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आज कौशलप्रसाद जी हमारे मध्य न होकर भी उनकी स्मृतियों की सुगन्ध हर अधिवक्ता के दिल मे है -श्री योगेश कुमार शर्मा एडवोकेट

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  वास्तव में अधिवक्ता समाज जनमानस के साथ-साथ अपने समकक्ष और आने वाली पीढ़ी को दिशा-निर्देश देने की आबद्धता धारण करता है .यद्यपि एक अधिवक्ता की अन्य अधिवक्तागण के प्रति कोई आबद्धता नही होती लेकिन जहाँ सम्भाव्य कारण कुछ अधिवक्तागण तुलनात्मक रूप से अपना स्थान न बना पाते हों सतत अन्य अधिवक्तागण के समतुल्य न होना या न्यायिक गतिविधियों में अपने आप को सही से स्थापित न कर पाना ,यद्यपि यह क्रियात्मक रूप अधिवक्ता समाज में अधिकांशतः सामान्य है और इसके अभिभावी होने का एक मात्र कारण अधिवक्ता समाज की यह परम्परावादी मस्तिष्क की प्रकृति है कि युवा अधिवक्ता मानसिक व् संवेगात्मक रूप से सीनियर अधिवक्ता की अपेक्षा कमजोर होते हैं ,सम्भाव्य कारण अनेक हैं तथा सम्पूर्ण अधिवक्ता समाज में विविध रुप से व्याप्त हैं . अधिकांशतः कुछ अधिवक्तागण इसी उपेक्षा के शिकार होकर रह जाते हैं और इस विभीषिका से त्रस्त होकर सम्पूर्ण विकास को प्राप्त नही हो पाते .ऐसी परिस्थिति में प्रत्येक अधिवक्ता का यह दायित्व भी होता है कि वह अपने समकक्ष या युवा अधिवक्ता को इस विभीषिका से ग्रसित न होने दे ...

मान्यवर कौशल प्रसाद जी की उदात्त आत्मा के प्रति नमन -सन्तोष खन्ना प्रधान संपादक, 'महिला विधि भारती', पत्रिका विधि भारती परिषद्‌ दिल्ली

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शुभकामना संदेश यह अतीव प्रसन्नता का विषय है कि डा शिखा कौशिक नूतन और शालिनी कौशिक अपने पिताश्री स्वर्गीय श्री कौशल प्रसाद पर एक पुस्तक तैयार कर रहीं है जिसमें वे दोनों अपने पिताश्री के व्यक्तित्व और कृतित्व को रेखांकित करते हुए उनकी स्मृति को चिर स्थाई बनाने का प्रयास कर रही हैं। पुस्तक का 'कंटक पथ नंगे पांव' शीर्षक से प्रणयन कर उसे प्रकाशित किया जा रहा है और यह शीर्षक ही स्वयं में बहुत कुछ संकेत दे देता है। इस महत् कार्य से वे अपने पिताश्री की मधुर स्मृति के प्रति अपने स्नेह सुमन अर्पित करेंगी। इस प्रकार का पुनीत कर्म वहीं करता है जिसे अपने जनक से सुंदर संस्कार मिले हों। यद्यपि मुझे उनके पिताश्री से मिलने का सुअवसर कभी नहीं मिला, किंतु मैं जितना शिखा और शालिनी को जानती हूं उससे यह विश्वासपूर्वक कह सकती हूं कि माननीय कौशल प्रसाद, जो पेशे से एक वकील थे, बहुत ही सहज, सरल और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। अपने व्यवसाय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें अपने साथी अधिवक्ताओं, मुविक्कलों आदि में सहज ही लोकप्रिय बना दिया था और वह न्यायालय में हर मुकदमें में पूरी तैयारी के साथ पेश होते...

मैं इस शीर्षक से ही अनुमान लगा सकती हूं कि पापा ने कितने संघर्ष किए होंगे- Ranjna Niraula (Famous Writer & Media Personality) Kathmandu, Nepal

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Ranjna Niraula (Famous Writer & Media Personality) Kathmandu, Nepal  A daughter born as the dream of a father's eye, becoming the eyes of her father, is bringing her ideal father to life through words, what can be a greater gift of affection towards her father! I salute such girls from the bottom of my heart. How touching is the name of this book, how symbolic, how imagery - (कंटक पथ पर नंगे पांव) Barefoot on the Path of thorns . I can guess from the title itself how much struggle Papa must have gone through, walking barefoot in a world like thorns .I think this book based on the life of the most respected Babu Kaushal Prasad ji will be an inspiration to all and a guide for the new generation. Dear Shikha ji, both of you have done an exemplary and commendable work for the society and related field by presenting your father's contribution and struggle in words. This book will become a milestone on the subject and a source of inspiration for the readers. I feel proud on the g...

