सभी धर्म एक हैं-ये जानो
''बाद तारीफ़ में एक और बढ़ाने के लिए,
वक़्त तो चाहिए रू-दाद सुनाने के लिए.
मैं दिया करती हूँ हर रोज़ मोहब्बत का सबक़,
नफ़रतो-बुग्ज़ो-हसद दिल से मिटाने के लिए.''
हमारा भारत वर्ष संविधान द्वारा धर्म निरपेक्ष घोषित किया गया है कारण आप और हम सभी जानते हैं किन्तु स्वीकारना नहीं चाहते,कारण वही है यहाँ विभिन्न धर्मों का वास होना और धर्म आपस में तकरार की वजह न बन जाएँ इसीलिए संविधान ने भारत को धर्म-निरपेक्ष राज्य घोषित किया ,किन्तु जैसी कि आशंका भारत के स्वतंत्र होने पर संविधान निर्माताओं को थी अब वही घटित हो रहा है और सभी धर्मों के द्वारा अपने अनुयायियों को अच्छी शिक्षा देने के बावजूद आज लगभग सभी धर्मों के अनुयायियों में छतीस का आंकड़ा तैयार हो चुका है.
सभी धर्मो के प्रवर्तकों ने अपने अपने ढंग से मानव जीवन सम्बन्धी आचरणों को पवित्र बनाने के लिए अनेक उपदेश दिए हैं लेकिन यदि हम ध्यान पूर्वक देखें तो हमें पता चलेगा कि सभी धर्मों की मूल भावना एक है और सभी धर्मों का अंतिम लक्ष्य मानव जाति को मोक्ष प्राप्ति की और अग्रसर करना है .संक्षेप में सभी धर्मों की मौलिक एकता के प्रमुख तत्त्व निम्नलिखित हैं-
[१]-सभी धर्म एक ही ईश्वर की सत्ता को मानते हैं .
[२]-सभी धर्म मानव प्रेम ,सदाचार,धार्मिक सहिष्णुता और मानवीय गुणों के विकास पर बल देते हैं .
[३]-सभी धर्म विश्व बंधुत्व की धारणा को स्वीकार करते हैं .
[४]-सभी धर्मों का जन्म मानव समाज व् धर्म में व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए ही हुआ है .
[५]- सभी मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य मोक्ष प्राप्त करना मानते हैं.
उपरलिखित पर यदि हम यकीन करें तो हमें सभी धर्म एक से ही दिखाई देते हैं .एक बार हम यदि अपने भारत देश के प्रमुख धर्मों के सिद्धांतों पर विचार करें तो हम यही पाएंगे की सभी का एक ही लक्ष्य है और वह वही अपने अनुयायियों के जीवन का कल्याण.अब हम हिन्दू ,मुस्लिम ,सिख ,ईसाई धर्मों के प्रमुख सिद्धांतों पर एक दृष्टि डालकर देखते है कि वास्तविकता क्या है-
हिन्दू धर्म के प्रमुख सिद्धांत -
१-यह धर्म एक ही ईश्वर कि सर्वोच्चता में यकीन करता है.साथ ही बहुदेववाद में भी इसकी अटूट आस्था है.
२-हिन्दू धर्म आत्मा की अमरता में आस्था रखता है.
३-परोपकार ,त्याग की भावना,सच्चरित्रता तथा सदाचरण हिन्दू धर्म के प्रमुख अंग हैं.
इस्लाम धर्म के प्रमुख सिद्धांत-
१-ईश्वर एक है .
२-सभी मनुष्य एक ही ईश्वर के बन्दे हैं अतः उनमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए.
३-आत्मा अजर और अमर है.
४-प्रत्येक मुस्लमान के पांच अनिवार्य कर्त्तव्य हैं
-१-कलमा पढना.
२-पांचों समय नमाज पढना ,
३-गरीबों व् असहायों को दान देना .
४-रमज़ान के महीने में रोज़ा रखना और
५-जीवन में एक बार मक्का व मदीने की यात्रा [हज] करना.
ईसाई धर्म के प्रमुख सिद्धांत -
१-एक ईश्वर में विश्वास.
२-सद्गुण से चारित्रिक विकास .
३-जन सेवा और जन कल्याण को महत्व.
सिख धर्म के प्रमुख सिद्धांत-
१-ईश्वर एक है .वह निराकार और अमर है ,उसी की पूजा करनी चाहिए.
२-सभी व्यक्तियों को धर्म और सदाचार का पालन करना चाहिए.
३-प्रत्येक मनुष्य को श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए.
४-आत्मा के परमात्मा से मिलने पर ही मोक्ष प्राप्त होता है.
५-जाति-पाति के भेदभाव से दूर रहना चाहिए.सभी को धर्म पालन करने का समान अधिकार है.
तो अब यदि हम इन बातों पर विचार करें तो हमें इस समय धर्म को लेकर जो देश में जगह जगह जंग छिड़ी है उसमे कोई सार नज़र नहीं आएगा.हमें इन शिक्षाओं को देखते हुए आपस के मनमुटाव को भुँलाना होगा और इन पंक्तियों को ही अपनाना होगा जो प्रह्लाद ''आतिश '' ने कहे हैं-
''बीज गर नफरत के बोये जायेंगे,
फल मोहब्बत के कहाँ से लायेंगे.''
शालिनी कौशिक
शब्दार्थ
रू-दाद=दास्तान,व्यथा-कथा
नफ़रतो-बुग्ज़ो-हसद=घृणा-ईर्ष्या
टिप्पणियाँ
अलग अलग आस्थाओं के कारन अलग अलग धर्म बने हैं..
आप की पोस्ट का भाव और आप के ब्याक्तिगत ख़यालात सुन्दर हैं मगर किसका धर्म क्या सिखाता है इस पर लम्बी चर्चा हो सकती है..
आभार
फल मोहब्बत के कहाँ से लायेंगे.''
बहुत अच्छा विषय चुना गया है
लेखिका की ओर से ||
बहुत-बहुत बधाई ||
फल मोहब्बत के कहाँ से लायेंगे.
vicharniy aalekh .aabhar
फल मोहब्बत के कहाँ से लायेंगे.''
Kitna sahee hai! Waise pracheen bhasha me dharm ka matlab qudratke qaanoon hota tha....jo sabke liye ek jaise hote hain!
विचारणीय आलेख प्रस्तुत किया है आपने।
फल मोहब्बत के कहाँ से लायेंगे.''
बहुत सच्ची बातें कहीं हैं आपने,
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भारत की भूमि प्यार से लबालब है। यह ख़ुशी की बात है।
जहां प्यार होगा वहां श्रृद्धा ज़रूर होगी।
हम भारतवासी इसी प्यार के बलबूते पर जीते हैं।
तमाम कष्टों के बावजूद भी यह प्यार हमें आज भी नसीब है।
यही हमारी संस्कृति है और यही हमारा धर्म है।
धर्म के प्रति यहां ज़्यादातर लोगों में अपार श्रृद्धा है। कोई इस श्रृद्धा को सही दिशा दे सके, उसका यहां सदा से स्वागत है।
प्यार का रिश्ता ही इंसानियत की पहचान है I love my India
बहुत अच्छा विषय चुना है
बहुत-बहुत बधाई ||
फल मोहब्बत के कहाँ से लायेंगे
विचारणीय पोस्ट ..
आइये ----
http://charchamanch.blogspot.com/
dhany huye