ye kya ho raha hai...

ब्लॉग एसोसिएशन अपने आपसी मन मुटाव में पडी हैं और जो असल में इनका उद्देश्य होना चाहिए उस और इनका ध्यान ही नहीं जा रहा है.मेरा मतलब है ये हम ही हैं जो अन्याय के खिलाफ मिलजुल कर आवाज उठा सकते हैं और हम ही इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं.१७ फरवरी से अख़बारों में मुज़फ्फरनगर का गाँव भारसी की antrashtriy खिलाडी  "प्रियंका पंवार "
के उत्पीडन की ख़बरें छाई हैं और इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया  जा रहा है.एक और प्रियंका का उत्पीडन उन्हें तोड़ रहा है और दूसरी और वे राज्य का नाम रोशन कर रही हैं.३४ वें राष्ट्रीय खेलों में उन्होंने १०० मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता है और सराहना में उन्हें क्या मिल रहा है केवल रोना.उनके पिता शिवकुमार पंवार भी उन्हें लेकर चिंतित हैं.
     प्रियंका के उत्पीडन में टी.टी. ई.अनु कुमार पर मुकदमा मुज़फ्फरनगर की नई मंडी कोतवाली में पंजीकृत कराया गया है.किन्तु उनके टी.टी.ई ने कहा है की उनके आरोपों में सच्चाई नहीं है और वे उनकी पत्नी से रंजिश रखती हैं.दूसरी और प्रियंका का अपने पिता से kahna   है कि उनके बड़े बड़े लोगों से सम्बन्ध हैं और मुझ पर कार्यवाही से हटने को दबाव बनाया जा रहा है .प्रियंका के पिता को डर है कि कहीं उनकी बेटी आत्महत्या न कर ले.अगर ऐसा होता है तो ये हम सभी के लिए शर्म की बात होगी .आखिर कितनी और रूचिकाएं राठोर की शिकार बनेंगी? आखिर कब तक हमारे उदईमानों को इस तरह के उत्पीडन झेलने होंगे? आखिर कब तक सच्चाई को सबूत की तलाश करनी होगी?कब तक?सच जो भी हो सामने आना चाहिए और फिर जो भी सच्चाई पर हो उसका साथ जनता को आगे बढ़कर देना चाहिए.मैं अभी केवल मामला आपके सामने रख रही हूँ पूरी सच्चाई तो धीरे धीरे ही सामने आएगी किन्तु ऐसी बातें मेरी लेखनी को कुछ लिखने को विवश कर देती हैं कि आखिर ये क्या हो रहा है?और हम चुप क्यों हैं-आशीष"अनल"के शब्दों में मैं तो यही कहूँगी-
बागवान बाग़   के लुटेरे होते देखें हैं,
माझी खुद अपनी नाव  को डुबोते देखें हैं,
लेखनी बन गयी है तब से मेरी ज्वालामुखी
जब से इस मात्रभू के नयन रोते देखें हैं.

टिप्पणियाँ

ab aapne likha na..........hame to aisa kuchh pata bhi nahi tha..!
agar aisa hai to bahut galat hai..!
बहुत ही शर्म की बात है ...
Patali-The-Village ने कहा…
बहुत ही शर्म की बात है
उम्मतें ने कहा…
इन्साफ की आवाज़ बुलंद रहे ! पीड़ित को न्याय मिले ! अगर एक सेलेब्रेटी का ये हाल है तो सामान्य लड़कियों की मुसीबतों की सहज ही कल्पना की जा सकती है !
इस प्रकरण में चुप रहना ही बेहतर है!
G.N.SHAW ने कहा…
samajik taur par kuchh to hona hi chahiye.
बेहद शर्मनाक...
सचमुच...क्या हो रहा है ये...।

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