माचिस उद्योग है या धोखा उद्योग
पिछले कई महीनो से झेल रही हूँ इसीलिए आज लिख रही हूँ कि आज माचिस उद्योग अपने उपभोक्ताओं के साथ धोखा कर रहा है.हालाँकि ब्लॉग जगत में से अधिकांश लाइटर का इस्तेमाल करते होंगे किन्तु जहाँ तक मेरा मानना है मैं माचिस को इसके मुकाबले ज्यादा सही समझती हूँ मैंने भी अपनी आंटी के यहाँ लाइटर इस्तेमाल किया और या तो ये कहें कि मुझे इस्तेमाल करना नहीं आया या कहें कि उसे इस्तेमाल करने के लिए बहुत ताक़त चाहिए तो मुझमे वो भी नहीं है और मैं इसी वजह से कह लें तब भी माचिस को ही ज्यादा महत्व देती हूँ.
चलिए अब सुनिए मेरी आप बीती माचिस के बारे में.मेरे कितने ही कपड़ों में इसकी तीली का मसाला उछल कर छेद कर चुका है और एक बार तो मेरी आँख भी इसके मसाले के हमले से बाल बाल बच गयी.इतना कुछ तो फिर भी माचिस के ब्रांड पलट पलट कर हम बर्दाश्त करते रहे किन्तु अब तो हद हो गयी है यदि ४-५ तीली न जला लो तो आप गैस जला ही नहीं सकते और हमारे क्षेत्र में आने वाली एक मात्र आई.एस.आई.ब्रांड ''ऊँट ''भी इसी श्रेणी में है.उसे हम बहुत समय पहले उसके इन्ही कमियों के कारण छोड़ चुके हैं और अब यहाँ आने वाली ''ढोलक.मिर्च '''आदि ब्रांड भी इसी श्रेणी में गिरती दिख रही हैं.एक बार तो किसी उपभोक्ता ने किसी माचिस कम्पनी पर माचिस में कम तीली आने पर मुकदमा भी किया था किन्तु हमारे क्षेत्र में ये काम मुश्किल है क्योंकि उपभोक्ता अदालते जिला स्तर पर होती हैं और उनमे जाकर शिकायत करने का समय निकलना हर आदमी के वश में नहीं होता और इसी कारण ये उद्योग गलत काम करके भी साफ बचे रहते हैं.
किसी माचिस में मसाला आग नहीं पकड़ता और किसी माचिस में मसाला जलता रहता है और उसकी लकड़ी आग नहीं पकडती.हालाँकि है छोटी से चीज़ किन्तु बहुत काम की चीज़ है और इसमें यदि कोई भी बेईमानी सामने आती है तो खून खोल उठता है और वह भी बिना चूल्हा जलाये जबकि चूल्हा जलाने को तो माचिस चाहिए.
शालिनी कौशिक
टिप्पणियाँ
चूल्हा जलाना एक काम
आग लगाना दूजा |
शमशान पर मुर्दा फूंके
कर लो चाहे पूजा.||
मिलावटखोरों के खिलाफ भी एक अभियान चलाना पड़ेगा
आपको नाचीज का कहा कुछ अच्छा लगा, उसके लिए हार्दिक आभार
- विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
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सलमान से भी गये गुजरे...
नदी : एक चिंतन यात्रा।
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सलमान से भी गये गुजरे...
नदी : एक चिंतन यात्रा।
Thanks for sharing it with all of us !!!