सब पाखंड घोर पाखंड मात्र पाखंड

सब पाखंड 
घोर पाखंड  
मात्र पाखंड 
Mature indian woman namaste greeting -

भाईसाहब नमस्कार 
कह रही थी मैडम ,
हाथ जोड़कर 
और भाईसाहब 
सिर घमंड से उठाकर 
स्वीकार कर रहे थे .
head swami Naimisharanya ashram 2011 from The Three Lives of Panditji 
पंडित जी ! प्रणाम 
कह रहा था भक्त ,
और पंडित जी 
गर्दन हिलाकर 
हाथ उठाकर 
भगवान बन रहे थे .
bride
मम्मी जी पाय लागूं ,
कह बहु झुकी 
सास के पैर छूने ,
पर घुटनों को ही 
हाथ लगाकर 
अपने कमरे में 
चली गयी .


दोनों हाथ मिलाकर 
सिर झुकाकर 
खद्दरधारी नेता 
मुख पर मुस्कान 
बिखेर एक दूसरे का 
अभिवादन कर रहे थे .


और झलक रहा था 
सभी तरफ से 
वो पाखंड 
जो छिपाए नहीं छिपता .


भाईसाहब जिन्हें       
नमस्कार किया
 जा रहा था बढ़-चढ़कर   
घर आने पर 
चाय बनाने से इंकार कर . 



पंडित जी को प्रणाम 
पर दान के समय  
सस्ते से सस्ते खरीदकर 
और पंडित जी का 
पैसे वाले को बड़ा 
आशीर्वाद देकर .


बहू का सास 
के खाने से 
मिष्ठान को हटाकर 


नेताओं का
 पीठ पीछे 
छुरा घोंपकर 


सभी से 
एक ही सत्य 
था उजागर 
सब पाखंड 
घोर पाखंड  
मात्र पाखंड .



              शालिनी कौशिक 
                           [कौशल ]



टिप्पणियाँ

BS Pabla ने कहा…
मात्र पाखंड
vijai Rajbali Mathur ने कहा…
एक आवश्यक पर्दाफाश।
मन ही समाज में व्यक्तरूप दिखता है।
Unknown ने कहा…
बहुत सुंदर सब मात्र पाखंड,आभार।
Neetu Singhal ने कहा…
ऐसे किया जाता है नमस्कार !

ये समाचार चैनल वालों की नमस्कार मुद्रा भी बिचित्र प्रकार की होती है.....
ashokkhachar56@gmail.com ने कहा…
बढिया, बहुत सुंदर
virendra sharma ने कहा…
बढ़िया है सारा प्रतिबिम्बन ,जीवन का जैसे दर्पण हैं .पाखंडों का करो न खंडन ,सबका करो खूब अभिनन्दन ,सुन मेरे नंदन .बढ़िया लिखा है शालिनी मैडम (मदाम जी ).
virendra sharma ने कहा…

Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947 24m
ram ram bhai मुखपृष्ठ शनिवार, 15 जून 2013 मुरली

http://veerubhai1947.blogspot.com/
virendra sharma ने कहा…

Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947 24m
ram ram bhai मुखपृष्ठ शनिवार, 15 जून 2013 मुरली

http://veerubhai1947.blogspot.com/

43309 ,silvarvud Dr ,

Canton ,MI,USA
Rector Kathuria ने कहा…
Bilkul sach kaha Aapne.....
nayee dunia ने कहा…
बहुत सही बात की .....पाखंड तो ही रह गया अब
Dayanand Arya ने कहा…
पाखंड को उखाड़ कर देखिए- संस्कार और सौहार्द की लाशें बिछी हैं ।
पाखण्ड इतना बढ़ गया है की अब असल जीवन भी ऐसे ही लगने लगा है ...
Tamasha-E-Zindagi ने कहा…
सत्य कथन :)

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