देख लेना तब जिस्म में रूह न रहेगी.





इस कदर धोखे मिलेंगे ज़माने में,
            तो ये जिंदगी जिंदगी न रहेगी.
कैसे जी पाएंगे इस ज़माने में ,
               जो आपकी नज़रें इनायत न रहेंगी.

तुमको पाने की खातिर दुनिया में,
                 चाहा अनचाहा बहुत कुछ कर गए.
क्या तुम मिलोगे हमें तब जाकर ,
             जब इन चिरागों में रोशनी न रहेगी.

अब तो चाहत है बस यही अपनी ,
                तुमको कभी कभी याद आ जाएँ हम .
हमसे मिलने भी  आओगे गर तुम,
                देख लेना तब जिस्म में रूह न रहेगी.
-- 

टिप्पणियाँ

रविकर ने कहा…
अरे भाई ऐसा उलाहना मत दो |
कई फंस गया होगा दुनिया दारी में--
इतनी शिद्दत से कोई याद कर और बन्दा तवज्जो न दे गलत बात ||
ऐसे में कान -खिंचाई जरुर करना ||

जबरदस्त भाव ||
बधाई शालिनी जी ||
S.N SHUKLA ने कहा…
तुमको पाने की खातिर दुनिया में,
चाहा अनचाहा बहुत कुछ कर गए.
क्या तुम मिलोगे हमें तब जाकर ,
जब इन चिरागों में रोशनी न रहेगी.

Bahut sundar bhav,behatar prastuti
Sunil Kumar ने कहा…
यही तो इंतजार की हद है , बहुत खूब .....
रेखा ने कहा…
बहुत खूब ......कहते हैं कि सच्ची श्रद्धा और लगन से अगर भगवान को भी पुकारा जाय तो वे दौड़े चले आते हैं...
शालिनी जी इस सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए बधाई और शुभकामनाएं |
Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…
बहुत ही सुंदर रचना। बधाई स्‍वीकारें।

------
जीवन का सूत्र...
NO French Kissing Please!
Unknown ने कहा…
इस कदर धोखे मिलेंगे ज़माने में,
तो ये जिंदगी जिंदगी न रहेगी.
कैसे जी पाएंगे इस ज़माने में ,
जो आपकी नज़रें इनायत न रहेंगी.
bhut khub
vikasgarg23.blogspot.com
Maheshwari kaneri ने कहा…
सुन्दर अभिव्यक्ति....
Maheshwari kaneri ने कहा…
सुन्दर अभिव्यक्ति....
रविकर ने कहा…
meri tippani to thi idhar |
gai kidhar ||

fir bhi dubaara badhai ||
Shikha Kaushik ने कहा…
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति .बधाई
Anita ने कहा…
वाह ! इंतजार भी और शिकायत भी, अच्छा अंदाज है !
गहरी पंक्तियाँ।
सदा ने कहा…
गहन भावों का समावेश इन पंक्तियों में बेहतरीन प्रस्‍तुति ।
ZEAL ने कहा…
तुमको पाने की खातिर दुनिया में,
चाहा अनचाहा बहुत कुछ कर गए.
क्या तुम मिलोगे हमें तब जाकर ,
जब इन चिरागों में रोशनी न रहेगी....

Brilliant creation Shalini ji !

.
Arvind kumar ने कहा…
हमसे मिलने भी आओगे गर तुम,
देख लेना तब जिस्म में रूह न रहेगी
sundar abhivyakti....achhi lagi....
Suman ने कहा…
bahut sunder rachna .....
मन की कुछ अल्फाज दिल से निकल गई चंद शब्दों में सारी दिल की बात बह गई ,हार्दिक बधाई .....
इंतजारी कि भी एक हद होती है... और उस हद को परिलक्षित करती आपकी रचना बेहद सटीक...

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मेरी माँ - मेरा सर्वस्व

बेटी का जीवन बचाने में सरकार और कानून दोनों असफल

बदनसीब है बार एसोसिएशन कैराना