कर जाता है....
कर जाता है....
दिखाता मुख की सुन्दरता,टूट जाता इक झटके में,
वहम हम रखते हैं जितने खत्म उनको कर जाता है.
है हमने जब भी ये चाहा,करें पूरे वादे अपने,
दिखा कर अक्स हमको ये, दफ़न उनको कर जाता है.
करें हम वादे कितने भी,नहीं पूरे होते ऐसे,
दिखा कर असलियत हमको, जुबां ये बंद कर जाता है
कहें वो आगे बढ़ हमसे ,करो मिलने का तुम वादा,
बांध हमको मजबूरी में, दगा उनको दे जाता है.
शालिनी कौशिक
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टिप्पणियाँ
सुन्दर रचना ||
दिखा कर अक्स हमको ये, दफ़न उनको कर जाता है.
बहुत सुन्दर पंक्ति
vikasgarg23.blogspot.com
करें हम वादे कितने भी,नहीं पूरे होते ऐसे,
दिखा कर असलियत हमको, जुबां ये बंद कर जाता है
करें हम वादे कितने भी,नहीं पूरे होते ऐसे,
दिखा कर असलियत हमको, जुबां ये बंद कर जाता है
करें हम वादे कितने भी,नहीं पूरे होते ऐसे,
दिखा कर असलियत हमको, जुबां ये बंद कर जाता है