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बाबू कौशल जी ने जो शपथ ली, निडरता-निष्पक्षता से निभाई-अवनीश गोयल एडवोकेट

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बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी ने बार एसोसिएशन कैराना के अध्यक्ष चुने जाने पर जो शपथ ग्रहण की, उस शपथ को सदैव निडरता पूर्वक और निष्पक्षता के साथ निभाया. बाबू कौशल प्रसाद जी से संबंधित एक प्रसंग मुझे याद आता है। एक बार मेरा ओथ कमिश्नर का फार्म किसी कारणवश जमा नहीं हो पाया था। बाबू कौशल प्रसाद जी के संज्ञान में जब यह आया तो उन्होंने मुझसे कहा कि तुम मुझे इसी समय अपनी प्रार्थना पत्र दो मैं कल ही जिला जज साहब मु०नगर से मिलकर तुम्हारा नाम लिस्ट में शामिल करवाने की मांग करता हूँ। इसके बाद मुझे पता लगा कि मेरा नाम लिस्ट में शामिल हो गया है। ऐसे थे वकीलों और समाज के लिए जीवन समर्पित करने वाले बाबू कौशल प्रसाद जी एडवोकेट लेकिन इस मतलबी दुनिया में किसी को इन सबसे क्या? अब भी जब कभी वकीलों की कोई समस्या होती है तब मैं व सभी अधिवक्ता उनकी निडरता और समर्पण भावना को याद करते हैं। वे आज भी वकीलों के दिलों में जिंदा है धन्य हैं वीर सपूत बाबू जी को सादर नमन💐 द्वारा अवनीश गोयल (एडवोकेट) पूर्व कोषाध्यक्ष बार एसोसिएशन, कैराना

सबसे अलग रुतबा था बाबू कौशल प्रसाद जी का-विशाल भटनागर

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शायर ने क्या खूब शायरी की होगी इन चंद पंक्तियों के साथ- "मंजिलों की खोज में तुमको जो चलता-सा लगा, मुझको तो वो जिंदगी भर घर बदलता-सा लगा, धूप आई तो हवा का दम निकलता-सा लगा, और सूरज भी हवा को देख जलता-सा लगा।।" संजय ग्रोवर     आज मैं ईमानदार और रूतबा कायम करने वाले ऐसे ही एक अधिवक्ता के जीवन पर लिखने का प्रयास कर रहा हूँ, जिन्होंने न केवल लंबे समय तक एक काविल अधिवक्ता के रूप में कैराना कचहरी में वकालत की बल्कि बार एसोसिएशन कैराना जैसी सुदृढ़ संस्था को खड़ा कर अधिवक्ता हित में दो दशक से ज्यादा समय तक इसके अध्यक्ष पद को सुशोभित भी किया।        कहते हैं कि जब इच्छा शक्ति प्रबल हो तो मुश्किलें भी अपने आप ही आसान हो जाती हैं. बाबू कौशल प्रसाद जी ने एक ईमानदार अधिवक्ता के रूप में जो वकालत की यात्रा आरंभ की वह अनेक उतार चढ़ावों के बावजूद निरंतर जारी रही।        यही ईमानदारी उनके भीतर उस दृढ़ इच्छा शक्ति को प्रगाढ़ करती रही जिसके बल पर उन्होंने बार एसोसिएशन कैराना को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से सम्बद्ध कराकर समस्त अधिवक्ताओं को बार एसोसिएशन कैर...

नए वकीलों का उत्साह वर्धन करते थे बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट-संस्मरण - आलोक चौहान एडवोकेट

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A memoir related to Babuji always inspires me. I went to Delhi and Bulandshahr with Babuji for the meeting of the Sangharsh Samiti. I was new and had no experience of advocacy, but I received father's affection from him. He used to encourage new lawyers. In the meeting, I saw that the whole hall was listening to his speech in awe. Even today, when I am upset, I close my eyes and remember him and always find him with me. Virtuous remembrance बाबूजी के साथ मैं संघर्ष समिति की मीटिंग में दिल्ली और बुलंदशहर गया. मैं नया था और वकालत का कोई अनुभव नहीं था, पर मुझे उनसे पिता के समान स्नेह मिला . वे नए वकीलों का प्रोत्साहन करते थे. मीटिंग में मैंने देखा था कि उनके भाषण को पूरा हॉल मंत्रमुग्ध होकर सुन रहा था. आज भी जब मैं परेशान होता हूँ तो आँखे बंद कर उन्हें याद करता हूं और उन्हें हमेशा अपने पास पाता हूं.                सादर नमन                            आलोक चौहान एडवोकेट   ...

