पीछे देखोगे साथ में भीड़ जुट जाएगी.
तो जिंदगी समझो तुम्हारी पुरसुकूं पायेगी.
दुनिया में किसी को मिले न मिले
दुनियावी झंझटों से मुक्ति मिल जाएगी.
हैं फंसे आकर अनेकों इस नरक के जाल में,
मुक्ति चाह जब उनकी आत्मा तडपायेगी .
तब उन्हें देख तुमको हँसते मुस्कुराते हुए
जिंदगी जीने की नयी राह एक मिल जाएगी.
मोह अज्ञानवश फिर रहे भटक रहे,
मौत के आगोश में गर जिंदगी जाएगी.
अंत समय ज्ञान पाने की ललक को देखना
इच्छा अधूरी है ये मन में दबी रह जाएगी.
देख तुमको एक भी शख्स सुधर जाये अगर,
सफलता खुशियाँ तुम्हारे गले लग जाएँगी.
साथ पाकर एक और एक ग्यारह बनोगे
पीछे देखोगे साथ में भीड़ जुट जाएगी.
टिप्पणियाँ
तो जिंदगी समझो तुम्हारी पुरसुकूं पायेगी.
sach me seva bhav hi hame manav hone ki anubhooti karata hai .badhai
मगर कुछ पंक्तियों में काव्यात्मक दृष्टि से सुधार किया जा सकता है..
पीछे देखोगे साथ में भीड़ जुट जाएगी.
very good.ekdam theek kah rahin hain aap.
achchhi prastuti ||
badhaai ||
बहुत-बहुत बधाई |
प्रेरणा मिली |
मौत के आगोश में गर जिंदगी जाएगी.
अंत समय ज्ञान पाने की ललक को देखना
इच्छा अधूरी है ये मन में दबी रह जाएगी.
,
बहुत गहरी बात कही हैं
beautiful poem
नयी पुरानी हलचल
तो जिंदगी समझो तुम्हारी पुरसुकूं पायेगी.
दुनिया में किसी को मिले न मिले
दुनियावी झंझटों से मुक्ति मिल जाएगी.
Sach hai!
तो जिंदगी समझो तुम्हारी सुकूं पायेगी.
सुन्दर विचार बधाई.
सफलता खुशियाँ तुम्हारे गले लग जाएँगी...
सच है जिंदगी में अगर एक अच्छा काम भी हो जाए तो बहुत है ... खुशियाँ मी जाती हैं ढेरों ..