अंकिता मान और सीपीआर -दोनों देवदूत

 


कल सारे देश में एक नर्स द्वारा एक युवक को सीपीआर देकर जान बचाने की चर्चा रही. उन्ही चर्चा में से 23 मई 2025 का समाचार अमर उजाला न्यूज़ के अनुसार करनाल शहर के सेक्टर छह में नर्स अंकिता मान ने अपना फर्ज निभाते हुए सीपीआर देकर सड़क किनारे बेहोश पड़े युवक की जान बचा ली। सड़क हादसे के शिकार युवक की सांस नली में खाना फंस गया था। वह सांस नहीं ले पा रहा था।उसकी हालत देख अंकिता ने एंबुलेंस बुलाई। एंबुलेंस के आने तक उसे सीपीआर देती रहीं। उसके अस्पताल पहुंचने पर डाॅक्टर ने बताया कि अगर उसे सीपीआर नहीं दी गई होती तो जान जा सकती थी।

       अब चारों ओर चर्चाओं में अगर अंकिता मान है तो उससे भी पहले सीपीआर है कि आखिर सीपीआर क्या होती है जिससे एक मरणासन्न युवक को जिंदगी मिल गई?

➡️ सीपीआर क्या है और कैसे देते हैं:--

सीपीआर एक ऐसी तकनीक है जिसे कोई भी सीख सकता है। सीपीआर का मुख्य हिस्सा छाती को दबाना है, जो तब तक महत्वपूर्ण अंगों में रक्त प्रवाह को बनाए रखता है जब तक कि दिल की धड़कन सामान्य न हो जाए। बचाव सांस देने से कार्डियक अरेस्ट वाले व्यक्ति में ज़्यादा ऑक्सीजन पहुँचती है।

सीपीआर का पूरा नाम कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (Cardiopulmonary Resuscitation) है। यह एक आपातकालीन चिकित्सा तकनीक है जिसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन रुक जाती है। सीपीआर में छाती को दबाना और बचाव सांस लेना शामिल होता है, जो रक्त और ऑक्सीजन को मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों तक पहुंचाने में मदद करता है।

➡️ CPR के 7 कदम क्या हैं:--

सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) के सात चरणों में 

1️⃣ घटनास्थल और व्यक्ति की जांच करना, 

2️⃣ सहायता के लिए आपातकालीन सेवा नंबर 911 पर कॉल करना, 

3️⃣ वायुमार्ग खोलना, 

4️⃣ सांस की जांच करना, 

5️⃣ छाती को दबाना, 

6️⃣ बचाव सांस देना

7️⃣ सीपीआर चरणों को दोहराना 

➡️ 2 मिनट में कितने सीपीआर होते हैं:--

वयस्कों के लिए सी.पी.आर.: 30 बार दबाव दें और उसके बाद 2 बार सांस लें। इसे "30:2" के नाम से जाना जाता है। लगभग 2 मिनट में 30:2 के 5 सेट करने का लक्ष्य रखें (यदि आप केवल दबाव दे रहे हैं, तो प्रति मिनट लगभग 100 से 120 दबाव देने का लक्ष्य रखें)।

➡️ अब एक बार सीपीआर की सम्पूर्ण प्रकिया:--

सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) की अवधि, व्यक्ति की स्थिति और उपलब्ध संसाधनों पर निर्भर करती है। सामान्यतः, सीपीआर को तब तक जारी रखा जाता है जब तक कि व्यक्ति की हृदय गति और सांस वापस न आ जाए या प्रशिक्षित चिकित्सा सहायता न आ जाए। 

🌑 सामान्यतः, सीपीआर के दौरान:-

छाती को दबाने की दर:

एक मिनट में 100 से 120 बार दबाव दिया जाना चाहिए। 

🌑 संपीड़न की गहराई:-

वयस्कों के लिए कम से कम 2 इंच (5 सेमी) की गहराई तक दबाव दिया जाना चाहिए। 

रैप: 30:2:

वयस्कों के लिए 30 छाती के दबाव के बाद 2 बचाव सांसें दी जाती हैं। 

🌑 यदि आप अकेले हैं:-

2 मिनट तक सीपीआर करने के बाद, आपातकालीन सेवा नंबर 911 को फोन करें। 

🌑 सीपीआर कब तक जारी रखना चाहिए:-

जब तक व्यक्ति की हृदय गति और सांस वापस न आ जाए। 

जब तक प्रशिक्षित चिकित्सा सहायता न आ जाए। 

यदि आप थक जाते हैं, तो किसी और से मदद मांगें। 

यदि आप थक जाते हैं तो सीपीआर करना बंद न करें क्योंकि थोड़ी देर के लिए भी सीपीआर छोड़ने से मरीज की स्थिति में सुधार होने की संभावना कम हो सकती है।  

➡️ यहां ध्यान देने योग्य बातें:-

🌑 5 मिनट से अधिक समय तक सीपीआर के बिना हृदय गति रुकने पर मस्तिष्क की क्षति की संभावना हो सकती है। 

🌑 सीपीआर करने का लक्ष्य मस्तिष्क और महत्वपूर्ण अंगों में ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह को बनाए रखना है। 

🌑 यदि आपको सीपीआर के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तो आप अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन या अमेरिकन रेड क्रॉस की वेबसाइट पर जाकर सीख सकते हैं।

      इसलिए अब ध्यान दीजियेगा और यदि किसी भी युवक को उस दशा में देखें जिसमें अंकिता मान ने देखा तो उसके लिए सीपीआर की प्रक्रिया अपनाएं और अंकिता मान की तरह देवदूत बन धरती पर उतर आएं.



द्वारा

शालिनी कौशिक

एडवोकेट

 कैराना (शामली)


टिप्पणियाँ

Shalini kaushik ने कहा…
Nice


ये काम हर इंसान को करना चाहिए
Anita ने कहा…
वाक़ई अंकिता ने समय पर सही मदद देकर बहुमूल्य जीवन की रक्षा की है
Shalini kaushik ने कहा…
निश्चित रूप से, टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद अनीता जी 🙏🙏

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