हम नये अधिवक्ताओं के साथ खड़े थे बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट - इमरान चौहान एडवोकेट
जुलाई वर्ष 2003 में मैंने विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त कर बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया , फिर चौधरी मुनेंद्र सिंह एडवोकेट जी के साथ उनके जूनियर के रूप में विधिक व्यवसाय शुरू किया .बाबू मुनेद्र के साथ में 2 वर्ष तक रहा और उनसे काफी कुछ विधिक व व्यवहारिक ज्ञान सीखा और फिर मैंने वर्ष 2006 से स्वतंत्र रूप से वकालत शुरू की .उस समय बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जूनियर अधिवक्ताओं के हितार्थ बार एसोसिएशन कैराना के पदाधिकारी रहते हुए और कभी कभी कार्यकारिणी में न रहते हुए भी काफी कुछ कार्य कर रहे थे ,जैसे नए अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर की व्यवस्था तथा अदालतों और कार्यालयों में किसी भी अधिवक्ता को परेशानी का सामना न करना पड़े और इस सबके लिए बाबूजी हम नये अधिवक्ताओं के साथ खड़े थे.
वर्ष 2006 की बात है कि मैंने नकल विभाग में फौजदारी मे पत्रावली की सम्पूर्ण ऑर्डर शीट लेने के लिए नकल सवाल दाखिल किया, उस समय नकल विभाग में हेड बाबू समय सिंह हुआ करते थे. उस समय नकल विभाग में यह चलन था कि एक डेट की ऑर्डर शीट के लिए एक स्टाम्प देना होता था. अब मेरे सामने यह समस्या थी कि पत्रावली में कम से कम 25 डेट की ऑर्डर शीट हो तो 25 ही स्टाम्प देने होंगे जिससे काफी भार वहन करना पड़ेगा और क्लाइंट से इतने रुपये भी नहीं लिए थे. तब मैंने बाबू कौशल प्रसाद जी के सामने अपनी यह समस्या रखी तो बाबूजी ने कहा - " अरे इमरान बेटे! क्या तुम्हें जनरल रूल्स की जानकारी नहीं है कि सम्पूर्ण ऑर्डर शीट के लिए केवल एक ही स्टाम्प जाएगा." मैंने कहा कि बाबू जी मुझे तो जानकारी है किन्तु हेड कोपिंग बाबू नहीं मान रहा है तो फिर क्या था बाबूजी ने हेड कोपिंग बाबू को डांट फटकार लगाई और नकल लेने के लिए जनरल रूल्स के बारे में बताया और कानून पढ़ाया तो बाबू हाथ जोड़ कर खड़ा हो गया और कहा बाबूजी गलती हो गई और फिर क्या था मुझे केवल एक ही स्टाम्प पर पत्रावली की सम्पूर्ण ऑर्डर शीट मिल गई, उस दिन से आज तक हम सब अधिवक्ताओं को एक ही स्टाम्प पर सम्पूर्ण ऑर्डर शीट की नकल मिल रही है नहीं तो पहले हर एक डेट की ऑर्डर शीट के लिए अलग अलग स्टाम्प देना होता था.
ऐसे थे हमारे बाबूजी श्री कौशल प्रसाद एडवोकेट, मैं ऐसे व्यक्तित्व को बार बार नमन करता हूं जिन्होंने सदैव ही बार व अधिवक्ताओं के हितार्थ कार्य किया. मेरी ओर से बाबूजी को विनम्र श्रद्धांजली.
इमरान चौहान
एडवोकेट
जिला कोर्ट शामली स्थित कैराना
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