बाबू कौशल एक प्रकार से पितामह रहे कैराना कचहरी के-चौधरी रियासत अली एडवोकेट
बाबू कौशल ईमानदार छवि के थे और काफी लंबे समय तक बार एसोसिएशन कैराना के अध्यक्ष रहे .अपने अध्यक्षीय काल में उन्होंने अधिवक्ता हित में बहुत काम किये.1991 में उनके प्रयास से ही सिविल जज [सीनियर डिवीजन] की स्थापना कराई थी और उन्हीं के प्रयास से सन 1982 तक कैराना में जो केवल परिवाद दायर होते थे ,वे उन्हीं के प्रयास से फौजदारी के सरकारी वाद भी कैराना स्थित न्यायालयों में तय होने लगे .बाबू कौशल प्रसाद के अथक प्रयास से कैराना में दो फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की गई और वह कैराना को जिला न्यायालय दिलाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे .
उन्हीं के प्रयासों से कैराना में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के अतिरिक्त अपर जिला न्यायाधीश महोदय के न्यायालय की 2011 में स्थापना हुई .कैराना स्थित सेशन न्यायालयों में शामली क्षेत्र के सभी थानों की सुनवाई सुचारू रूप से उनके प्रयास से हुई जिससे जिला शामली क्षेत्र के गरीब वादकारियों को बहुत बड़ा फायदा हुआ .
बाबू कौशल प्रसाद के प्रयास से ही कैराना में मीडिएशन सेंटर की स्थापना हुई जिसमें वैवाहिक एवं व्यवहारिक वादों में समझौता कराकर निस्तारण करने में न्यायालयों को बड़ी आसानी हुई .उक्त मीडिएशन सेंटर कैराना में बाबू कौशल प्रसाद के नेतृत्व में ही स्थापित हुआ था ,जिसके सदस्य वीरेंद्र सिंह वर्मा एडवोकेट व् पंडित कृष्ण कुमार शर्मा एडवोकेट ने बाबू कौशल प्रसाद के नेतृत्व में अनेकों वैवाहिक व् व्यवहार वादों में समझौता कराकर स्थानीय जनता को लाभ पहुँचाया .बाबू कौशल प्रसाद के प्रयासों से ही कैराना स्थित न्यायालयों में कार्यरत युवा वकीलों के कल्याण के लिए वाचनालय की स्थापना हुई जिसमें कानून संबंधी काफी किताबों का जखीरा इकट्ठा किया गया जिससे युवा अधिवक्ता लाभान्वित हुए .
मुजफ्फरनगर जिले के अंदर जब हाई कोर्ट बेंच हड़ताल टूटने के कगार पर आई तब मेरठ में नानक चंद सभागार में पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मीटिंग की बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी ने अध्यक्षता की, तब कुछ वकील आगरा में बेंच के समर्थन में हड़ताल तुड़वाना चाहते थे लेकिन बाबू कौशल के ओजस्वी भाषण की वज़ह से मेरठ में संघर्ष समिति में जान पड़ी थी और शनिवार की हड़ताल जारी रही. संघर्ष समिति पर जब जब भी संकट आया तब तब बाबू कौशल ने संकट से संगठन को उबार दिया. मैं स्पष्ट कहता हूं कि मैं रियासत अली एडवोकेट, मौ. अतहर एडवोकेट कौशल प्रसाद के साथ कई बार मीटिंग में गए और नानक चंद सभागार में उनके ओजस्वी भाषण की वज़ह से आज तक संगठन मजबूत चला आ रहा है. आज भी उनके पदचिन्हों पर कैराना बार में शनिवार की हड़ताल बदस्तूर जारी है.
बाबू कौशल प्रसाद अनेकों बार बार एसोसिएशन कैराना के अध्यक्ष पद पर आसीन हुए तथा कई बार महासचिव भी रहे ,उन्होंने बार के अधिवक्ताओं के हित में काम किया. मैं साफ तौर पर यह कहता हूं कि कैराना कचहरी में जितना भी विकास हुआ है चाहे वह वकीलों के चैम्बर हों, नवसृजित अदालतें हों सब उन्हीं के प्रयास से हुआ है. दूसरा कोई अध्यक्ष ऐसा आज तक हुआ ही नहीं जिसके प्रयास से ऐसा कोई काम हुआ हो जो याद रहे. बाबू कौशल ने कैराना कचहरी और अधिवक्ताओं के लिए बहुत मेहनत व लगन से कार्य किया और उन्हीं की लगन व मेहनत से वर्तमान में जिला न्यायालय के प्रांगण में वाटिका की स्थापना की गई है और उन्हीं के प्रयास से आज कैराना कचहरी में जिला जजी स्थापित है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के माननीय जस्टिस ए के योग साहब बाबूजी के सहपाठी रहे थे, उन्होंने मेरठ में प्रेक्टिस की थी और कैराना के प्रशासनिक जज बनने पर वे बाबू कौशल की सीट पर आकर बैठे थे तो बाबू कौशल प्रसाद जी ने उनके कुर्ते को पकड़कर उनसे कहा था कि ये कोर्ट आपको देनी ही होगी तब उन्होंने हंसते हुए कोर्ट देने की हामी भरी थी. यही नहीं हम सभी ने देखा है कि माननीय रमेश चंद्र पांडे जी जो तत्कालीन जिला जज मुजफ्फरनगर हुआ करते थे वे बाबूजी का बहुत सम्मान करते थे और वे भी बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी से उनकी सीट पर मिलने आते थे. बाबू कौशल प्रसाद को उनके पास जाने की कोई जरूरत नहीं थी, जो भी डिस्ट्रिक्ट जज मुआयने को आता था वह बाबू कौशल प्रसाद की सीट पर आता था, उन्हें नमन करता था उसके बाद ही मुआयना करता था.
बाबू कौशल एक प्रकार से पितामह रहे कैराना कचहरी के, हमारी तो यही इच्छा है कि हे ईश्वर ❗उन्हें स्वर्ग में अच्छी जगह दे ❗
🙏सादर नमन 🙏
चौधरी रियासत अली एडवोकेट
जिला कोर्ट
शामली स्थित कैराना
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