KYC और Ghost Sim आपके इर्द गिर्द ही हैँ


 खबर आ रही है कि उत्तर प्रदेश के छह जिलों में नौ सिम कार्ड डीलर्स  साइबर फ़्रॉड के लिए सीबीआई द्वारा नामजद किये गए हैँ.

   प्राप्त जानकारी के अनुसार सिम कार्ड डीलरों द्वारा सिम खरीदने वाले ग्राहक का केवाईसी कराने के दौरान उस पहचान सत्यापन का इस्तेमाल दूसरे सिम की बिक्री में भी कर रहे थे। जिसमें वे पहली बार केवाईसी प्रक्रिया को फेल बताते थे, फिर दोबारा बार यह प्रक्रिया करते थे, जिसमें उसी नाम पते पर दूसरा सिम जिसे घोस्ट सिम कहा जाता है, एक्टिवेट कर दिया जाता था। जिसका ग्राहक को आभास तक नहीं होता है.

➡️ केवाईसी (KYC) का मतलब -

    "अपने ग्राहक को जानें" (Know Your Customer) होता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वित्तीय संस्थान ग्राहकों की पहचान और पता सत्यापित करते हैं. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि ग्राहक द्वारा दी गई जानकारी सटीक और वास्तविक है. 

🌑 केवाईसी का पूरा नाम "Know Your Customer" है, जो वित्तीय संस्थानों और व्यवसायों द्वारा ग्राहकों की पहचान सत्यापित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक प्रक्रिया है. यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि ग्राहक वास्तव में वही है जो वह होने का दावा करता है. 

➡️ KYC प्रक्रिया के लाभ:-

🌑 धोखाधड़ी से बचाव:-

    केवाईसी प्रक्रिया से वित्तीय संस्थानों को धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य वित्तीय अपराधों से बचाव में मदद मिलती है.

🌑 ग्राहक डेटा की सुरक्षा:-

केवाईसी प्रक्रिया ग्राहक डेटा की सुरक्षा में भी मदद करती है, यह सुनिश्चित करती है कि केवल प्राधिकृत व्यक्ति ही ग्राहक के व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच सकते हैं.

🌑 नियामक अनुपालन:-

कई वित्तीय संस्थानों को केवाईसी प्रक्रिया का पालन करने के लिए नियामक आवश्यकताएं हैं. 

🌑 केवाईसी प्रक्रिया कैसे काम करती है:-

1️⃣ ग्राहक से जानकारी मांगना:-वित्तीय संस्थान ग्राहक से पहचान और पते के प्रमाण जैसे दस्तावेज़ मांगते हैं.

2️⃣ दस्तावेज़ों की जाँच:- वित्तीय संस्थान इन दस्तावेजों की जाँच करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे वास्तविक हैं और ग्राहक द्वारा दी गई जानकारी सटीक है.

3️⃣ जानकारी का सत्यापन:-वित्तीय संस्थान ग्राहक की पहचान और पते को सत्यापित करते हैं. 

🌑 केवाईसी प्रक्रिया के प्रकार:-

1️⃣ आधार-आधारित केवाईसी (eKYC):-इस प्रक्रिया में, ग्राहक का पता और पहचान आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से सत्यापित की जाती है. 

2️⃣ बायोमेट्रिक-आधारित केवाईसी:-इस प्रक्रिया में, ग्राहक को बायोमेट्रिक डेटा प्रदान करने की आवश्यकता होती है, जैसे कि फिंगरप्रिंट या चेहरे की पहचान. 

3️⃣ वीडियो-आधारित केवाईसी:-इस प्रक्रिया में, ग्राहक को वीडियो के माध्यम से अपनी पहचान सत्यापित करने की आवश्यकता होती है. 

🌑 केवाईसी के लिए आवश्यक दस्तावेज:-

आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक, पासबुक.

➡️ भूतिया सिम कार्ड" (ghost SIM card)-

     एक ऐसा सिम कार्ड है जिसे अक्सर धोखाधड़ी या गैरकानूनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक ऐसे सिम कार्ड को संदर्भित करता है जिसे किसी व्यक्ति की बिना जानकारी के उसके नाम पर जारी किया गया हो और जिसका उपयोग फ्रॉड के लिए किया जा रहा हो।

       अब आप ध्यान दीजिये कि किस तरह से आप KYC प्रक्रिया द्वारा स्वयं अपनी नासमझी में अपने नाम पर ही घोस्ट सिम की अनुमति सिम कार्ड डीलर को दे रहे हैँ -

आप सिम कार्ड के लिए डीलर की दुकान पर जाते हैँ 

आप उसे अपने पते के रूप में अपना आधार कार्ड थमाते हैं 

डीलर आपसे KYC कराये जाने के लिए कहता है 

डीलर आपको एक छोटी सी मशीन दिखाता है और आपसे कहता है कि आपको जब मैं इसका बटन दबाऊंगा तो इसके स्क्रीन के आगे अपनी पलक झपकानी होगी और बस इस तरह हो जाएगी आपकी KYC अर्थात आपके चेहरे की पहचान 

और इसी प्रक्रिया में जो डीलर फ़्रॉड है वह आपसे एक बार नहीं बल्कि एक बार में ही सफल KYC हो जाने के बाद भी वह दोबारा फिर वही प्रक्रिया आपके चेहरे पर करेगा और घोस्ट सिम का सृजन कर उसका फ़्रॉड इस्तेमाल करेगा जिसका पता आप सोच समझकर भी नहीं लगा पाएंगे.

      इस साइबर फ़्रॉड से बचने के लिए जरुरी है कि आप किसी भी दुकान पर सिम जारी कराने के लिए मत जाइये बल्कि कंपनी द्वारा अधिकृत लाइसेंस प्राप्त सिम कार्ड डीलर पर ही जाइये क्योंकि आपकी सतर्कता ही आपकी सुरक्षा है.

द्वारा 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली )

टिप्पणियाँ

Anita ने कहा…
उत्तम जानकारी
Shalini kaushik ने कहा…
आभार अनीता जी 🙏🙏

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