कर जाता है....
कर जाता है.... दिखाता मुख की सुन्दरता,टूट जाता इक झटके में, वहम हम रखते हैं जितने खत्म उनको कर जाता है. है हमने जब भी ये चाहा,करें पूरे वादे अपने, दिखा कर अक्स हमको ये, दफ़न उनको कर जाता है. करें हम वादे कितने भी,नहीं पूरे होते ऐसे, दिखा कर असलियत हमको, जुबां ये बंद कर जाता है कहें वो आगे बढ़ हमसे ,करो मिलने का तुम वादा, बांध हमको मजबूरी में, दगा उनको दे जाता है. शालिनी कौशिक http://shalinikaushik2.blogspot.com --
टिप्पणियाँ
क्या कहने
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (25-10-2013)
ऐसे ही रहना तुम (चर्चा मंचः अंक -1409) में "मयंक का कोना" पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (26-10-2013) "ख़ुद अपना आकाश रचो तुम" चर्चामंच : चर्चा अंक -1410” पर होगी.
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है.
सादर...!