हम सबके प्यारे''रिश्ते''



कभी हमारे मन भाते हैं,
कभी हैं इनसे दिल जलते,
कभी हमें ख़ुशी दे जाते हैं,
कभी हैं इनसे गम मिलते,
कभी निभाना मुश्किल इनको,
कभी हैं इनसे दिन चलते,
कभी तोड़ देते ये दिल को,
कभी होंठ इनसे हिलते,
कभी ये लेते कीमत खुद की,
कभी ये खुद ही हैं लुटते,
कभी जोड़ लेते ये जग को,
कभी रोशनी से कटते,
कभी चमक दे जाते मुख पर,
कभी हैं इनसे हम छिपते,
कभी हमारे दुःख हैं बांटते,
कभी यही हैं दुःख देते,
इतने पर भी हर जीवन के प्राणों में ये हैं बसते,
और नहीं कोई नाम है इनका हम सबके प्यारे''रिश्ते''


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शालिनी  कौशिक

टिप्पणियाँ

रिश्ते होते हैं जो ख़ुशी, दुःख, मौसम का एहसास रहता है ... नहीं तो नीरस जीवन ...
Rewa Tibrewal ने कहा…
sach mey rishtay aise hi hote hain...sundar prastuti

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