बाबूजी का ऐसा रूप पहली बार देखा - गुलशन खन्ना



 बाबूजी इतने अच्छे वक्ता थे, कि एक बार बाइस हवेली धर्मशाला में एक रसम पगड़ी का आयोजन था और बाबूजी भी वहां थे. तब मैंने उनसे जबरदस्ती दो मिनट बोलने के लिए कहा, आसानी से बोलते नहीं थे,... अच्छा.. इन्होंने वहां कुछ रामायण की पंक्तियाँ और कुछ कविताएं ऐसी सुना दी कि सारे, जितने भी लोग वहां थे वे कहने लगे कि इतने साल हो गये वकील साहब को देखते हुए, पर इनका ये रूप पहली बार देखा, आज तक हमने इनका ये रूप नहीं देखा, हम तो यही सोचते थे कि सीनियर एडवोकेट हैं, लेकिन जब उन्होंने बोला तो ऐसा बोला कि सबने चुप्पी साध ली, सब कहने लगे कि भई वाह! मतलब इतना सुंदर बोले , रामचरित मानस की कुछ पंक्तियाँ और ऐसे प्रसंग सुनाए कि सब दंग रह गए.

         गुलशन खन्ना

         प्रसिद्ध मंच संचालक

         कांधला (शामली)

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''ऐसी पढ़ी लिखी से तो लड़कियां अनपढ़ ही अच्छी .''