दिल के जज़्बात
हमने चाहा था कि न कहें उनसे,
पर बिन कहे ये मन न माना.
हमने लाख छुपाना चाहा दिल के जज्बातों को,
हो गया मुश्किल उन्हें दिल में दबाये जाना.
वो आये सामने मेरे कहा मन में जो भी आया,
न कुछ मेरा ख्याल किया न ही दुनिया से छिपाया.
उनकी बातों के असर को मैंने अब है जाना,
दिल के जज्बातों को मुश्किल है दबाये जाना.
उनकी चाहत थी हमें मन के ख्यालात बताएं,
हमारी समझ के घेरे में कुछ देर से आये.
अब तो आगे बढ़ने में लगेगा एक ज़माना,
दिल के जज्बातों को मुश्किल है दबाये जाना.
शालिनी कौशिक
टिप्पणियाँ
इसलिए इजहारे -मुहब्बत जरूरी है !
पर बिन कहे ये मन न माना.
हमने लाख छुपाना चाहा दिल के जज्बातों को,
हो गया मुश्किल उन्हें दिल में दबाये जाना.
Nihayat sundar!
चलिए अब तो आ गए समझ ...
शुभकामनायें !
वो आये सामने मेरे कहा मन में जो भी आया,न कुछ मेरा ख्याल किया न ही दुनिया से छिपाया.
bahut sunder rachanaa.badhai aapko.
please mere blog per bhi aaiyea.thanks
हमारी समझ के घेरे में कुछ देर से आये.
अब तो आगे बढ़ने में लगेगा एक ज़माना,
बधाई हो