या फिर ये कोई टूटन है ही नहीं, ये केवल लाइक और व्यू का खेल है जिससे सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट्स पर नोट बटोरे जाते हैं?
🌑 क्या मात्र चंद लाइक और व्यू के लिए हम भारतीय अपने रिश्तों की सम्बन्धों की नीलामी पर उतरने को विवश हो गए हैं?
➡️ और अगर ये सिबलिंग डिवोर्स आज का सत्य है तो क्या किया जाए -
🌑 मध्यस्थता या परामर्श का प्रयास किया जा सकता है.
🌑 भावनात्मक रूप से समझाने की कोशिश की जानी चाहिए.
🌑 अपने रिश्ते की पुरानी मीठी और सच्ची मजबूती याद दिलानी चाहिए.
🌑 कुछ समय तक दूरियां बढ़ा देनी चाहिए क्योंकि बहुत सी बार दूरियां मरहम का काम करती हैं और तब बचपन का सहयोग याद आ जाता है और गिले शिकवे दूर हो जाते हैं.
🌑 अपने मन की खटास को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे में बहुत से मंथरा जैसे लोग चिकनी चुपड़ी बाते कर थोड़ी सी दरार को बड़ी दीवार बनाने में सफल हो जाते हैं.
🌑 बालीवुड सेलिब्रिटी की सोच -
🌑 शिव ठाकरे, जो 'बिग बॉस' फेम हैं, ने इस पर मज़ेदार अंदाज़ में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा – ‘बाकी डिवोर्स तो सुने थे, लेकिन ये सिबलिंग डिवोर्स क्या होता है? मेरी मम्मी होती तो दोनों को थप्पड़ मारतीं और कहतीं – तू उस कोने में बैठ, तू उस कोने में। बात मत कर, लेकिन झगड़ा भी मत कर।'
🌑 टीना आहूजा गोविंदा की बेटी, ने कहा कि वो खुद को बहुत खुशकिस्मत मानती हैं कि उनका एक भाई है। उन्होंने कहा – ‘घर की बातें घर में रहनी चाहिए। भाई-बहन के रिश्ते में तो थोड़ी बहुत नोकझोंक चलती ही रहती है।’
🌑 गौतमी कपूर, अभिनेता राम कपूर की पत्नी ने इस मुद्दे पर बोलने से इनकार कर दिया। उनका कहना था – ‘यह उनके परिवार का निजी मामला है और सोशल मीडिया या बाहर के लोगों को इसमें कुछ कहने का हक नहीं है।’
यह पूरा मामला यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि हम कहाँ जा रहे हैं? क्या सोशल मीडिया वाकई इतना विश्वसनीय स्थान है कि हम वहां अपने फैमिली इश्यूज़ शेयर कर रहे हैं? क्या हम अपने रिश्तों की, सम्बन्धों की इस तरह नीलामी नहीं कर रहे हैं? जहां माता पिता, दादा दादी आदि को भी हम भाई बहन आपस की लड़ाई के सच का हिस्सेदार नहीं बनाते थे, वहीं आज हम अनजानों से जुड़ रहे हैं और अपनों से दूर हो रहे हैं. साथ ही, पति पत्नि भी अपने रिश्ते में डिवोर्स जैसे शब्द का उच्चारण गुनाह मानते थे, अपराध मानते थे फिर हम क्यूँ आज आधुनिकता की होड़ में रिश्तों में आई छोटी सी दरार को "डिवोर्स" जैसे पापी शब्द में क्यूँ बांध रहे हैं? हमें इस पर विचार भी करना होगा और सामाजिक रूप से इस पर अनुभवी लोगों की राय आमंत्रित करनी होंगी.
द्वारा
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली)
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