बार एसोसिएशन कैराना के विकास पुरुष थे बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट -ब्रह्मपाल सिंह चौहान एडवोकेट

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बार में जो भी निश्चित विकास हुआ है ,वो सारा विकास बाबू कौशल प्रसाद द्वारा ही सम्भव हुआ है .उन्होंने विकास की आधारशिला रखी थी और उनका स्लोगन था -'न्याय चला निर्धन से मिलने ' और इसी के आधार पर 1991 में ए सी जे एम कोर्ट ,फिर सीनियर डिवीज़न कोर्ट ,फिर 2001 में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना हुई और इस सबका श्रेय बाबू कौशल प्रसाद को है .बार एसोसिएशन कैराना उनकी ऋणी रहेगी .आने वाली पीढ़ी जब भी कभी न्याय व्यवस्था की बात करेगी तो बाबू कौशल प्रसाद का नाम बहुत ही सम्मान से लिया जायेगा .इनके अलावा कोई अन्य शब्द मेरे पास उनके बारे में बोलने को नहीं हैं .                 ब्रह्मपाल सिंह चौहान (एडवोकेट)                 जिला कोर्ट                 शामली स्थित कैराना 

बाबू कौशल एक प्रकार से पितामह रहे कैराना कचहरी के-चौधरी रियासत अली एडवोकेट

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             बाबू कौशल ईमानदार छवि के थे और काफी लंबे समय तक बार एसोसिएशन कैराना के अध्यक्ष रहे .अपने अध्यक्षीय काल में उन्होंने अधिवक्ता हित में  बहुत काम किये.1991 में उनके प्रयास से ही सिविल जज [सीनियर डिवीजन] की स्थापना कराई थी और उन्हीं के प्रयास से सन 1982 तक  कैराना में जो केवल परिवाद दायर होते थे ,वे उन्हीं के प्रयास से फौजदारी के सरकारी वाद भी कैराना स्थित न्यायालयों में तय होने लगे .बाबू कौशल प्रसाद के  अथक प्रयास से कैराना में दो फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की गई और वह कैराना को जिला न्यायालय दिलाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे .             उन्हीं के प्रयासों से कैराना में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के अतिरिक्त अपर जिला न्यायाधीश महोदय के न्यायालय की 2011 में स्थापना हुई .कैराना स्थित सेशन न्यायालयों में शामली क्षेत्र के सभी थानों की सुनवाई सुचारू रूप से उनके प्रयास से हुई जिससे जिला शामली क्षेत्र के गरीब वादकारियों को बहुत बड़ा फायदा हुआ .          बाबू कौशल प्रसाद के प्रय...

Letter of Justice A.K.Yog to President Babu Kaushal Prasad Advocate

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  Hon'ble Justice  of Allahabad High Court Mr A. K. Yog ji was a close friend of President of Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad  Advocate ji and this friendship was since when Justice Sir used to practice as an advocate in Allahabad High Court. On Babuji's request, Justice AK Yog ji had given his full cooperation in the establishment of the ADJ Court in Kairana Court and he too had full faith in Babuji's diligence and success in establishing the Court. On 15 August 2001, writing about the letter written by Babuji for court related work, he said that - इलाहाबाद हाई कोर्ट के माननीय जस्टिस ए के योग जी अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के अभिन्न मित्र थे और यह मित्रता तबसे थी जब जस्टिस ए के योग इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक अधिवक्ता के रूप में प्रेक्टिस किया करते थे. बाबूजी के आग्रह पर जस्टिस ए के योग ने कैराना कचहरी में ए डी जे कोर्ट की स्थापना में अपना पूर्ण सहयोग दिया और बाबूजी की कर्मठता और कोर्ट स्थापना में सफ़लता पर उन्हें भी पूरा यकीन थ...

बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट की प्रतिबद्धता से ही चल रही है शनिवार की हाई कोर्ट बेंच की हड़ताल - सैयद मुख्तार हसन एडवोकेट

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कुछ समय पहले  बाबू सैयद मुख्तार हसन एडवोकेट जी से स्व बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी की स्मृति में लिखी जा रही पुस्तक के संस्मरण को लेकर बात हुई, बाबूजी के बारे में मुझे पता है कि जब भी पापा को हाई कोर्ट बेंच आंदोलन की मीटिंग के लिए जाना होता था, बाबूजी तब घर पर आते थे और कैराना से अन्य सम्मानित अधिवक्ता गाड़ी से घर पर आते थे और सभी फिर एक साथ हमारे घर से ही आंदोलन की मीटिंग में सम्मिलित होने के के लिए जाते थे, बाबू मुख्तार एडवोकेट जी से हुई जानकारी से ही पता चला कि हम बार एसोसिएशन कैराना के अधिवक्ताओं ने 1989 में हाई कोर्ट खण्डपीठ के आंदोलन के दौरान ही पुलिस की लाठियां खाई थी, जो कैराना के लोकप्रिय नेता मुनव्वर हसन जी ने वकीलों पर चलवाई थी, बाबूजी के अनुसार 2003-2004 में खंडपीठ आंदोलन में शनिवार की हड़ताल से मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, गाज़ियाबाद और बिजनौर हटने के लिए लगभग तैयार हो गए थे लेकिन बाबू कौशल प्रसाद जी ने बार एसोसिएशन कैराना की ओर से इस मुद्दे पर इतनी जबरदस्त आवाज उठाई कि फिर कोई भी जिला शनिवार की हड़ताल से नहीं हटा और तब से मुस्तैदी से शनिवार की हड़ताल हाई कोर्ट की खंडपीठ के लि...

कैराना ही नहीं अपितु आस-पास के सभी जनपदों में बड़ा श्रद्धा व सम्मान है कौशल प्रसाद जी के लिए- धर्म सिंह

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   स्मृतियों के आधार पर बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के जीवन के सम्बन्ध में कतिपय स्मृतियों को लिखित रूप में प्रस्तुत करने के लिए मुझे भी उनकी पुत्रियों द्वारा प्रेरित कर निर्देशित किया गया कि आप भी कोई सत्य घटना, जो आपको याद हो तो प्रेषित करें तथा परिणाम स्वरूप कतिपय निम्न स्मृतियां मैं भी प्रस्तुत कर रहा हूं - 1 - स्मृति संख्या - 1- एक बार मेरे पिताजी ने अपनी खेती की जमीन का एक हिस्सा, लगभग 22 बीघे जमीन ग्राम तुगाना ( बागपत) के श्री टीका जाट को ठेके पर, कुछ सालों के लिए दे दी थी लेकिन श्री टीका निवासी तुगाना ने जो अपराधी छवि का था, ने जमीन के फ़र्जी दस्तावेज व झूठी गवाही के आधार पर जमीन पर क़ब्ज़ा कर लिया व परिणामस्वरूप सिविल/ दीवानी कोर्ट में मुकदमेबाजी प्रारम्भ हो गई. कई वर्षो तक लगातार मुकदमा चलने के कारण व जमीन पर क़ब्ज़ा होने से हर रोज़ पुलिस थाने, लड़ाई - झगड़ों से परिवार की आर्थिक हालत भी बहुत ज्यादा खराब हो चुकी थी तथा पिताजी प्रकरण को लेकर बहुत तनाव में रहते थे, लेकिन भगवान की कृपा से एक दिन ग्राम गंगेरु के श्री मेघराज जैन ने पिताजी की मदद के लिए कांधला के निवासी वरि...

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कैराना बार की शान थे कौशल प्रसाद

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कौशल प्रसाद के प्रयास से, आंदोलन से, भूख हड़ताल से सन 1982 में सबसे पहले स्टेट केस कैराना में आए थे, लगभग 8 थाने आए थे, स्टेट केस चले, काम बढ़ा, उन्हीं के प्रयास से चेंबर अलॉट हुए, नक्शे बनाए, हाई कोर्ट भेजे, मंजूर हुए, मैंने सबसे पहले 1984 में कौशल प्रसाद जी के प्रयास से अलॉट हुए अपने चेंबर को बनवाया, बाबू रियासत अली एडवोकेट जी का चेम्बर बना, बाबू सदाकत अली ने भी तब अपना चेंबर बनाया.      बाबू कौशल प्रसाद के प्रयासों से बहुत लाभ हुआ. सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट स्थापित करने में उनका बहुत बड़ा हाथ था. एसीजेएम कोर्ट उनके प्रयास से आई, ए डी जे कोर्ट उनके प्रयास से आई, उन्होंने आखिर तक जिला जज कोर्ट की स्थापना का भी प्रयास किया लेकिन दुर्भाग्य से उनके जीवन में ये कोर्ट स्थापित नहीं हुई लेकिन उन्हीं के प्रयास से और उन्हीं की कोशिश से उनके देहांत के बाद आज जिला जज कोर्ट कैराना में है.      कैराना बार की पहचान पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कौशल प्रसाद की वज़ह से हुई. कौशल प्रसाद के नाम से ही बार एसोसिएशन कैराना को पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोगों ने सम्मान दि...

