स्वतन्त्र और निष्पक्ष विचारधारा के व्यक्तित्व थे कौशल प्रसाद जी -अरुण गर्ग

कुमारी शालिनी कौशिक।

मुझे यह जानकर बढी प्रसन्नता हुई कि आपके द्वारा अपने पिता श्री कौशल प्रसाद एडवोकेट पर एक पुस्तक छापी जा रही है।

श्री कौशल प्रसाद जी को मैंने बहुत नजदीक से देखा और समझा है। वह एक स्वतन्त्र और निष्पक्ष विचारधारा के व्यक्तित्व थे। अपनी इसी खूबी के कारण वह एक लम्बे समय तक कैराना बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे। उनके साथ कई वर्षों तक कई-कई घंटे साथ बैठने का मौका मिलता रहा। उन्होंने मेरे द्वारा सम्पादित साप्ताहिक 'कांधला गजट समाचार पत्र के माध्यम से कस्बे की जन समस्याओं, चाहे वो नगर पालिका एवं पुलिस से सम्बन्धित रही, महिला महाविद्यालय की स्थापना एवं भूमि अधिग्रहण से ताल्लुक रखने वाली रही या किसी अन्य सरकारी विभाग को लेकर रही, उनको पूरी जोरदारी के साथ उठाया और 'कांधला गजट' को अपना निःस्वार्थ सहयोग देकर 'कांधला गजट' की जलती हुई व रास्ता दिखाने वाली, शमा को आलोचनाओं व व्यवधानों के तूफानों से बुझने नहीं दिया।

"'कुछ खार कम तो कर गये गुजरे जिधर से वो "

उनकी हमेशा यह सोच रही कि-

"कलम का काम तो है बेजुबानों को जुबां देना 

कलम से जुल्म के तलुए तो सहलाये नहीं जाते."

अरूण गर्ग

सदस्य नगर पालिका परिषद, कॉवला

काँधला-247775

जिला-शामली (उ.प्र.)

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''ऐसी पढ़ी लिखी से तो लड़कियां अनपढ़ ही अच्छी .''