वकालत व्यवसाय में रहते हुए भी चरित्र पर कोई दाग नहीं था बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट के -आरिफ चौधरी एडवोकेट
ऐसे ही एक बार कैराना नियुक्त एक जज साहब माननीय अल्ला रक्खा खां ने अधिवक्ताओं की हड़ताल को मानने से इंकार कर दिया और अपनी कोर्ट में काम जारी रखने का फैसला किया , ये बात जैसे ही बाबू कौशल प्रसाद को पता लगी उन्होंने जज साहब से मिल उन्हें उनकी कोर्ट के बहिष्कार का फैसला सुना दिया ,जिसे सुन जज साहब सकते में आ गए .उन्होंने कैराना नियुक्त रहे अपने मित्र तत्कालीन ए डी जे माननीय अबरार अहमद से बात की और उनके द्वारा यह बताने पर कि अब वे उसकी सीधे शिकायत सीजे से करेंगे ,पर घबराकर अपने स्टेनो को बाबू कौशल प्रसाद के पास भेजा. बाबूजी के स्टेनो के साथ जाने से इंकार करने पर जज साहब ने दोबारा स्टेनो को भेजा और तब स्टेनो के बार-बार गुजारिश करने पर बाबूजी जज साहब से मिले और तब जज साहब द्वारा वकीलों की हड़ताल को मानने पर उनकी कोर्ट का बहिष्कार खत्म हुआ और जज साहब की जान में जान आई .
आरिफ चौधरी एडवोकेट
जिला कोर्ट
शामली स्थित कैराना
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