माता पिता के अवदान अमूल्य होते हैं, हम कभी उनसे उऋण नहीं हो सकते-प्रो. मंगला रानी

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  प्रो. मंगला रानी 'मनीषा', शारदापुरम् पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना प्रोफेसर्स कॉलोनी कंकड़बाग, पटना- 20 माता पिता के अवदान अमूल्य होते हैं, हम कभी उनसे उऋण नहीं हो सकते। डॉ. शिखा कौशिक एवं शालिनी कौशिक जी ऐसी भाग्यशाली बेटियाँ हैं, जिन्हें ईश्वर से अपने विद्वान पिता के लिये कुछ करने की प्रेरणा मिली है। जन्म देने वालों के सपनों को आगे बढ़ाने में, उनके कुछ छूट गये कामों को पूर्णता देने में यदि हम दो कदम भी आगे बढ़ते हैं, ईश्वर मार्ग प्रशस्त करता चलता है। आपकी पुस्तक 'कंटक पथ पर नंगे पाँव' साहित्य एवं समाज के लिये अवश्य ही वरदान साबित होगी, साथ ही पीढ़ियों के लिये प्रेरणा-स्रोत भी। डॉ. शिखा को मंचों पर बोलते हुए मुग्ध भाव से सुन चुकी हूँ, उनकी लिखी पुस्तक 'नूतन रामायण' पढ़ने का अवसर पा चुकी हूँ.... अब आपके पूज्य पिता बाबू कौशल प्रसाद जी के प्रति आपकी भावनाएँ और उनके अधिवक्ता रूप में किये गये आदर्श कार्य समझने का अवसर मिल रहा है। आपके काम मुझे अतिशय आनंदित करते रहे हैं, चाहे वह पुस्तकालय का निर्माण हो अथवा निरंतर शोध । आने वाली इस पुस्तक की आतुर प्रतीक्षा है। मेर...

वास्तव में एक अधिवक्ता का जीवन कांटों भरे पथ पर चलने जैसा ही है -मृगांका सिंह

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  संदेश मृगांका सिंह (भारतीय जनता पार्टी) दिनाँक 02/03/2022 प्रिय शालिनी, सर्वप्रथम मैं आपको बाबू कौशल प्रसाद जी के जीवन पर लिखी गयी पुस्तक 'कंटक पथ पर नंगे पाँव' के प्रकाशन के लिये बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करती हूँ। वास्तव में एक अधिवक्ता का जीवन कांटों भरे पथ पर चलने जैसा ही है निश्चित रुप से यह पुस्तक नई पीढ़ी का मार्गदर्शन करने में सहायक होगी। इस पुस्तक में उत्कृष्ट उद्धरणों को संकलित कर वर्तमान संदर्भ में उनकी ग्राहयता तथा उनके महत्व को भी रेखांकित किया गया है। मैं आपके द्वारा इस कृति के माध्यम से सामाजिक दायित्वों के प्रति आपके समर्पण की प्रशंसा करती हूँ। शुभकामनाओं सहित। भवदीया (मृगांका सिंह)

पुस्तक के सफल प्रकाशन हेतु मेरी अशेष मंगल कामनायें -शिव किशोर गौड़

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Shiv Kishor Gour Co-Chaiman Mobile : 0917229999 Bar Council of Uttar Pradesh मुझे यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है कि दो दशक से अधिक समय तक बार एशोसिएशन कैराना के अध्यक्ष पद को सुशोभित करने वाले अधिवक्ता हित में जीवन समर्पित करने वाले बाबू कौशल प्रत्साद एडवोकेट की स्मृति में उनके जीवन व कार्यों पर आधारित ग्रन्थ "कंटक" पथ पर नंगे पांव-" Kaushal Prasad Synonymous with Truth" का प्रकाशन किया जा रहा है। मुझे आशा व पूर्ण विश्वास है कि इस पुस्तक में ऐसी पाठ्य सामग्री का समावेश किया जायेगा जिससे पाठकों को बाबू कौशल प्रसाद जी के व्यक्तित्व व विशेष रूप से अधिवक्ता समाज के लिए किये संघर्ष के विषय में प्रमाणित व प्रेरक सामग्री प्राप्त हो सकेगी। पुस्तक के सफल प्रकाशन हेतु मेरी अशेष मंगल कामनायें ।

अधिवक्ता परिवार सर्वोपरि रहा है आदरणीय बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के लिए-विशाल गोयल एडवोकेट

