करें अभिनन्दन आगे बढ़कर जब वह समक्ष उपस्थित हो .

 Can Rahul's emotional pitch for change turn the tide for Cong?BJP recalls Rajiv Gandhi's speech as inspiring, dismisses Rahul's

भावनाएं वे क्या समझेंगे जिनकी आत्मा कलुषित हो ,
अटकल-पच्चू  अनुमानों से मन जिनका प्रदूषित हो .

सौंपा था ये देश स्वयं ही हमने हाथ फिरंगी के ,
दिल पर रखकर हाथ कहो कुछ जब ये बात अनुचित हो .

डाल गले में स्वयं गुलामी आज़ादी खुद हासिल की ,
तोल रहे एक तुला में सबको क्यूं तुम इतने कुंठित हो .

देश चला  है प्रगति पथ पर इसमें मेहनत है किसकी ,
दे सकता रफ़्तार वही है जिसमे ये काबिलियत हो .

अपने दल भी नहीं संभलते  कहते देश संभालेंगें ,
क्यूं हो ऐसी बात में फंसते जो मिथ्या प्रचारित हो .

आँखों से आंसू बहने की हंसी उड़ाई जाती है ,
जज्बातों को आग लगाने को ही क्या एकत्रित हो .

गलती भूलों  से जब होती माफ़ी भी मिल जाती है ,
भावुकतावश हुई त्रुटि पर क्यूं इनपर आवेशित हो .

पद लोलुपता नहीं है जिसमे त्याग की पावन मूरत हो ,
क्यूं न सब उसको अपनालो जो अपने आप समर्पित हो .

बढें कदम जो देश में अपने करने को कल्याण सभी का ,
करें अभिनन्दन आगे बढ़कर जब वह समक्ष उपस्थित हो .

हाथ करें मजबूत उन्ही के जिनके हाथ हमारे साथ ,
करे ''शालिनी ''प्रेरित सबको आओ हम संयोजित हों .
          शालिनी कौशिक 
           [कौशल ]

टिप्पणियाँ

virendra sharma ने कहा…
अच्छी प्रस्तुति रही रचना की .
Shikha Kaushik ने कहा…
every word has expressed your feelings .thanks to share with us .
वाह वाह शालिनी जी,,,,रचना के माध्यम से आपने तो मेरे मन की बात कह दी,,,,बहुत२ बधाई आपको,,

recent post : बस्तर-बाला,,,
लाजवाब स्तुतिगान !!
Rajesh Kumari ने कहा…
बढ़िया प्रस्तुति लेखन और गायन बधाई आपको
Anita ने कहा…
वाह ! सुंदर शब्दों में समसामायिक रचना..
रचना लाजवाब है ... मज़ा आया पढ़ के ...
सही कहा पूरण जी --- इसे चारण-गीत ही कहा जाएगा ...
Ankur Jain ने कहा…
क्या बात...आज के हालातों का चित्रण करने वाली सुंदर रचना।।।
virendra sharma ने कहा…
आभार शालिनी जी .आपकी सद्य टिपण्णी हमारे लिए बहुत कीमती हैं .

आँखों से आंसू बहने की हंसी उड़ाई जाती है ,
जज्बातों को आग लगाने को ही क्या एकत्रित हो .

बढ़िया अभिव्यक्ति है तंज है .लेकिन -

देश को आंसुओं की नहीं गवर्नेंस की ज़रुरत है .चुप्पा मुंह और रोबोट ,रोतड़े चेहरे नहीं चाहिए .

आपकी अभिव्यक्ति कुछ के लिए तंज कुछ के लिए मनोरंजन लिए है जिन खोजा तिन पाइयां .
Unknown ने कहा…
रचनात्मक दृष्टिकोण से बढ़िया रचना | पर मैं सहमत नहीं | आतंकियों को "साहब" कहने वाली औरमुसलिम तुस्टिकरण के लिए आतंकियों को प्रश्रय देने वाली कॉंग्रेस से कभी देश का भला नहीं हो सकता |
Unknown ने कहा…
सुंदर स्तुतिगान...
लेकिन मैँ इसमे इतना सहमत नही क्योकि मँहगाई बढाकर लोगो का दिवाला निकाल दिया हैँ

गैस
तेल
डिजल
प्रट्रोल
खाद्य सम्रागी सब कुछ
उसपर से इतने घोटाले
अनितिपुर्वक जनता अधिकार का हनन [दिल्ली रेप काँड]
अब तारिफो के इतने पुल अच्छे नही लगते

भारत की आत्मा हैँ गाँव

और किसान इसकी नीव


जाकर देखियेँ बढती मँहगाई से कितने किसान भुमिहीन हो गये कितनोँ ने आत्महत्या कर ली

मैँ किसी अन्य पछ मेँ नही लेकिन इतना सहमत भी नहीँ


बहुत दिनो के बाद एक कहानी लिखी अपने ब्लाँग उमँगे और तरंगे पर कहानी मेँ हैँ एक रात कि बातएक रात की बात हैँ आँसमा के चाँद को शुकून से देख रहा था बस देख रहा था कि चाँद को और चाँदनी रात हो गयी और एक रात वह थी जो चाँद को देख रहा था...[ पुरा पोस्ट पढने के लिए टाईटल पर क्लिक करेँ ]
virendra sharma ने कहा…
अपने दल भी नहीं संभलते कहते देश संभालेंगें ,
क्यूं हो ऐसी बात में फंसते जो मिथ्या प्रचारित हो .
कुनबे का इकठ्ठा रखना ज़रूरी अलग अलग मुंह अलग अलग बातें न बोलें,पार्टी और सरकार का घाल मेल न हो ,ये सभी दलों पर लागू होता है .

बढ़िया प्रस्तुति ,शुक्रिया आपकी ताज़ा टिपण्णी के लिए जो हमारे लिए बेशकीमती है .
aaj samaj me kitni girawat aaa gayi hai. In gande kangressiyo ka stutigaan kar rahi ho app jo janbhavnao se khilwad kar rahe hai.
aaj samaj me kitni girawat aa gayi hai. Iska pratyaksh praman apka uprokt stutigaan hai. Aap un gande aur ghinaune kangresiyo ka stutigaan kar rahi hai jo jan bhavnao se khilwad kar rahe hai aur satta ko apni jagir samjhe baithey hai. Iska hisab ane wale chunaon me ho jayega aur app bhi dekhna shikha ji.

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