नए वकीलों का उत्साह वर्धन करते थे बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट-संस्मरण - आलोक चौहान एडवोकेट


A memoir related to Babuji always inspires me. I went to Delhi and Bulandshahr with Babuji for the meeting of the Sangharsh Samiti. I was new and had no experience of advocacy, but I received father's affection from him. He used to encourage new lawyers. In the meeting, I saw that the whole hall was listening to his speech in awe. Even today, when I am upset, I close my eyes and remember him and always find him with me.

Virtuous remembrance

बाबूजी के साथ मैं संघर्ष समिति की मीटिंग में दिल्ली और बुलंदशहर गया. मैं नया था और वकालत का कोई अनुभव नहीं था, पर मुझे उनसे पिता के समान स्नेह मिला . वे नए वकीलों का प्रोत्साहन करते थे. मीटिंग में मैंने देखा था कि उनके भाषण को पूरा हॉल मंत्रमुग्ध होकर सुन रहा था. आज भी जब मैं परेशान होता हूँ तो आँखे बंद कर उन्हें याद करता हूं और उन्हें हमेशा अपने पास पाता हूं.

               सादर नमन 

                          आलोक चौहान एडवोकेट

                          जिला कोर्ट

                          शामली स्थित कैराना 

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