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अपने लिए जिये तो क्या जिये। जिये तो हम जमाने के लिए।। उक्त लाईने सटीक बैठती है हमारे आदरणीय बाबू कौशल प्रसाद जी एडवोकेट के लिए। सम्पूर्ण जीवन मुफलिसी में बिताते हुए जो भी कार्य किये वह जन भावना में किये, अधिवक्ताओ के हित में किये। अपने परिवार को परिवार न मानते हुए अधिवक्ता परिवार उनके लिए सर्वोपरि रहा है। मैं स्वंय उनके साथ बार एसोसिएशन की कार्यवाही में रहा, उनका कार्य बार एसोसिएशन कैराना के प्रति सम्मानजनक रहा है। मैं जो भी बातें आज इस पत्र में लिख रहा हूँ, वह बाबूजी के आर्शीवाद स्वरूप मेरी लेखनी द्वारा स्वंय लिखी जा रही हैं। मुझे बहुत खुशी होती है, जब-जब उनकी याद में कुछ नये कार्य होते हैं। आज बाबूजी के जीवन पर लिखी जा रही किताब "कंटक पथ पर नंगे पांव" के लिए मेरे द्वारा दो शब्द लिखे गये हैं। मैं बहुत प्रसन्न महसूस कर रहा हूँ। भवदीय  विशाल कुमार गोयल  एडवोकेट  कैराना (शामली )

स्वयं के लिये कभी कुछ सोचा नहीं बड़े भाई बाबू कौशल प्रसाद जी ने -नरेंद्र गोयल एडवोकेट

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       मेरे आदरणीय पिता तुल्य बड़े भाई बाबू कौशल प्रसाद जी के बारे में मेरे पास कहने को शब्द नहीं हैं। जब भी उनका ध्यान मन में आता है. नेत्रों से अश्रु बहने लगते हैं। बार एसोसिएशन कैराना के प्रत्येक सदस्य को अपना छोटा भाई मानते हुए अधिवक्ता हित में कार्य करना उनका प्राथमिक कार्य रहा है। अधिवक्ताओं के हित में लड़ाई लड़ना हमेशा उनके मन में समाया हुआ था। स्वयं के लिये कभी कुछ सोचा नहीं परन्तु बार के प्रत्येक सदस्य के बारे में हमेशा कुछ नया सोचते थे। बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के जीवन पर लिखी जा रही पुस्तक "कंटक पथ पर नंगे पांव के लिये लिखे जाने वाले शब्दों को लिखकर मैं प्रसन्न महसूस कर रहा हूँ। नरेंद्र गोयल  एडवोकेट  कैराना

पापा की सांसें शायद कैराना में ही अटकी रहती थी-पुत्री शालिनी कौशिक एडवोकेट

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पिता एक ऐसा सम्बन्ध, जिस पर एक बेटी की जिंदगी और सम्मान दोनों निर्भर करता है। मेरे पिता स्व. बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी इन दोनों ही कसौटियों पर पूरी तरह से खरे उतरे हैं। हमें उच्च शिक्षा दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत किन्तु हमारी रुचि अभिरुचि में कभी कोई दखल नहीं रखने वाले थे मेरे पापा। हमारी शिक्षा का पूरा दायित्व हमारी माता जी संभालती थी। स्कूल व महाविद्यालय के शिक्षक व क्लर्क ऑफिस से पापा का परिचय रहता था। हमारी शिक्षिकाओं को भी यदि कभी कानूनी सहायता की आवश्यकता हुई तो वे पापा से मिली और पापा ने उनका कार्य कराने के लिए उन्हें कभी कैराना कचहरी के चक्कर नहीं काटने दिए किन्तु कभी पठन-पाठन या अंक बढ़ोतरी के संबंध में इस परिचय का उन्होनें अवैध लाभ लेने का प्रयास नहीं किया। पापा के स्वभाव की सहृदयता की न केवल हमारी शिक्षिकाएं बल्कि क्षेत्र के नागरिक मुक्त कंठ से प्रशंसा करते रहे हैं. ये पापा की सहृदयता का ही असर था कि हमारे राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में एक 'सैनी बहनजी' (विद्यालय में शिक्षिकाओं को दीदी और बहनजी कहने का ही नियम था) जो अपने पारिवारिक विषाद के कारण मानसिक संतुलन ...