" विद्वान ,निष्पक्ष एवं समर्पित अधिवक्ता बाबू कौशल प्रसाद "-संस्मरण - सत्यपाल सिंह एडवोकेट

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विचार लो कि मर्त्य हो ,न मृत्यु से डरो कभी . मरो परन्तु यो मरो ,याद जो करे सभी .               कितनी सार्थक एवं प्रेरणादायक हैं राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त की ये पंक्तियाँ ,जो हमें परोपकार की भावना के लिए प्रेरित करती हैं .यही परोपकार तथा  समर्पण की भावना बाबू कौशल प्रसाद कौशिक के व्यक्तित्व में स्पष्ट झलकती थी .वह बार एसोसिएशन कैराना के अध्यक्ष पद पर कई वर्षों तक कार्यरत रहे . मुझे भी उनके साथ सचिव पद पर कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ .               बात वर्ष 1980 की है ,मैंने अपनी वकालत कैराना में प्रारम्भ की .कुछ चंद अधिवक्ताओं के पास ही चैम्बर्स की सुविधा उपलब्ध थी ,शेष अधिवक्ता खुले मैदान में पेड़ के नीचे बैठते थे .कैराना में केवल दो ही कोर्ट कार्यरत थी .एक मुंसिफ़ तथा दूसरी अतिरिक्त मुंसिफ़ की ,एस डी एम कैराना भी जिला मुख्यालय मुजफ्फरनगर में ही बैठते थे .कोतवाली शामली ,कैराना ,कांधला एवं थानाभवन आदि थानों के केवल केस ही यहाँ दायर हो सकते थे .सभी थानों के पुलिस चालान मुजफ्फरनगर ही थे अन्य न्या...

बिल्कुल ही अलग व्यक्तित्व के मालिक थे बाबूजी-राजीव शर्मा

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  बाबूजी के पास शाम को बैठने का सौभाग्य मुझे भी लंबे समय तक प्राप्त हुआ।   जहां तक मैंने देखा और जाना मुझे इतने ईमानदार और स्वाभिमानी व्यक्ति को जानने का पहला अनुभव प्राप्त हुआ। एक बार मेरा एक कार्य बाबूजी के एक फोन से हो गया मैं खुश होकर एक लाख रुपये लेकर उनके पास गया पैसे लेना तो दूर वें मुझसे इतने नाराज हो गए कि मुझे काफी समय लगा मनाने में। दूसरी बात मेरे दो मुकदमे चल रहे थे मेरे वकील थे बाबू बीरसेन जी काफी समय हो गया था एक दिन बाबूजी ने पूछा तुम्हारा क्या मामला है कोर्ट में मैंने बता दिया बाबूजी ने कहा फाइल लेके आओ मैं ले आया आप यकीन मानिए बाबूजी ने मुझसे वकालतनामे के भी पैसे नहीं लिए और केस तीन दिन में खत्म।  तीसरी बात एक बार मेरे एक रिश्तेदार जो कि पटवारी थे किसी केस में फंस गए दिन था शनिवार उन्होंने कहा अगर 24 घण्टे में जमानत नहीं हुई तो मैं सस्पेंड हो जाऊंगा जबकि अगले दिन रविवार था मैंने बाबूजी को बताया उन्होंने कहा ठीक है चलो हम मुजफ्फरनगर जज साहब के पास चले गए जब मैंने कहा बाबूजी अंदर चलो उन्होंने मना कर दिया और कहा जाकर अंदर कहो कि बाबू कौशल जी आये हैं मैं...

