पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कैराना बार की शान थे कौशल प्रसाद


कौशल प्रसाद के प्रयास से, आंदोलन से, भूख हड़ताल से सन 1982 में सबसे पहले स्टेट केस कैराना में आए थे, लगभग 8 थाने आए थे, स्टेट केस चले, काम बढ़ा, उन्हीं के प्रयास से चेंबर अलॉट हुए, नक्शे बनाए, हाई कोर्ट भेजे, मंजूर हुए, मैंने सबसे पहले 1984 में कौशल प्रसाद जी के प्रयास से अलॉट हुए अपने चेंबर को बनवाया, बाबू रियासत अली एडवोकेट जी का चेम्बर बना, बाबू सदाकत अली ने भी तब अपना चेंबर बनाया.

     बाबू कौशल प्रसाद के प्रयासों से बहुत लाभ हुआ. सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट स्थापित करने में उनका बहुत बड़ा हाथ था. एसीजेएम कोर्ट उनके प्रयास से आई, ए डी जे कोर्ट उनके प्रयास से आई, उन्होंने आखिर तक जिला जज कोर्ट की स्थापना का भी प्रयास किया लेकिन दुर्भाग्य से उनके जीवन में ये कोर्ट स्थापित नहीं हुई लेकिन उन्हीं के प्रयास से और उन्हीं की कोशिश से उनके देहांत के बाद आज जिला जज कोर्ट कैराना में है.

     कैराना बार की पहचान पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कौशल प्रसाद की वज़ह से हुई. कौशल प्रसाद के नाम से ही बार एसोसिएशन कैराना को पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोगों ने सम्मान दिया और इज्जत की निगाह से देखा.

                                                मौ.अतहर अली

                                                      एडवोकेट 

                          जिला कोर्ट शामली स्थित कैराना 

     

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''ऐसी पढ़ी लिखी से तो लड़कियां अनपढ़ ही अच्छी .''