सीता चौक, कांधला परेशानी में

 


आज देश में बढ़ते जा रहे वाहनों की संख्या ने आम आदमी की जिंदगी में अनगिनत समस्याओं में इज़ाफ़ा कर दिया है. स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. आज लोगों के पास वाहन खरीदने के लिए बहुत पैसा आ चुका है और उस पैसे से धड़ल्ले से वाहनों की विशेष रूप से कारों की खरीदारी की जा रही है किन्तु समस्या यह नहीं है कि लोग कारें खरीद रहे हैँ, समस्या यह है कि उनके पास कारों के ख़डी करने के लिए गैराज नहीं है, व्यक्तिगत उपयोग के बाद ये वाहन स्वामी अपनी गाड़ियां दूसरों के घरों के आगे कई कई दिनों तक ख़डी करके चले जाते हैँ जिसके कारण गृह स्वामी के लिए अपने घर के आगे की खुली सडक पर आना जाना या सब्जी आदि सामान का खरीदना भी दूभर होता जा रहा है. 



      सीता चौक कांधला पर स्थित आवास श्री कौशल प्रसाद एडवोकेट के आगे 24 घंटे वाहनों की बढ़ती जा रही संख्या ने मुख्य द्वार का खोलना, खिड़की का खोलना सब मुश्किल कर दिया है. सीता चौक के आगे का रास्ता मेन बाजार की ओर जाता है और बाजार में दुकान करने वाले व्यापारी, बाजार से सामान खरीदने वाले यहाँ अपनी गाड़ियां ख़डी कर कई कई घंटो तक लापता हो जाते हैँ जिनके कारण या तो अपने घर में ही प्रवेश करने के लिए, या बाहर जाने के लिए दिक्क़तों का सामना गृह स्वामी को करना होता है, अपना खुद का वाहन स्कूटी सडक पर ख़डी रखनी पड़ती है, घंटो उसकी सुरक्षा करनी पड़ती है और अगर किसी वाहन स्वामी को गलत वाहन खडे करने से मना किया जाये तो उसकी अभद्र भाषा सुननी पड़ती है. यही नहीं, दो एक गाड़ी वाले तो इतने महान हैँ कि उनकी गाड़ियां आवास की खिड़की के नीचे महीने महीने भर ख़डी रहती हैँ जिससे न चाहते हुए भी बहुत जरुरत होने पर खिड़की बंद रखनी पड़ती है और बाहर चबूतरे पर रखे सामान की देखरेख के लिए अतिरिक्त सुरक्षा करनी पड़ती है.



      सीता चौक के पास ही लड़कियों का बालिका इंटर कॉलेज है जिसके पास ही सार्वजनिक पिंक शौचालय बना है किन्तु यहाँ दुकान करने वाले दुकानदार, बाहर गाँवो से आने वाले ग्राहक कोई भी इसका इस्तेमाल नहीं करते हैँ, गाड़ी से उतरकर या दुकान से नीचे आकर सभी ग्राहक और दुकानदार मूत्र विसर्जन हेतु नेशनल चिल्ड्रन एकेडमी स्कूल या फिर हमारे घर के ही एक तरफ खडे हो जाते हैं और महिलाएं तो और दो हाथ आगे हैँ वे घर के मुख्य द्वार के आगे खुद भी बैठ जाती हैँ और अपने बच्चों को भी बैठा देती हैँ.



        कांधला का व्यापार मंडल बाजार में शौचालय और पार्किंग की व्यवस्था की मांग कर रहा है, क्या होगा इससे, व्यवस्था होने पर भी क्या क़ानून तोड़ने वाली जनता इसका नियमानुसार उपयोग करेगी, अगर उसे नियमों का पालन करना ही होता तो इंटर कॉलेज के पास बना पिंक शौचालय कोई दूर नहीं है और रही पार्किंग व्यवस्था, तो इसके लिए नगरपालिका कांधला को नगर के बाहर वाहन पार्किंग की व्यवस्था करनी होगी, शुल्क लगाना होगा उनके लिए जो बाहर से नगर में खरीदारी करने आते हैँ और उनके लिए भी, जो सड़कों का गैराज की तरह इस्तेमाल कर सीता चौक कांधला पर स्थित आवास श्री कौशल प्रसाद एडवोकेट के गृह स्वामियों की जिंदगी में खतरे उत्पन्न कर रहे हैँ.

द्वारा 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

सीता चौक, कांधला (शामली )

टिप्पणियाँ

Anita ने कहा…
जब एक एडवोकेट के घर के आगे यह हाल है तो सामान्य जनता किस के आगे यह समस्या लेकर जाएगी
Shalini kaushik ने कहा…
एडवोकेट को भी अपनी समस्या लेकर प्रशासन के पास जाना पड़ता है जबकि प्रशासन चाहता है कि कितनी ही बड़ी समस्या हो, जनता अपना मुंह न खोले, एडवोकेट का तो कार्य ही मुंह खोलने से चलता है और यही वज़ह है कि आज हर तरह से एडवोकेट बिरादरी को दबाया जा रहा है. सही प्रतिक्रिया हेतु आभार अनीता जी 🙏🙏
yashoda Agrawal ने कहा…
आदरणीय
आपने जिक्र कया है
कांधला
क्या ये वही कांडला पोर्ट पुराने जहाजों के कबाड़खाना है...

सादर
Shalini kaushik ने कहा…
नहीं, यशोदा जी, ये उत्तर प्रदेश के शामली जिले का एक कस्बा है 🙏
Ravindra Singh Yadav ने कहा…
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 13 नवंबर 2025 को लिंक की जाएगी है....

http://halchalwith5links.blogspot.in
पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

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Ravindra Singh Yadav ने कहा…
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Shalini kaushik ने कहा…
बहुत बहुत आभार रविन्द्र जी 🙏🙏
Shalini kaushik ने कहा…
बहुत बहुत आभार रविंद्र जी 🙏🙏
ये समस्या विकराल हो चुकी है | पूरे देश में यही हाल है | गाड़ी खरीदो और कहीं भी खड़ी कर दो | हमारे विश्वविध्यालय परिसर में ही 500 से अधिक गाड़ियां खड़ी मिलती हैं | अरे जब गैरेज नहीं है तो गाड़ी खरीदते ही क्यों हैं? कानून होना चाहिए अस्तबल नहीं तो घोड़ा नहीं |
Shalini kaushik ने कहा…
आभार हरीश जी 🙏🙏
Shalini kaushik ने कहा…
सहमत हूं आपसे, सार्थक प्रतिक्रिया हेतु आभार सर 🙏🙏

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