हमें खबर है ख़ुशी के घर है पूरी पहरेदारी.


दुःख सहने की जीवन में अब कर ली है तैयारी 
हमें खबर है ख़ुशी के घर है पूरी पहरेदारी.

ऐसे कर्म किये जीवन में दुःख ही दुःख अब सहना है,
मन ही मन घुटते रहना है किसी से कुछ न कहना है.
सबकी आती है अपनी भी आ गयी अब तो बारी,
हमें खबर है ख़ुशी के घर है पूरी पहरेदारी.

भला किसी का किया नहीं सोच में भी न लाये,
इसीलिए अब दिन हमारे सब ऐसे कटते जाएँ.
किसी से हट जाये भले दुःख अपना रहेगा जारी,
हमें खबर है ख़ुशी के घर है पूरी पहरेदारी.

मिलना जुलना बंद किया है जीवन अपना कोसेंगे,
अब तक नादानी भोगी है अब बेचैनी भोगेंगे.
जीती हो भले ही सबसे दुःख से ''शालिनी''हारी,
हमें खबर है ख़ुशी के घर है पूरी पहरेदारी.
                   शालिनी कौशिक 

टिप्पणियाँ

Kailash Sharma ने कहा…
बहुत संवेदनशील प्रस्तुति...बहुत बढ़िया..
kshama ने कहा…
दुःख सहने की जीवन में अब कर ली है तैयारी
हमें खबर है ख़ुशी के घर है पूरी पहरेदारी.
Aisee hee hotee hai zindagee!
हमें खबर है ख़ुशी के घर है पूरी पहरेदारी.
दुःख सुख जीवन की अस्थाई पड़ाव हैं..जिनके मिलने का क्रम अनवरत चलता ही रहता है..
जीवात्मा को जब सुख दुःख में सामान अनुभव का बोध होने लगे तो मोक्ष प्राप्ति की रह आसन हो जाती है...
सुन्दर कविता सुन्दर विचार के साथ
कविता रावत ने कहा…
जीती हो भले ही सबसे दुःख से ''शालिनी''हारी
,हमें खबर है ख़ुशी के घर है पूरी पहरेदारी.

...dukh bhogne par hi sukh ka ek katra bhi bahut sukhkari lagta hai..
bahut badiya prastuti
बहुत सुन्दर और प्रवाहमयी रचना!
Anita ने कहा…
प्रिय शालिनी, खुश रहो !अचानक दुःख से इतना प्रेम क्यों बढ़ गया, सुख तो हमारा मूल स्वभाव है आत्मा बनी ही सुख के कणों से है ज्यादा दिन यह दुःख से प्रीत रास नहीं आयेगी...
चाहे पहरेदारी हो खुशी के घर में ... दुख के बादल ज़रूर हटेंगे ... खुशियाँ आएँगी ... अच्छी रचना है ...
Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…
शालिन जी हमेशा की तरह एक बहुत उत्कृष्ट प्रस्तुति और बहुत ही बढ़िया कविता
हमें खबर है ख़ुशी के घर है पूरी पहरेदारी.

सच.. बहुत सुंदर रचना है
बहुत संवेदनशील कविता....
Suman ने कहा…
bahut sunder par har haal me shalini ji ko harna nahi hai .........
Rajesh Kumari ने कहा…
aapke blog par first time aai hoon,aapki rachna padhkar achcha laga.jeevan ka ek adhyaay ye bhi hai jab aatmglaani hoti hai tatha kya khoya kya paya sochne par majboor ho jaata hai insaan.achchi samvedansheel prastuti.mere blog par aamantrit kar rahi hoon.saadar.
शालिन जी
बहुत ही सुन्दर भाव ....गहन अभिव्यक्ति ....
आभार
virendra sharma ने कहा…
भाव पूर्ण प्रस्तुति !आभार !
हमें खबर है खुशी के घर में पूरी पहरेदारी ...
किस्मत सबकी अपनी अपनी ,किसकी चौकीदार ....

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