''रिश्ते''
कभी हैं इनसे दिल जलते,
कभी हमें ख़ुशी दे जाते हैं,
कभी हैं इनसे गम मिलते,
कभी निभाना मुश्किल इनको,
कभी हैं इनसे दिन चलते,
कभी तोड़ देते ये दिल को,
कभी होंठ इनसे हिलते,
कभी ये लेते कीमत खुद की,
कभी ये खुद ही हैं लुटते,
कभी जोड़ लेते ये जग को,
कभी रोशनी से कटते,
कभी चमक दे जाते मुख पर,
कभी हैं इनसे हम छिपते,
कभी हमारे दुःख हैं बांटते,
कभी यही हैं दुःख देते,
इतने पर भी हर जीवन के प्राणों में ये हैं बसते,
और नहीं कोई नाम है इनका हम सबके प्यारे''रिश्ते''
शालिनी कौशिक
टिप्पणियाँ
कभी यही हैं दुःख देते,
इतने पर भी हर जीवन के प्राणों में ये हैं बसते,|\
कुछ रिश्तों के बिन,
जीना मुश्किल |
कुछ रिश्तों के संग
अकुलाये दिल ||
कभी इनके कारन हम दुःख काटते,
इतने पर भी हर जीवन के प्राणों में ये हैं बसते,|
ये रिश्ते हमें भी अपनी कसौटी पर हैं कसते ||
कुछ रिश्तों के बिन,
जीना मुश्किल |
कुछ रिश्तों के संग
अकुलाये दिल ||
कभी इनके कारन हम दुःख काटते,
इतने पर भी हर जीवन के प्राणों में ये हैं बसते,|
ये रिश्ते हमें भी अपनी कसौटी पर हैं कसते ||
कुछ रिश्तों के बिन,
जीना मुश्किल |
कुछ रिश्तों के संग
अकुलाये दिल ||
और नहीं कोई नाम है इनका हम सबके प्यारे''रिश्ते''...
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बहुत उम्दा!
कभी होंठ इनसे हिलते,
कभी ये लेते कीमत खुद की,
कभी ये खुद ही हैं लुटते,
कभी जोड़ लेते ये जग को,
कभी रोशनी से कटते,...
Awesome !
Wonderful creation Shalini ji .
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बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति ....
बहुत सुंदर रचना !
भावात्मक प्रस्तुति
बहुत ही सुन्दर,शानदार और उम्दा प्रस्तुती!