स्वतन्त्र और निष्पक्ष विचारधारा के व्यक्तित्व थे कौशल प्रसाद जी -अरुण गर्ग

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कुमारी शालिनी कौशिक। मुझे यह जानकर बढी प्रसन्नता हुई कि आपके द्वारा अपने पिता श्री कौशल प्रसाद एडवोकेट पर एक पुस्तक छापी जा रही है। श्री कौशल प्रसाद जी को मैंने बहुत नजदीक से देखा और समझा है। वह एक स्वतन्त्र और निष्पक्ष विचारधारा के व्यक्तित्व थे। अपनी इसी खूबी के कारण वह एक लम्बे समय तक कैराना बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे। उनके साथ कई वर्षों तक कई-कई घंटे साथ बैठने का मौका मिलता रहा। उन्होंने मेरे द्वारा सम्पादित साप्ताहिक 'कांधला गजट समाचार पत्र के माध्यम से कस्बे की जन समस्याओं, चाहे वो नगर पालिका एवं पुलिस से सम्बन्धित रही, महिला महाविद्यालय की स्थापना एवं भूमि अधिग्रहण से ताल्लुक रखने वाली रही या किसी अन्य सरकारी विभाग को लेकर रही, उनको पूरी जोरदारी के साथ उठाया और 'कांधला गजट' को अपना निःस्वार्थ सहयोग देकर 'कांधला गजट' की जलती हुई व रास्ता दिखाने वाली, शमा को आलोचनाओं व व्यवधानों के तूफानों से बुझने नहीं दिया। "'कुछ खार कम तो कर गये गुजरे जिधर से वो " उनकी हमेशा यह सोच रही कि- "कलम का काम तो है बेजुबानों को जुबां देना  कलम से जुल्म के तलुए तो...

कैराना कचहरी के हर आदमी के दिल मे बसे हैं बाबू कौशल प्रसाद जी -बाबू बृज पाल जी

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  अभी पिछले दिनों बाबू बृज पाल जी से बात हुई, थोड़ी बातचीत के बाद पता चला कि वे छोटे भाई दीपक सैनी एडवोकेट जी के पिताजी हैं, पापा के बारे में बहुत जानकारी थी उनके पास, पर बहुत थोड़ी ही मैं सहेज पाई, उनके अनुसार कभी माननीय अब्दुल्ला खान जी कैराना कचहरी में जज रहे हैं, एक बार बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी उनकी कोर्ट में गए और उनसे किसी मुकदमे के बारे में मालूमात की जिसका उन्होंने कोई संतोष जनक उत्तर नहीं दिया तब बाबूजी ने उनसे कहा कवि हृदय तो पापा थे ही तो कुछ काव्यात्मकता के साथ कहा - " तुझको रखे राम तुझको अल्लाह रखे, दे दाता के नाम तुझको अल्लाह रखे" और यह कहकर कोर्ट से बाहर आकर हड़ताल की घोषणा कर दी और कह दिया कि खटौला यहीं बिछैगा।       हाई कोर्ट बेंच आंदोलन में जांच के मामले में बाबू बृज पाल जी के बयान होने थे, तब इलाहाबाद हाई कोर्ट से आए जस्टिस जैदी साहब के कंधे को थपथपाते हुए बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी ने कहा था कि न्याय कीजिए और यह कहने के बाद बृज पाल जी से बयान देने के लिए कहा और तब उन्होंने खुलकर बयान दिए थे.    बाबू बृज पाल जी के पास पापा से जुड़ी बह...

बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी कैराना की शान - सुशील कुमार एडवोकेट

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बाबू श्री कौशल जी कैराना की शान थे. उनके क़दमों पर कोई नहीं चल पाया है. वे जीवन भर बार एसोसिएशन कैराना के अधिवक्ताओं के लिए संघर्ष करते रहे और उन्होंने अधिवक्ताओं को कोर्ट में सम्मानित स्थान दिलाया था. आदरणीय बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी की मूर्ति कोर्ट परिसर में लगनी चाहिए ताकि आने वाले नए अधिवक्ताओं को उनसे सत्य और ईमानदारी के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले, बाबूजी को मेरा सादर नमन      सुशील कुमार            एडवोकेट  जिला कोर्ट शामली     स्थित कैराना

बाबू कौशल प्रसाद जी ने हमें सम्मानजनक स्थिति दी -चौधरी आसिफ चौहान एडवोकेट

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      Late Babu Kaushal Prasad Advocate Ji was a great man of Bar Association Kairana. When I came to practice in Kairana court in 2015, I could not meet him personally but  my senior and fellow advocates told me about his works which was done  for the welfare of advocates . I kept knowing something about it everyday. In this sequence, I came to know that at one time it was running three  Bars at Civil Court of Kairana - 1- Bar Association Kairana,  2- Youth Bar Association Kairana, and  3- Civil Bar Association Kairana.          But this was Babu Kaushal Prasad Advocate Ji who affiliated the Bar Association Kairana with the Bar Council of Uttar Pradesh on 8 July 1989 and made capable the advocates of Kairana in a respectable position to get help from the Bar Council of Uttar Pradesh and the other two Bars which were standing at par with Babuji's bar, neither got affiliated with the Honorable Bar Council of Uttar Pradesh b...