बाबूजी का ऐसा रूप पहली बार देखा - गुलशन खन्ना

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 बाबूजी इतने अच्छे वक्ता थे, कि एक बार बाइस हवेली धर्मशाला में एक रसम पगड़ी का आयोजन था और बाबूजी भी वहां थे. तब मैंने उनसे जबरदस्ती दो मिनट बोलने के लिए कहा, आसानी से बोलते नहीं थे,... अच्छा.. इन्होंने वहां कुछ रामायण की पंक्तियाँ और कुछ कविताएं ऐसी सुना दी कि सारे, जितने भी लोग वहां थे वे कहने लगे कि इतने साल हो गये वकील साहब को देखते हुए, पर इनका ये रूप पहली बार देखा, आज तक हमने इनका ये रूप नहीं देखा, हम तो यही सोचते थे कि सीनियर एडवोकेट हैं, लेकिन जब उन्होंने बोला तो ऐसा बोला कि सबने चुप्पी साध ली, सब कहने लगे कि भई वाह! मतलब इतना सुंदर बोले , रामचरित मानस की कुछ पंक्तियाँ और ऐसे प्रसंग सुनाए कि सब दंग रह गए.          गुलशन खन्ना          प्रसिद्ध मंच संचालक          कांधला (शामली)

वकालत व्यवसाय में रहते हुए भी चरित्र पर कोई दाग नहीं था बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट के -आरिफ चौधरी एडवोकेट

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  Despite a legal practitioner, there was no blemish on the character of Babu Kaushal Prasad Advocate                                                                  - Arif Chaudhary Advocate He was fearless, fair, diligent and his character was not blemish even as a legal practitioner . Advocate interest was always first priority for him and for the interests of lawyers he never step back even used to clashed with higher officials.          Similarly, once Honorable Alla Rakha Khan,who was appointed as judicial officer at Kairana, refused to accept the strike of advocates and decided to continue working in his court, as soon as Babu Kaushal Prasad came to know about this, he met the judge and told him about the boycott of his court. After hearing this the judge was shocked . He spoke to...

अभिनन्दन बाबू हुकुम सिंह 1 मई 2006

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    President of Bar Association Kairana Late Babu Kaushal Prasad Advocate ji had friendly relations with the area's influential leader, Deputy Leader of BJP Legislature Party Uttar Pradesh , MLA , former Minister and eminent Advocate Late Babu Hukum Singh ji and this relation was since then when Babu Hukum Singh ji was practiced as an advocate in Muzaffarnagar . But as Babu Kaushal Prasad Advocate ji had a vision of getting the work done for the Bar Association Kairana and the Court without taking personal benefit towards all the relations, here also Babuji did the same and repeatedly requested to Late Babu Hukum Singh ji,With his cooperation Babu Kaushal Prasad Advocate ji was successful in fulfillment the requirements related to the courts located in Kairana  in a systematic way and made the Bar Association Kairana a strong and capable organization. It could be said without any hesitation that it is the greatness of Babu Hukum Singh ji that he also fully cooperated...

एडीजे कोर्ट की स्थापना के लिए बाबू कौशल के भावुक समर्पण को देखा

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संस्मरण श्री रमेश चंद्र दिवाकर सेवानिवृत जनपद न्यायाधीश I am really happy to know that in the loving memory of the proficient Advocate Babu Kaushal Prasad Advocate ji who had devoted his life to the welfare of the Advocates a book based on his life and work titled  " Kantak Path Par Nange Paon" - Kaushal Prasad Synonymous with truth "  is publishing. it is a matter of great fortune for me that I have got an opportunity to express my views about babuji. I have witnessed the struggle of babuji's life for the intrest of the advocates  and his passionate dedication for the establishment of A.D.J. Court at Kairana during my tenure as judicial officer at Kairana Court. Babuji was a dedicated personality to  the advocates. I can say that advocate community can't be able to find an advocate like him again. I hope and full faith that in this book such authentic and inspire text meterial will be available related to the struggle of his life, his dedicated works towards the...

