बिल्कुल ही अलग व्यक्तित्व के मालिक थे बाबूजी-राजीव शर्मा


 बाबूजी के पास शाम को बैठने का सौभाग्य मुझे भी लंबे समय तक प्राप्त हुआ।   जहां तक मैंने देखा और जाना मुझे इतने ईमानदार और स्वाभिमानी व्यक्ति को जानने का पहला अनुभव प्राप्त हुआ। एक बार मेरा एक कार्य बाबूजी के एक फोन से हो गया मैं खुश होकर एक लाख रुपये लेकर उनके पास गया पैसे लेना तो दूर वें मुझसे इतने नाराज हो गए कि मुझे काफी समय लगा मनाने में। दूसरी बात मेरे दो मुकदमे चल रहे थे मेरे वकील थे बाबू बीरसेन जी काफी समय हो गया था एक दिन बाबूजी ने पूछा तुम्हारा क्या मामला है कोर्ट में मैंने बता दिया बाबूजी ने कहा फाइल लेके आओ मैं ले आया आप यकीन मानिए बाबूजी ने मुझसे वकालतनामे के भी पैसे नहीं लिए और केस तीन दिन में खत्म।  तीसरी बात एक बार मेरे एक रिश्तेदार जो कि पटवारी थे किसी केस में फंस गए दिन था शनिवार उन्होंने कहा अगर 24 घण्टे में जमानत नहीं हुई तो मैं सस्पेंड हो जाऊंगा जबकि अगले दिन रविवार था मैंने बाबूजी को बताया उन्होंने कहा ठीक है चलो हम मुजफ्फरनगर जज साहब के पास चले गए जब मैंने कहा बाबूजी अंदर चलो उन्होंने मना कर दिया और कहा जाकर अंदर कहो कि बाबू कौशल जी आये हैं मैं हतप्रभ जज साहब तुरंत बाहर आये और गाड़ी का दरवाजा खोला और कहा कि आओ अंदर चलकर बैठते हैं।चाय नाश्ता करने के बाद कहा कि ये मेरे बेटे जैसा है और ये काम है।दो मिनट में जमानत दे दी। सबसे बड़ी बात कुछ भी खर्च नही हुआ। बहुत सी और बातें हैं ।जो यहां सारी नहीं लिखी जा सकती। बिल्कुल ही अलग व्यक्तित्व के मालिक थे बाबूजी ।गम्भीर और हँसमुख दोनों तरह के व्यक्ति थे। मैं उनको करबद्ध सादर नमन करता हूँ ।🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹

राजीव शर्मा 

संरक्षक 

सेंट द्रोण पब्लिक स्कूल 

कांधला (शामली )

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