वकीलों के हितों को लेकर अड़ियल थे बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी - अशोक कुमार एडवोकेट

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" बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के अध्यक्ष बनने का मुख्य कारण यह था कि वह इतने अड़ियल थे कि अपनी वक़ालत की परवाह न करते हुए सदैव बार हित में संलग्न रहे और वे अड़ियल भी वकीलों के हितों को लेकर ही थे.        बाबू कौशल जी ने पूरा जीवन वकीलों के हित के लिए समर्पित किया और उन्हीं की देन है कि आज हम लोग जिला जज कोर्टमें वकालत कर रहे हैं बाबू जी ने सदैव वकील हित में काम किया. बार एसोसिएशन कैराना सदैव उनकी एहसानमंद रहेगी.   अशोक कुमार एडवोकेट  अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना"

Indeed a man of his calibre & stature should adorn the seat of an office bearer of the Bar Associations-Justice Bhanwar Singh

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  Justice Bhanwar Singh Director General Delhi Metropolitan Massage Late Kaushal Prashad Advocate, Member Bar Association Kairana was, as I have Known him, a simple but hard working person. He Had very keenly served the interest of his clients and never gave an opportunity of their being dissatisfied on any count, whatsoever. He courteous and well behaved person with all his fellow lawyers and believed in teamship. He was in favour of amicable relationship between the members of the bench and the Bar. When I as Administrative Judge visited Kairana, I was Invited by him to the local Bar Association and I  noticed that Mr. Kaushal Prashad ardently projected the cause of Lawyers. Indeed a man of his calibre & stature should adorn the seat of an office bearer of the Bar Associations. I pay my respectful tribute to the great human being. Justice Bhanwar Singh Director General Sunshine Educational & Development society  न्यायमूर्ति भंवर सिंह  महानिदेशक,  दिल्ल...

बाबू कौशल प्रसाद का बार एसोसिएशन के प्रति समर्पण ही था, जिसके कारण कैराना बार एसोसिएशन ने उन्हें 26 बार अध्यक्ष चुनकर सम्मान दिया-संस्मरण - श्री सुगन्ध जैन एडवोकेट

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    Mr Kaushal Prasad ji,                       "    As I realized     "   I was introduced to the revered Shri Kaushal Prasad ji when I entered in the legal practice as an advocate in the year 1981, He used to come frequently to meet my father Mr Satish Chand Jain Advocate and I always received  affection like a son from him. Since the death of my father, I had been in constant touch with him and whenever he came to Muzaffarnagar, he must came to meet me.  I learned that Shri Kaushal Prasad ji was a skilled advocate as well as a very diligent hard worker, he was constantly following the aim till the completion of the work he took in his hand. Shri Prasad ji was also very active in social life and before doing any work, he did not think about how many people would accompany him in doing the work, he used to walk alone and got many people to support him.  Shri Prasad ji was very ...

बाबू कौशल प्रसाद के कैराना बार के लिए समर्पण पर माननीय न्यायाधीश श्री चैतन्य कुमार कुलश्रेष्ठ के विचार

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 Hon'ble Judge Shri Chaitanya Kumar Kulshrestha ji, who was appointed twice in Kairana Court, was a Eyewitness of President of Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate Ji's struggles for the Court in Kairana and his dedication to Justice and Bar Association . In response to a Happy New Year message sent by Babuji on 29 January 2004, he wrote - "You have proved the mantra of "Sarve Bhavantu Sukhinah"(Everyone be cheerful ) by dedicating your life for the welfare of the people in selfless struggle. You have provided relief to the regional people by establishing F.T.C. Courts in Kairana Civil Court. After getting the jurisdiction of Civil Appeal, Revision will become even more convenient. Hope you get success for sure."  While appointed as Additional District Judge Moradabad, Hon'ble Judge Shri Chaitanya Kumar Kulshrestha ji, on the basis of experiences accumulated during his posting for the second time in Kairana Kachari, wrote on 9 January 200...

