कैराना ही नहीं अपितु आस-पास के सभी जनपदों में बड़ा श्रद्धा व सम्मान है कौशल प्रसाद जी के लिए- धर्म सिंह
स्मृतियों के आधार पर बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के जीवन के सम्बन्ध में कतिपय स्मृतियों को लिखित रूप में प्रस्तुत करने के लिए मुझे भी उनकी पुत्रियों द्वारा प्रेरित कर निर्देशित किया गया कि आप भी कोई सत्य घटना, जो आपको याद हो तो प्रेषित करें तथा परिणाम स्वरूप कतिपय निम्न स्मृतियां मैं भी प्रस्तुत कर रहा हूं -
1 - स्मृति संख्या - 1- एक बार मेरे पिताजी ने अपनी खेती की जमीन का एक हिस्सा, लगभग 22 बीघे जमीन ग्राम तुगाना ( बागपत) के श्री टीका जाट को ठेके पर, कुछ सालों के लिए दे दी थी लेकिन श्री टीका निवासी तुगाना ने जो अपराधी छवि का था, ने जमीन के फ़र्जी दस्तावेज व झूठी गवाही के आधार पर जमीन पर क़ब्ज़ा कर लिया व परिणामस्वरूप सिविल/ दीवानी कोर्ट में मुकदमेबाजी प्रारम्भ हो गई. कई वर्षो तक लगातार मुकदमा चलने के कारण व जमीन पर क़ब्ज़ा होने से हर रोज़ पुलिस थाने, लड़ाई - झगड़ों से परिवार की आर्थिक हालत भी बहुत ज्यादा खराब हो चुकी थी तथा पिताजी प्रकरण को लेकर बहुत तनाव में रहते थे, लेकिन भगवान की कृपा से एक दिन ग्राम गंगेरु के श्री मेघराज जैन ने पिताजी की मदद के लिए कांधला के निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता बाबू कौशल प्रसाद जी से विधिक राय के लिए कहा तथा फिर ग्राम गढ़ी दौलत के मुखिया मुशर्रफ भी पिताजी के साथ बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी से मिले तथा उन्होंने निःस्वार्थ मदद का भरोसा दिलाया. बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी ने निस्वार्थ भाव से मदद करते हुए अपने विधिक ज्ञान के आधार पर न्यायालय से ऐसा आदेश ( डिक्री) पारित कराया, जिसके विरोध में विपक्षी अर्थात क़ब्ज़ा करने वाला टीका निवासी तुगाना उस केस में न तो अपील ही कर सका तथा न ही रिवीजन प्रस्तुत करा पाया. इस प्रकार बाबू कौशल प्रसाद जी के सहयोग से त्वरित न्याय मिलने से उक्त 22 बीघा जमीन पर पुनः पिताजी ने खेती प्रारंभ की तथा यह सब बाबू कौशल प्रसाद जी के कारण हुआ, जिससे यह साबित होता है कि वास्तव में ही बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी कानून के बहुत ज्यादा जानकार व माहिर भी थे.
स्मृति संख्या - 2 - अक्सर हम जब बाबू कौशल प्रसाद जी के आवास के सामने से गली में जाते थे या कभी कैराना तहसील में जाते थे, हम ने उनको एक दमदार स्टाइल में राजकुमार ऐक्टर की भांति सिगरेट पीते हुए दिखाई देते थे.
स्मृति संख्या - 3 - कदाचित आज की इस भौतिकवादी भागदौड़ में व्यक्ति ज्यादातर सिर्फ और सिर्फ अपने दैनिक कार्यों में इतने व्यस्त रहते हैं कि जीवन के संपूर्ण विकास की तरफ ध्यान ही नहीं जा पाता, अर्थात मानव प्राणी होने के नाते समाज के प्रति अपने दायित्व व जिम्मेदारियों का एहसास तक भी नहीं कर पाता है लेकिन बाबू कौशल प्रसाद जी इसके बिल्कुल विपरीत थे, अर्थात बाबू कौशल प्रसाद जी सदैव अपने कार्यों के साथ साथ समाज के नैतिक मूल्यों की स्थापना कराने में भी अपना योगदान देते रहते थे तथा वे अपने मुवक्किल के प्रति भी सदैव वफादार रहते थे और मुवक्किल का हित सर्वोपरि रखते थे. वह स्पष्ट कहने वाले, बेदाग छवि के सफल अधिवक्ता रहे.
बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी कानून के इतने माहिर थे कि उनका नाम कैराना ही नहीं अपितु आस-पास के सभी जनपदों में बड़ी श्रद्धा व सम्मान के साथ लिया जाता है, कदाचित उन्होंने जो ख्याति अर्जित की, वह संपूर्ण अधिवक्ता समाज के लिए सदैव प्रेरणादायक रहेगी.
धर्म सिंह
पुत्र स्व श्री करताराम
पंचायती राज विभाग
विकास खंड, कैराना
टिप्पणियाँ