स्वयं के लिये कभी कुछ सोचा नहीं बड़े भाई बाबू कौशल प्रसाद जी ने -नरेंद्र गोयल एडवोकेट

       मेरे आदरणीय पिता तुल्य बड़े भाई बाबू कौशल प्रसाद जी के बारे में मेरे पास कहने को शब्द नहीं हैं। जब भी उनका ध्यान मन में आता है. नेत्रों से अश्रु बहने लगते हैं। बार एसोसिएशन कैराना के प्रत्येक सदस्य को अपना छोटा भाई मानते हुए अधिवक्ता हित में कार्य करना उनका प्राथमिक कार्य रहा है। अधिवक्ताओं के हित में लड़ाई लड़ना हमेशा उनके मन में समाया हुआ था। स्वयं के लिये कभी कुछ सोचा नहीं परन्तु बार के प्रत्येक सदस्य के बारे में हमेशा कुछ नया सोचते थे। बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के जीवन पर लिखी जा रही पुस्तक "कंटक पथ पर नंगे पांव के लिये लिखे जाने वाले शब्दों को लिखकर मैं प्रसन्न महसूस कर रहा हूँ।

नरेंद्र गोयल 

एडवोकेट 

कैराना

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कर जाता है....

''ऐसी पढ़ी लिखी से तो लड़कियां अनपढ़ ही अच्छी .''

पत्र और पत्रोत्तर