अधिवक्ताओं के ज्ञानवर्धन के लिए पुस्तकालय की अनुपम भेंट के लिए उत्तम प्रयास किये आदरणीय बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी ने - कुलदीप सिंघल एडवोकेट

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         आदरणीय बाबूजी के आशीर्वाद से ही बार एसोसिएशन कैराना ने मुझ जूनियर अधिवक्ता को बार एसोसिएशन कैराना का नामित सेक्रेटरी नियुक्त करते हुए सेक्रटरी के अधिकार प्रदान कर लखनऊ भेजा और तब मुझे तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार से मिलने वाली कंप्यूटर ई-लाइब्रेरी के लिए लखनऊ के सिटी पब्लिक स्कूल इन्द्रानगर लखनऊ में आयोजित राजकीय कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. आज भी बार एसोसिएशन कैराना के पुस्तकालय भवन में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दी गई ई-लाइब्रेरी लगी हुई है और उनके द्वारा दिए गए नामित सेक्रेटरी की फोटो प्रति मैंने आज भी उनकी याद में फ्रेम मे जड़कर अपने घर में लगाई हुई है. बार एसोसिएशन और अधिवक्ताओं के लिए अपने जीवन में हर समय प्रयत्नशील रहने वाले और उनके ज्ञानवर्धन के लिए पुस्तकालय की अनुपम भेंट के लिए उत्तम प्रयास करने वाले बाबू जी को सादर नमन 🙏🙏      कुलदीप सिंघल            एडवोकेट जिला कोर्ट शामली        स्थित कैराना 

जात-बिरादरी की छोटी सोच से बहुत ऊपर थे बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट-अमित धीमान एडवोकेट

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        बाबूजी बहुत ही नेक दिल इंसान थे. जूनियर और सीनियर का फर्क नहीं जानते थे. उनके लिए अधिवक्ता होना ही बहुत था चाहे वह किसी भी जात - बिरादरी कैटेगरी के हों. बाबूजी की यही बात मुझे बहुत पसंद थी कि वे जात - बिरादरी की कैटेगरी से ऊपर होकर केवल और केवल अधिवक्ता हित की ही बात करते थे और अधिवक्ता किसी भी जात - बिरादरी का हो, वे उसकी मदद के लिए एकदम तैयार रहते थे. मुझे याद है कि एक बार मुझे कुछ प्रॉब्लम हुई तो वे उसके लिए कचहरी के सीनियर अधिवक्ताओं से भिड़ गए थे. ऐसे जात - बिरादरी की छोटी सोच से बहुत ऊपर रहकर सभी अधिवक्ताओं के हित में जीवन लगाने वाले बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी को सादर नमन 🙏🙏        अमित धीमान               एडवोकेट   जिला कोर्ट, शामली स्थित कैराना 

बार को बाबूजी जैसी शख्सियत दोबारा मिलना मुश्किल -संस्मरण- राकेश कौशिक एडवोकेट

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  बाबू कौशल प्रसाद जी ! एक ऐसा नाम जिसका स्मरण होते ही द्रढ़ निश्चयी,स्पष्ट वक्ता, बार के लिये समर्पित आदि अनेकों छवि उभरती है।      बाबू कौशल प्रसाद जी से मेरा संपर्क उस समय से था जब तक वकालत करने की सोची भी नही थी।मेरे बडे भाई डा० विनोद शर्मा काँधला में प्रसिद्ध चिकित्सक थे । उनसे बाबू कौशल प्रसाद जी छोटे भाई की तरह स्नेह करते थे और इन्हीं संबंधो के कारण वो मुझे भी छोटे भाई की तरह स्नेह करते थे। मैं उन्हें भाई साहब कहा करता था।      कैराना में एसीजेएम की कोर्ट की स्थापना हुई और कैराना ,शामली,थाना भवन व झिंझाना थानो का कार्य मुजफ्फरनगर से कैराना आ गया। इन थानों का आर्थिक अपराध के मुकदमे भी कैराना आये । मैं उस समय मुजफ्फरनगर न्यायालय में वकालत करता था तथा मुख्यत: आर्थिक अपराधों के मुकदमे ही  देखता था। काफी मुकदमें कैराना आ गये थे। केवल सोमवार व मंगलवार को इन मुकदमों की सुनवाई होती थी। इन मुकदमों के कारण सोमवार व मंगलवार को कैराना में नियमित आने लगा था ।      लगभग एक साल बाद मुझे किसी कार्यवश बार से कैराना में वकालत करने के प्रमाणपत्र...

बाबू कौशल प्रसाद जैसा बार का अध्यक्ष न पहले कभी हुआ है और न आगे कभी होगा -संस्मरण - प्रमोद राणा एडवोकेट

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Babu Kaushal Prasad was always engaged in the interests of the advocates of the bar. Whenever we went to him for any work, he always stood firmly with us. He did not give importance to factionalism, even if he was a member of any faction before the election, but after the election he was the president of all the advocates. He was fearless, used to talk directly to the judges about the interests of the lawyers. It was in his habit to maintain respect for the Bar and speak directly to the officials for the interests of lawyers He was the president of the Bar Association Kairana for a long time, twenty six years. Not only Bar but any employee of the court used to take his help for their interests. I am associated with RLD and my leader honorable Ajit Singh ji also told me that - "brother your's President ji is a real Struggler and l strongly believe that Bar Association Kairana will not get such president again. कौशल प्रसाद बार के अधिवक्ताओं के हित में हर वक्त लगे रहते थे .हम उनक...