समर्पित भाव के व्यक्ति थे बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी - नेत्रपाल सिंह एडवोकेट

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बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी को अधिवक्ताओं के लिए संघर्ष करते हुए मैंने देखा है. बहुत ही समर्पित होकर अधिवक्ताओं के लिए कार्य करते थे. जब हम कचहरी में आए तो जब हमारी कोई भी समस्या होती थी तो बाबूजी सिगरेट मे दम लगाकर तुरंत कहते थे कि चलो अभी देखते हैं .समर्पित भाव के व्यक्ति थे. बाबूजी का कोई सानी नहीं है, निर्भीक, निडर और शाही व्यक्ति, मैंने नहीं देखा उनके जैसा कोई, आज चाहे कोई भी वकीलों के हित के लिये अपने आपको तीस मार खां समझता हो लेकिन जो समर्पण की भावना बाबू जी के अंदर थी बिना किसी लाग लपेट के, ऐसी बिरले इंसान में ही मिलती है. हमेशा वे हम सभी के लिए आदर्श हैं और रहेंगे. उनको भुलाया नहीं जा सकता. उनके बारे में ज्यादा कुछ कहना तो सूर्य को दीपक दिखाने के समान है.               🙏💐🙏सादर नमन बाबूजी को 🙏💐🙏          नेत्रपाल सिंह                 एडवोकेट जिला कोर्ट, शामली स्थित कैराना 

पता नहीं और कोई अध्यक्ष बाबू कौशल प्रसाद जी जैसा कभी मिलेगा या नहीं - मौ. ईनाम एडवोकेट

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        एक बार कोई बेल डी जे मुजफ्फरनगर के यहां से होनी थी किन्तु बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी डी जे मुजफ्फरनगर से मिले और उनसे बेल ए डी जे कैराना को ट्रांसफ़र करने के लिए कहा, जो कि आमतौर पर किसी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की हिम्मत से बाहर की बात थी किन्तु उन्होंने यह कार्य किया और डी जे मुजफ्फरनगर ने वह बेल ए डी जे कैराना को ट्रांसफर की, तब बाबूजी ए डी जे कैराना से मिले और उनसे बेल देने के लिए कहा, जिसे ए डी जे कैराना को मन मारते हुए देनी पड़ी.       बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी ने अपनी प्रेक्टिस की कभी कोई चिंता नहीं की, ये उनके व्यक्तित्व और लॉ की knowledge थी कि थानेदार भी उनके लिए अपनी कुर्सी छोड़ देते थे.  मेरा तो अब बस यही कहना है कि उन जैसा अध्यक्ष बार एसोसिएशन को मिलना मुश्किल है क्या पता कभी मिलेगा भी या नहीं. मो ईनाम एडवोकेट  जिला कोर्ट शामली स्थित कैराना 

न्यायिक भ्रष्टाचार के सख्त विरोधी -23 नवंबर 98

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 स्व बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी न्यायिक भ्रष्टाचार के सख्त विरोधी थे और उनके समय में कैराना कचहरी का प्रत्येक अधिवक्ता, क्लर्क और कोर्ट का कर्मचारी आज भी उनके समय की साफ सुथरी न्यायिक व्यवस्था के गुणगान करता है. उन्होंने न्यायालयों में अपने समय में सुविधा शुल्क जैसी कुरीति को पनपने नहीं दिया. उनके इसी विरोध के कारण और जूनियर अधिवक्ताओं में उनकी जबरदस्त लोकप्रियता के कारण न्यायिक अधिकारी और कर्मचारी उनसे भयभीत रहते थे और बहुत से सीनियर अधिवक्ता उनके खिलाफ तरह तरह के षड्यंत्र रच कर उन्हें कोर्ट से दूर रखने का प्रयास करते थे, किन्तु कोई भी अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के नेतृत्व को चुनौती नहीं दे पाता था. बाबू जी ने कभी भी निजी वक़ालत को न्याय से ऊपर नहीं रखा और अगर कहीं भी न्यायिक भ्रष्टाचार दिखाई दिया तो उसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.    हम जानते थे कि बाबूजी ने एक जज को बर्खास्त कराया था क्योंकि उसने बाबू जी के एक मुकदमे में गलत निर्णय दिया था और उसके लिए गवाही देने बाबू जी मुजफ्फरनगर गए थे. बाबूजी के संग्रह से हमें जब उनके नाम का एक नोटिस मिला...

