जीतेगा खेल बढेगा प्यार.
आज सारे देश में एक ही बातचीत का विषय रह गया है और सभी जानते हैं वह है "भारत पाकिस्तान का मोहाली सेमी फाईनल "और यह मैच आज फाईनल से भी ज्यादा महत्व रखता है क्योंकि चंद ऐसे लोग जो इसे आपसी वैर भाव का मुद्दा बना देते हैं वे इस पर हावी हैं.ये हमारे लिए गर्व की बात है और हम यही कहेंगे की हम गौरवशाली हैं जो भारत पाकिस्तान आज इस खेल में इतना ऊँचा मुकाम रखती हैं.हम में से कोई भी जीते फाईनल में दोनों भाइयों में से एक अवश्य पहुंचेगा और अगर ईश्वर की मर्ज़ी हुई तो विश्व कप भी इसी घर में आएगा.आज भले ही इस घर में दीवार खड़ी है किन्तु दिल अभी भी हमारे एक हैं और हम आपसी एकता को बाधा कर ही दम लेंगे.दोनों देशो के खिलाडी खेलेंगे अपने वतन के लिए भला इसमें आपसी वैर भाव के लिए कहाँ स्थान रह जाता है ?कोई नहीं चाहता की कोई भी अपने मुल्क से गद्दारी करे और इसलिए जब इस खेल में दोनों देशो के खिलाडी भिड़ेंगे तो पूरी ईमानदारी से खेलेंगे और यही प्रशंसा होगी खिलाडियों की और जिस किसी के खिलाडी भी अपने देश के लिए खेलते हैं वे जीतें या हारें बधाई के हकदार होते हैं क्योंकि सच्चा योद्धा कभी नहीं हारता और न ही उसे हर जीत में बाँटना चाहिए.शिखा कौशिक ने भी ऐसे ही खिलाडियों के लिए कहा है-
"वो खिलाडी किसी मैदां में हारता ही नहीं,
जो खेलता है हमेशा अपने वतन के लिए."
आज देश में कहीं डर है तो कहीं जोश ऐसे में हम सभी का कर्त्तव्य बनता है की इन छोटी छोटी सी बातों में न उलझे और ऐसे कामों की और ध्यान दें जिससे हम आपसी प्यार को बढ़ा सकें और आपस के वैर भाव मिटा सकें.सीताराम शर्मा के शब्दों में-
"आ मिटा दें वह स्याही ,
जो दिलो पे आ गयी है.
मैं तुझे गले लगाऊं,
तू मुझे गले लगा ले.
मेंरे दोस्त दोस्ती की वह
करे मिसाल कायम.
तेरी ईद मैं मनाऊँ,
मेरी होली तू मना ले.
टिप्पणियाँ
मेरे ब्लॉग पे आकर मेरा होसला बढ़ने के लिए आप का शुक्रिया
"आ मिटा दें वह स्याही ,
जो दिलो पे आ गयी है.
मैं तुझे गले लगाऊं,
तू मुझे गले लगा ले.
मेंरे दोस्त दोस्ती की वह
करे मिसाल कायम.
तेरी ईद मैं मनाऊँ,
मेरी होली तू मना ले
मेरे ब्लॉग पे आकर मेरा होसला बढ़ने के लिए आप का शुक्रिया
"आ मिटा दें वह स्याही ,
जो दिलो पे आ गयी है.
मैं तुझे गले लगाऊं,
तू मुझे गले लगा ले.
मेंरे दोस्त दोस्ती की वह
करे मिसाल कायम.
तेरी ईद मैं मनाऊँ,
मेरी होली तू मना ले
यही हो.... यही दुआ है....
और कोई भी लड़े तो लोग इतनी दिलचस्पी से नहीं देखते हैं |
क्यूंकि औरों की लड़ाई में वह आनंद नहीं है |
क्यूंकि उस लड़ाई में भावना नहीं होती है |
किन्तु दो भाई जो एक दुसरे की कमजोरी जानते है एक दुसरे के बल को जानते हैं |
एक दुसरे के साथ काफी पल बिताइए हैं |
है तो जब वह लड़ते हैं तो बड़े ही हिंसात्मक और क्रूर होकर लड़ते हैं |
और लड़ाई के बाद जब एक मर जाता है है और दूसरा जीत जाता है तो फिर उसको जो दर्द होता है |
वह दर्द देखने के लिए लोग जमा होते हैं |
क्यूंकि वह जीत कर भी हार जाता है |
जैसे पांडव जीत कर भी कौरवों से हार गए |
और यह लड़ाई आज तक भी लोग याद करते हैं |
तो यह भारत और पाकिस्तान दो भाईयों के लड़ाई में सारी दुनिया मज़ा ले रही है |
" हम सभी का कर्त्तव्य बनता है की इन छोटी छोटी सी बातों में न उलझे और ऐसे कामों की और ध्यान दें जिससे हम आपसी प्यार को बढ़ा सकें और आपस के वैर भाव मिटा सकें."
बहुत सुन्दर और हट के विचार देखने को मिले आज आप के ब्लॉग पर अन्यथा तो अन्य कहीं न जाने क्या क्या चल रहे हैं
आवो भेद मिटा के चल दें
भाई को हम भूल न जाएँ
माँ की अपनें ख्याल रखें हम
भाई से जुड़ कर दिखलायें
हर्ष उसे भी होगा तब जब
अपने विचार एक हो जाएँ
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५
प्रतापगढ़ उ.प्र
खेल भी जीता और प्रेम भी बढ़ा |
जो दिलो पे आ गयी है.
मैं तुझे गले लगाऊं,
तू मुझे गले लगा ले.
मेंरे दोस्त दोस्ती की वह
करे मिसाल कायम.
तेरी ईद मैं मनाऊँ,
मेरी होली तू मना ले
great!!!!!!!!!!!
bilkul sahi vichar........