हम नये अधिवक्ताओं के साथ खड़े थे बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट - इमरान चौहान एडवोकेट

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        जुलाई वर्ष 2003 में मैंने विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त कर बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया , फिर चौधरी मुनेंद्र सिंह एडवोकेट जी के साथ उनके जूनियर के रूप में विधिक व्यवसाय शुरू किया .बाबू मुनेद्र के साथ में 2 वर्ष तक रहा और उनसे काफी कुछ विधिक व व्यवहारिक ज्ञान सीखा और फिर मैंने वर्ष 2006 से स्वतंत्र रूप से वकालत शुरू की .उस समय बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जूनियर अधिवक्ताओं के हितार्थ बार एसोसिएशन कैराना के पदाधिकारी रहते हुए और कभी कभी कार्यकारिणी में न रहते हुए भी काफी कुछ कार्य कर रहे थे ,जैसे नए अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर की व्यवस्था तथा अदालतों और कार्यालयों में किसी भी अधिवक्ता को परेशानी का सामना न करना पड़े और इस सबके लिए बाबूजी हम नये अधिवक्ताओं के साथ खड़े थे.        वर्ष 2006 की बात है कि मैंने नकल विभाग में फौजदारी मे पत्रावली की सम्पूर्ण ऑर्डर शीट लेने के लिए नकल सवाल दाखिल किया, उस समय नकल विभाग में हेड बाबू समय सिंह हुआ करते थे. उस समय नकल विभाग में यह चलन था कि एक डेट की ऑर्डर शीट के...

कभी भी अपने निजी हित को आड़े नहीं आने दिया बाबू कौशल प्रसाद जी ने - आलोक मिश्रा एडवोकेट

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आदरणीय बाबू कौशल प्रसाद जी एडवोकेट के सम्मान में कुछ कहना या लिखना सूरज को दीपक दिखाने के समान है .वर्ष 1990 से कैराना न्यायालय प्रांगण में आने के बाद मेरा अत्यधिक सौभाग्य रहा कि मुझे बाबू कौशल प्रसाद जी जैसे धनी व्यक्तित्व की शख्सियत का वरदहस्त प्राप्त हुआ .बाबूजी जैसे सज्जन ,ईमानदार व् कर्त्तव्यनिष्ठ तथा सम्पूर्ण जीवन अधिवक्ता हित में समर्पण करने वाले दूसरा व्यक्तित्व मेरे अब तक के विधि व्यवसाय जीवन में नहीं आया .             बाबू कौशल प्रसाद जी अधिवक्ता हित के लिए तथा बार एसोसिएशन कैराना की उन्नति हेतु अहर्निश प्रयत्नशील रहते थे ,जिसके लिए उन्होंने न कभी दिन देखा न कभी रात देखी, न जात देखी न बिरदारी देखी. कौशल प्रसाद जी वास्तव में विधि मस्तिष्क के व्यक्तित्व थे ,साथ ही कवि हृदय होने के कारण बहुत ही साफ ,निर्मल मन के स्वामी थे .अधिवक्ता हित के लिए उन्होंने कभी भी अपने निजी हित को आड़े नहीं आने दिया .इसी कारण उनका जीवन ईमानदारी से पूर्ण अत्यंत सादगी भरा था. मेरी याद में बाबूजी कई बार न्यायालय कक्ष में ही पीठासीन अधिकारियों से अधिवक्ता हि...

शायद ही अन्य कोई वकील भ्रष्टाचार के खिलाफ इतना अड़ कर अपने मुवक्किल के साथ खड़ा हो पाता-हनीफ अहमद