विशिष्ट संस्थाओं के अधिवक्ता

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Food Corporation of India   Babu Kaushal Prasad Advocate was a learned advocate and believing in Babu ji's legal ability, he was entrusted by many specialized institutions with the responsibility of defending their own cases in the courts . From 1st December 1986, Babu Kaushal Prasad Advocate Ji was entrusted with the task of advocating the cases of Food Corporation of India by the Food Corporation of India, District Office, Saharanpur. बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट एक विद्धान अधिवक्ता थे और विशिष्ट संस्थाओं द्वारा उनकी वक़ालत में विश्वास व्यक्त कर उन्हें न्यायालय में स्वयं के मुकदमों की पैरवी का दायित्व सौंपा जाता था. भारतीय खाद्य निगम, जिला कार्यालय, सहारनपुर द्वारा 1 दिसंबर 1986 से बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी को भारतीय खाद्य निगम के मुकदमों की पैरवी का कार्य सौंपा गया।  Earlier, Babuji was included in the list of Panel Lawyer on 21.02.1978 by the District Manager, Food Corporation, Saharanpur for appearing in the Corporation's cases. इससे पूर्व बाबूजी को 21.02.1978 को डिस्ट...

दूरस्थ outline court

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   After which a letter dated June 12, 2006 was sent by Shri Rakesh Kumar, Special Secretary, Government of Uttar Pradesh to all the District Magistrates of Uttar Pradesh. President Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate ji received said letter's copy which was forwarded by Honorable District Magistrate  to Nazarat Kairana . In which it was asked to provide the following information regarding the construction of advocate room/library at the tehsil level of the state, in the external remote or outline court  - 1- Distance from Tehsil to External/Remote Munsif Court 2- Area of ​​land available for construction of advocate room/library in external/remote court in square feet Babuji, through his letter dated 28 July 2006, provided the following information to the Hon'ble District Judge, Muzaffarnagar - 1- The distance of Kairana tehsil complex from the district headquarters of Muzaffarnagar is 50 K.m.  2- 3200 square feet of land is required in the rat...

भ्रष्टाचारियों से बहुत दूर थे बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट - मनीष कौशिक

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बाबू कौशल प्रसाद जी ने हमेशा अधिवक्ता हित की लड़ाई लड़ी और हमेशा भ्रष्टाचार के विरूद्ध संघर्ष किया और वकीलों के हितों के लिए संघर्ष किया 2012 में अध्यक्ष  के रूप में मैंने उनका कार्यकाल देखा है उसमें उन्होंने तत्कालीन एक जज साहब से हाथ मिलाने से मना कर दिया था और कह दिया था कि मैं किसी भ्रष्टाचारी से हाथ नहीं मिलाया करता मैं ऐसे संघर्षशील व्यक्तित्व को शत-शत नमन करता हूं.                             मनीष कौशिक एडवोकेट                              पूर्व  कोषाध्यक्ष                               बार एसोसिएशन                               कैराना 

मध्यस्थता केंद्र

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 In 2012, an initiative was started in Muzaffarnagar district to establish Mediation centre in the legal field. A mediation awareness program was organized by the District Legal Services Authority on March 5, 2012 in Kairana, in which the then Additional District and Sessions Judge Kairana (Muzaffarnagar) had informed by sending a card published by D. L. S. A. to the President of Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate. 2012 में कानूनी क्षेत्र में मध्यस्थता केंद्र की स्थापना हेतु जिला मुजफ्फरनगर में पहल आरंभ हुई. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 5 मार्च 2012 को कैराना में मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें तत्कालीन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कैराना (मुजफ्फरनगर) द्वारा अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी को D. L. S. A. द्वारा प्रकाशित कार्ड भेजकर सूचित किया गया. Then Babu Kaushal Prasad Advocate, President of Bar Association Kairana sent the names of 10 advocates engaged in legal profession above 15 years to the Secretary of Distri...

पत्र और पत्रोत्तर

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पत्र और पत्रोत्तर  1-09.06.1990 बाबूजी का पत्र   Late Babu Kaushal Prasad Advocate ji had very close relations with the influential officials and politicians of his time and he knew how to keep those relations alive, but till date the record is that he never took any personal advantage of any relationship, even That in their papers, we found filled forms for notary advocate, both of his own and his wife Mrs. Bina Kaushik Advocate ji, but neither he could get himself appointed notary nor his wife.  On the appointment of Hon'ble Shri Virendra Verma ji as the Governor of Punjab, he sent warm wishes to him on behalf of the Bar Association as President Bar Association Kairana, as well as on the receipt of the letter sent by Virendra Verma ji in support of the High Court Bench , Babu ji also praised his speech given at Talkatora Stadium, New Delhi on 28 May 1990, but along with all this did not forget to keep in mind the interest of his Bar Association and wrote at the end...