तिरंगा शान है अपनी ,फ़लक पर आज फहराए ,

तिरंगा शान है अपनी ,फ़लक पर आज फहराए ,
फतह की ये है निशानी ,फ़लक पर आज फहराए .
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रहे महफूज़ अपना देश ,साये में सदा इसके ,
मुस्तकिल पाए बुलंदी फ़लक पर आज फहराए .
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मिली जो आज़ादी हमको ,शरीक़ उसमे है ये भी,
शाकिर हम सभी इसके फ़लक पर आज फहराए .
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क़सम खाई तले इसके ,भगा देंगे फिरंगी को ,
इरादों को दी मज़बूती फ़लक पर आज फहराए .
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शाहिद ये गुलामी का ,शाहिद ये फ़राखी का ,
हमसफ़र फिल हकीक़त में ,फ़लक पर आज फहराए .
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वज़ूद मुल्क का अपने ,हशमत है ये हम सबका ,
पायतख्त की ये लताफत फ़लक पर आज फहराए .
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दुनिया सिर झुकाती है रसूख देख कर इसका ,
ख्वाहिश ''शालिनी''की ये फ़लक पर आज फहराए .
............................शालिनी कौशिक
[कौशल]

टिप्पणियाँ

गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सुन्दर प्रस्तुति...!
Rajendra kumar ने कहा…
६५वें गणतंत्र दिवस कि हार्दिक शुभकामनायें !
रविकर ने कहा…
बढ़िया प्रस्तुति-
शुभकामनायें गणतंत्र दिवस की-
सादर
रविकर ने कहा…
बढ़िया प्रस्तुति-
शुभकामनायें गणतंत्र दिवस की-
सादर
Anita ने कहा…
तिरंगे को नमन...सुंदर कविता !
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

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