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हमारे पिताजी की कांधला में स्टेट बैंक के पास लॉन्ड्री की शॉप थी, जो उन्होंने 73 रुपये महावार पर लगभग बीस वर्ष से लाला बद्री प्रसाद जी से किराये पर ली हुई थी। अस्सी के दशक में दुकान मालिक ने हमसे दुकान खाली करने के लिए कहा। यह हमारे लिए संभव नहीं था। पिताजी बीमार चल रहे थे और हमारा परिवार बड़ा था जिसके भरण-पोषण के लिए यह शॉप हमारा मजबूत सहारा थी। दुकान की लोकेशन परिवर्तित करने से हमारा व्यवसाय ठप्प हो जाता। अतः कैराना अदालत में 'बशीर अहमद बनाम बद्री प्रसाद' मुकदमा बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी से दायर कराया। इसमें हमारी जीत हुई। विपक्षियों ने इस निर्णय के विरुद्ध अपर जिला जज न्यायालय में अपील कर दी। उनके वकील बाबू तेजेंद्र कुमार थे और हमारे बाबू कौशल प्रसाद जी ही थे।       मुकदमे के दौरान हमारे पिता जी श्री बशीर अहमद व विपक्षी लाला बद्री प्रसाद की मृत्यु हो जाने के कारण दोनों पक्षों के वारिस कायम कराये गये। लाला बद्री प्रसाद के पोते श्री मनोज अग्रवाल व मैंने (हनीफ अहमद) ने मुकदमे में पैरवी की। मुकदमे की अपील में तत्कालीन अपर जिला जज श्री मुन्नी लाल ने किरायेदारी कानून का खुल...

बाबू कौशल जी ने जो शपथ ली, निडरता-निष्पक्षता से निभाई-अवनीश गोयल एडवोकेट

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बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी ने बार एसोसिएशन कैराना के अध्यक्ष चुने जाने पर जो शपथ ग्रहण की, उस शपथ को सदैव निडरता पूर्वक और निष्पक्षता के साथ निभाया. बाबू कौशल प्रसाद जी से संबंधित एक प्रसंग मुझे याद आता है। एक बार मेरा ओथ कमिश्नर का फार्म किसी कारणवश जमा नहीं हो पाया था। बाबू कौशल प्रसाद जी के संज्ञान में जब यह आया तो उन्होंने मुझसे कहा कि तुम मुझे इसी समय अपनी प्रार्थना पत्र दो मैं कल ही जिला जज साहब मु०नगर से मिलकर तुम्हारा नाम लिस्ट में शामिल करवाने की मांग करता हूँ। इसके बाद मुझे पता लगा कि मेरा नाम लिस्ट में शामिल हो गया है। ऐसे थे वकीलों और समाज के लिए जीवन समर्पित करने वाले बाबू कौशल प्रसाद जी एडवोकेट लेकिन इस मतलबी दुनिया में किसी को इन सबसे क्या? अब भी जब कभी वकीलों की कोई समस्या होती है तब मैं व सभी अधिवक्ता उनकी निडरता और समर्पण भावना को याद करते हैं। वे आज भी वकीलों के दिलों में जिंदा है धन्य हैं वीर सपूत बाबू जी को सादर नमन💐 द्वारा अवनीश गोयल (एडवोकेट) पूर्व कोषाध्यक्ष बार एसोसिएशन, कैराना

सबसे अलग रुतबा था बाबू कौशल प्रसाद जी का-विशाल भटनागर

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शायर ने क्या खूब शायरी की होगी इन चंद पंक्तियों के साथ- "मंजिलों की खोज में तुमको जो चलता-सा लगा, मुझको तो वो जिंदगी भर घर बदलता-सा लगा, धूप आई तो हवा का दम निकलता-सा लगा, और सूरज भी हवा को देख जलता-सा लगा।।" संजय ग्रोवर     आज मैं ईमानदार और रूतबा कायम करने वाले ऐसे ही एक अधिवक्ता के जीवन पर लिखने का प्रयास कर रहा हूँ, जिन्होंने न केवल लंबे समय तक एक काविल अधिवक्ता के रूप में कैराना कचहरी में वकालत की बल्कि बार एसोसिएशन कैराना जैसी सुदृढ़ संस्था को खड़ा कर अधिवक्ता हित में दो दशक से ज्यादा समय तक इसके अध्यक्ष पद को सुशोभित भी किया।        कहते हैं कि जब इच्छा शक्ति प्रबल हो तो मुश्किलें भी अपने आप ही आसान हो जाती हैं. बाबू कौशल प्रसाद जी ने एक ईमानदार अधिवक्ता के रूप में जो वकालत की यात्रा आरंभ की वह अनेक उतार चढ़ावों के बावजूद निरंतर जारी रही।        यही ईमानदारी उनके भीतर उस दृढ़ इच्छा शक्ति को प्रगाढ़ करती रही जिसके बल पर उन्होंने बार एसोसिएशन कैराना को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से सम्बद्ध कराकर समस्त अधिवक्ताओं को बार एसोसिएशन कैर...

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कैराना में अदालतों की स्थापना हेतु संघर्ष व सफलता Struggle and success for the establishment of courts in Kairana  कांधला क्षेत्र व राजकीय महिला महाविद्यालय कांधला हेतु सजग प्रयास Conscious efforts for Kandhla area and Government Women's College, Kandhla अधिवक्ता-हित हेतु संघर्ष Struggle for the welfare of the advocates