कैराना कचहरी के हर आदमी के दिल मे बसे हैं बाबू कौशल प्रसाद जी -बाबू बृज पाल जी
अभी पिछले दिनों बाबू बृज पाल जी से बात हुई, थोड़ी बातचीत के बाद पता चला कि वे छोटे भाई दीपक सैनी एडवोकेट जी के पिताजी हैं, पापा के बारे में बहुत जानकारी थी उनके पास, पर बहुत थोड़ी ही मैं सहेज पाई, उनके अनुसार कभी माननीय अब्दुल्ला खान जी कैराना कचहरी में जज रहे हैं, एक बार बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी उनकी कोर्ट में गए और उनसे किसी मुकदमे के बारे में मालूमात की जिसका उन्होंने कोई संतोष जनक उत्तर नहीं दिया तब बाबूजी ने उनसे कहा कवि हृदय तो पापा थे ही तो कुछ काव्यात्मकता के साथ कहा - " तुझको रखे राम तुझको अल्लाह रखे, दे दाता के नाम तुझको अल्लाह रखे" और यह कहकर कोर्ट से बाहर आकर हड़ताल की घोषणा कर दी और कह दिया कि खटौला यहीं बिछैगा।
हाई कोर्ट बेंच आंदोलन में जांच के मामले में बाबू बृज पाल जी के बयान होने थे, तब इलाहाबाद हाई कोर्ट से आए जस्टिस जैदी साहब के कंधे को थपथपाते हुए बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी ने कहा था कि न्याय कीजिए और यह कहने के बाद बृज पाल जी से बयान देने के लिए कहा और तब उन्होंने खुलकर बयान दिए थे.
बाबू बृज पाल जी के पास पापा से जुड़ी बहुत सी यादें हैं, उनके अनुसार, कैराना कचहरी के हर आदमी के दिल मे बसे हैँ बाबूजी,हमने जब भी बाबूजी को बुलाया वे एक बार कहने पर ही आ गए, उनके पास पापा के बहुत से फोटो भी हैं जो उन्होंने मुझे देने का वायदा भी किया.
उनकी पापा से जुड़ी ये यादें और उनका खुलकर यह सब कहना मेरे लिए इस मायने में बहुत महत्वपूर्ण है कि कहने के लिए तो बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी का बार एसोसिएशन कैराना और कैराना कचहरी में बहुत योगदान है किन्तु शायद इतना बड़ा नहीं कि उनका नाम कचहरी में कहीं भी दिखाई दे सके.
( बाबू बृजपाल जी से शालिनी कौशिक एडवोकेट द्वारा की गई बातचीत पर आधारित )
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